सानिया और माटेक सैंड्स ने विंबलडन चैंपियनशिप के महिला युगल के दूसरे दौर में जगह बनाई

Sania
अभिनय आकाश । Jul 1 2021 9:14PM

ने विंबलडन चैंपियनशिप के महिला युगल के दूसरे दौर में जगह बना ली है। सानिया और माटेक-सैंड्स की शुरुआत धीमी रही लेकिन लय हासिल करने के बाद दोनों ने मैच पर अपना दबदबा कायम रखा और एक घंटे 27 मिनट में अमेरिकी-चिली की जोड़ी के खिलाफ 7-5, 6-3 से जीत दर्ज की।

सानिया मिर्जा और उनकी अमेरिकी जोड़ीदार बेथानी माटेक-सैंड्स ने गुरुवार को विंबलडन चैंपियनशिप के महिला युगल के दूसरे दौर में जगह बनाई। सानिया मिर्जा और बेथानी माटेक सैंड्स की जोड़ी ने छठी वरीयता प्राप्त देसीरा क्रावज़िक और एलेक्सा गुआराची को हराकर महिला युगल स्पर्धा के दूसरे दौर में प्रवेश किया। सानिया और माटेक-सैंड्स की शुरुआत धीमी रही लेकिन लय हासिल करने के बाद दोनों ने मैच पर अपना दबदबा कायम रखा और एक घंटे 27 मिनट में अमेरिकी-चिली की जोड़ी के खिलाफ 7-5, 6-3 से जीत दर्ज की। रोहन बोपन्ना और दिविज शरण हालांकि पुरूष युगल वर्ग के पहले ही दौर में एडुआर्ड रोजर वेसलीन और हेनरी कोटिनेन से 6 . 7, 4 . 6 से हारकर बाहर हो गए। दोनों ने तोक्यो ओलंपिक के लिये जोड़ी बनाई थी लेकिन क्वालीफाई नहींक र सके। सानिया और बेथानी पर मैच की शुरुआत में हीदबाव आ गया जब तीसरे गेम में बेथानी की सर्विस पर सात बार ड्यूस हुआ। अमेरिकी खिलाड़ी ने तीन डबल फॉल्ट किए लेकिन तीन ब्रेक प्वाइंट बचाने के बाद अपनी सर्विस भी बचा ली। सानिया और बेथानी को भी विरोधी की सर्विस तोड़ने का मौका मिला जब अमेरिकी खिलाड़ी ने नेट पर वॉली पर अंक बनाने का मौका गंवा दिया।

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बायें हाथ की खिलाड़ी डेसिरे ने इसके बाद शानदार सर्विस करते हुए अपनी सर्विस बचाई। एलेक्सा ने 12वें गेम में 15-30 पर सर्विस करते हुए फोरहैंड बाहर मारकर विरोधी जोड़ी को दो सेट प्वाइंट दिए और सानिया ने स्मैश के साथ पहला सेट जीत लिया। दूसरे सेट में सानिया और बेथानी ने एक बार फिर एलेक्सा की सर्विस तोड़कर 3-1 की बढ़त बनाई जिसके बाद इस जोड़ी को सेट और मैच जीतने में कोई परेशानी नहीं हुई। अंकिता रैना गुरुवार को ही अमेरिका की अपनी जोड़ीदार लॉरेन डेविड के साथ उतरेंगी। यह पहली बार होगा जब ग्रैंडस्लैम के मुख्य ड्रॉ में दो भारतीय महिला खिलाड़ी खेलेंगी। अंकिता लगातार तीसरे ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में खेल रही हैं। उन्होंने इसी साल आस्ट्रेलियाई ओपन के साथ ग्रैंडस्लैम में पदार्पण किया था। सानिया 2005 से ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इससे पहले भारतीय-अमेरिकी शिखा ओबेरॉय ने 2004 में अमेरिकी ओपन के महिला एकल के लिए क्वालीफाई किया था और जापान की साओरी ओबाता के खिलाफ पहले दौर का मुकाबला जीता भी था लेकिन इसके बाद वीनस विलियम्स से हार गई। शिखा इसके बाद कभी ग्रैंडस्लैम के मुख्य ड्रॉ में जगह नहीं बना सकी। निरूपमा वैद्यनाथन 1998 में आस्ट्रेलियाई ओपन में जगह बनाने के बाद ग्रैंडस्लैम मुख्य ड्रॉ में खेलने वाली पहली महिला एकल खिलाड़ी बनी थी। निरूपमा मांकड़ 1971 में आनंद अमृतराज के साथ विंबलडन के मिश्रित युगल में खेली थी।

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