लॉकडाउन में घर पर अकेली स्कवाश खिलाड़ी जोशना सीख रही है नयी चीजें

joshna chinappa

राष्ट्रव्यापी बंद के बीच घर पर अकेली रह रही है लेकिन इस दौरान उन्हें जिंदगी के नये अनुभव मिल रहे हैं। जोशना की मां चेन्नई में कहीं और रहती है जबकि पिता कूर्ग में हैं। ऐसे में उन्हें वह सब काम भी करने पड़ रहे हैं जो उन्होंने पहले कभी नहीं किये।

नयी दिल्ली। साल में 200 दिन यात्रा करने की आदी भारत की शीर्ष स्क्वाश खिलाड़ी जोशना चिनप्पा राष्ट्रव्यापी बंद के बीच घर पर अकेली रह रही है लेकिन इस दौरान उन्हें जिंदगी के नये अनुभव मिल रहे हैं। जोशना की मां चेन्नई में कहीं और रहती है जबकि पिता कूर्ग में हैं। ऐसे में उन्हें वह सब काम भी करने पड़ रहे हैं जो उन्होंने पहले कभी नहीं किये।

जोशना ने चेन्नई से प्रेस ट्रस्ट से कहा ,‘‘ घर में साढे तीन हफ्ते। शुरूआत में अच्छा लगता है कि आराम करेंगे क्योंकि अब तक तो यात्रा ही करते आये हैं।लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बाद अजीब लगने लगता है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं वह सब भी कर रही हूं जो पहले कभी नहीं किया। किराने की दुकान पर जाना तक अद्भुत अनुभव लग रहा है। लेकिन वह सभी के लिये है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे सिर पर छत है। कइयों के पास नहीं है। ’’ कोरोना वायरस के कारण जुलाई तक स्क्वाश का कोई टूर्नामेंट नहीं है।

जोशना ने कहा ,‘‘मेरे लिये सबसे बड़ी चुनौती मानसिक स्वास्थ्य है। घर में खेल से दूर रहकर अजीब सा लग रहा है। समय का पता ही नहीं चल रहा कि सोमवार है या शनिवार। देर से सोना और देर से उठना यही दिनचर्या बन गई है। ’’ उन्होंने कहा ,‘‘ लेकिन इस समय बड़ी चुनौती खेल से इतर है।खेल इस समय जिंदगी का बहुत छोटा पहलू है। हम इस दौर को हराकर वापसी करेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़