वर्ल्ड गवर्निंग बॉडी ने दी धमकी, इंटरनेशनल लेवल पर भारत को कुश्ती से कर दिया जाएगा सस्पेंड, यहां जानें पूरा मामला

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Kusum । Jan 25 2025 4:45PM

अगर UWW भारत को राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए निलंबित करता है तो देश के पहलवानों को भविष्य में इंटरनेशनल लेवल पर भाग लेने की अनुमति नहीं मिलेगी। जो भारत के उन कई रेसलर्स के लिए झटका होगा जो इस खेल में अपना भविष्य देख रहे हैं और ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को मेडल जिताने का सपना देख रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय लेवल पर कु्श्ती की गवर्निंग बॉडी UWW यानी यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने धमकी दी है।  UWW की इस धमकी में कहा गया है कि अगर भारतीय महासंघ में राजनीतिक हस्तक्षेप जल्द खत्म नहीं हुआ तो वह भारत को सस्पेंड कर दिया जाएगा। 

 

ऐसे में अगर  UWW भारत को राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए निलंबित करता है तो देश के पहलवानों को भविष्य में इंटरनेशनल लेवल पर भाग लेने की अनुमति नहीं मिलेगी। जो भारत के उन कई रेसलर्स के लिए झटका होगा जो इस खेल में अपना भविष्य देख रहे हैं और ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को मेडल जिताने का सपना देख रहे हैं। 

 UWW प्रेसिडेंट नेनाद लालोविक ने साफ कर दिया है कि WFI की सदस्यता बरकरार रखी जानी चाहिए। खेल मंत्रालय ने WFI को निलंबित कर दिया था, इससे पहले महासंघ ने दिसंबर 2023 में चुनाव करवाए थे। मंत्रालय के निलंबन को आधार बनाते हुए पहलवान सत्यव्रत कादियान ने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर कर WFI के भारतीय टीमों के सेलेक्शन के अधिकार पर सवाल उठाया था। 

यही कारण है कि भारतीय टीमें वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से लगभग चूक गई थीं। मंत्रालय ने टीम को मंजूरी देने के बाद कहा था कि वह निलंबन की समीक्षा करेगा। यहां तक कि अदालत ने मंत्रालय से निलंबन पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था। अदालत ने तदर्थ पैनल को भी बहाल कर दिया था, लेकिन IOA ने ये भी कहते हुए आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया कि इसकी जरुरत नहीं है। 

 

यहां तक कि, सरकार ने भी महासंघ के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में कुछ बैठकों में भाग लेने के लिए WFI अध्यक्ष संजय सिंह को आमंत्रित किया था। गुरुवार को UWW प्रेसिडेंट नेनाद लालोविक ने संजय सिंह को एक पक्ष लिखा कि वह WFI को भारत में कुश्ती के खेल और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रतिनिधित्व से संबंधित सभी मामलों में हमारे लिए एकमात्र मध्यस्थ के रूप में स्वीकार करते हैं। 

उन्होंने कहा कि, UWW हमारे सदस्य महासंघों के आंतरिक मामलों में सार्वजनिक और राजनीतिक अधिकारियों द्वारा किसी भी तरह का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करता है सिवाय राष्ट्रीय महासंघों को सार्वजनिक अनुदान के उपयोग के नियंत्रण से संबंधित मामलों को छोड़कर।  

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