इन चालान मैसेज से हो सकता है आपका बैंक अकाउंट, ऐसे बच सकते हैं इस तरह के स्कैम से

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Kusum । Jul 14 2025 5:13PM

ई-चालान स्कैम, जो वाहन मालिकों के बीच तेजी से फैल रहा है। इसमें वॉट्सऐप या SMS के जरिए MParivahan या RTO के नाम पर एक ई-चालान भेजा जाता है। मैसेज खोलते ही जो जानकारी और लिखने का फॉर्मेट आप देखेंगे उससे आपका बैंक अकाउंट पूरी तरह से खाली हो सकता है।

इस समय कई नए और अनोखे स्कैम देखने को मिल रहे हैं। इनमें से एक है ई-चालान स्कैम, जो वाहन मालिकों के बीच तेजी से फैल रहा है। इसमें वॉट्सऐप या SMS के जरिए MParivahan या RTO के नाम पर एक ई-चालान भेजा जाता है। मैसेज खोलते ही जो जानकारी और लिखने का फॉर्मेट आप देखेंगे उससे आपका बैंक अकाउंट पूरी तरह से खाली हो सकता है। 

इस नए ई-चालान स्कैम में चालान से जुड़े टेक्स्ट के साथ एक फाइल भी भेजी जाती है, जो असल में Pdf फॉर्मेट में होनी चाहिए, लेकिन ये एक APK फाइल होती है जो अगर आपके फोन में डाउनलोड और इंस्टॉल हो गई तो समझो आपके फोन का पूरा कंट्रोल स्कैमर के हाथ में जा सकता है। 

ऐसे काम करता है ई-चालान स्कैम

यूजर को व्हॉट्सऐप के जरिए पर एक ई-चालान मैसेज मिलता है, जिसमें बकायदा M-Parivahan नाम दिखाई देता है। मैसेज की शुरुआत violation case या इस तरह के शब्दों से होती है और उसके बाद एक लंबे  मैसेज में चालान नंबर, दिन और तारीख, लोकेशन, चालान का अमाउंट, सब कुछ इस तरह से लिखा होता है कि मानों ये RTO ने ही भेजा हो। 

इसमें ये भी लिका होता है कि ई-चालान को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट व ऐप से या नजदीकी ट्रैफिक पुलिस ऑफिस में ऑफलाइन भरें। 

हालांकि, अली स्कैम यहां नहीं, बल्कि इस मैसेज के साथ आई एक फाइनल से होता है। इस मैसेज में एक फाइल भेजी जाती है जिसका नाम ई-चालान रिपोर्ट, परिवहन, चालान इत्यादि होता है। 

ये पीडीएफ एक्सटेंशन नहीं, बल्कि APK एक्सटेंशन वाली फाइनल होती है।  APK एक्सटेंशन ऐप्स के लिए यूज होती है, जिसका सीधा मतलब है कि ये एक फेक, मैलिशियस ऐप होता है जो डाउनलोड होते ही आपके फोन में इंस्टॉल हो सकता है। 

APK एक्सटेंशन ऐप्स के लिए यूज होती है जिसका सीधा मतलब है कि ये एक फेक, मैलिशियस ऐप होता है जो डाउनलोड होते ही आपके फोन में इंस्टॉल हो सकता है। 

इंस्टॉल होने के बाद ये फेक ऐप स्कैमर्स को आपके फोन के एसएमएस, कॉल लॉग और ओटीपी एक्सेस करने में मदद कर सकता है या उसे रिमोट एक्सेस दिला सकता है। इस तरह आपकी निजी डिटेल्स चोरी हो सकती है या आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। 

स्कैम से ऐसे बचें

इस तरह का मैसेज आते ही सबसे पहले उसे रिपोर्ट करें और नंबर को ब्लॉक करें। आप नंबर की शिकायत भारतीय साइबर सेल से भी कर सकते हैं। किसी भी तरह के एसएमएस या व्हॉट्सऐप मैसेज में मिलने वाली फाइल को डाउनलोड करने से बचे। अगर फाइल के बजाय लिंक है तो भी उसपर भूलकर भी टैप न करें। अपने चालान को हमेशा अपने राज्य की ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट पर या परिवहन पोर्टल के जरिए ही चेक करें या उसका भुगतान करें। 

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