सबूत न होने के बावजूद मुझ पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण: जयसूर्या
भ्रष्टाचार निरोधक जांच में अड़चन डालने के लिये मंगलवार को दो साल के लिये प्रतिबंधित किये गये सनथ जयसूर्या ने इस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया।
कोलंबो। भ्रष्टाचार निरोधक जांच में अड़चन डालने के लिये मंगलवार को दो साल के लिये प्रतिबंधित किये गये सनथ जयसूर्या ने इस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और दावा किया कि आईसीसी के पास उनके खिलाफ ‘भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी या आंतरिक सूचना के दुरूपयोग’ कोई सबूत नहीं है। श्रीलंकाई क्रिकेट में बड़े स्तर पर फैले भ्रष्टाचार की आईसीसी की जांच के दौरान जयसूर्या से पूछताछ की गयी थी। उन्हें आईसीसी आचार संहिता के अनुच्छेद 2–4–6 और 2–4–7 के उल्लंघन का दोषी पाया गया है।
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इसमें अनुच्छेद 2–4–6 बिना किसी उचित कारण के एसीयू की किसी जांच में सहयोग नहीं करना या उसमें नाकाम रहने’ तथा अनुच्छेद 2–4–7 ‘‘एसीयू की किसी जांच में देरी या बाधा पहुंचाने से संबंधित हैं। जयसूर्या ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भले ही मैंने अधिकारियों द्वारा मांगी गयी सारी जानकारी आईसीसी एसीयू को उपलब्ध करायी थी लेकिन आईसीसी एसीयू ने मुझ पर संहिता के तहत आरोप लगाना उचित समझा हालांकि भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी या आंतरिक सूचना के दुरूपयोग का कोई आरोप नहीं था।’
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जयसूर्या ने कहा कि उन्होंने हमेशा उच्च मानदंडों के साथ यह खेल खेला। उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा देश को सबसे पहले रखा और क्रिकेट प्रेमी जनता इसका गवाह रही है। मैं श्रीलंका की जनता और अपने प्रशंसकों का आभार व्यक्त करता हूं जो इस मुश्किल दौर में मेरे साथ खड़ी है।’
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