सरकार ने दी चेतावनी! Deepseek AI और ChatGPT का इस्तेमाल न करें

हाल ही में सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि कर्मचारियों को चैटजीपीटी और डीपसीक सहित अन्य एआई सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने से माना किया है। सरकारी डॉक्युमेंट और डेटा प्राइवेसी का खतरा बताते हुए ऑफिस नें इन एआई प्लेटफॉर्म का प्रयोग न करें।
हालिए में सरकार ने Deepseek AI की प्राइवेसी को लेकर सवाल खड़े किए है। आपको बता दें कि, कई देशों में इसके लॉन्च होने बाद बैन भी कर दिया था। भारत सरकार ने भी चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई प्लेटफॉर्म्स को लेकर चेतावनी जारी की है। इतना ही नहीं, वित्त मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों को AI टूल्स का इस्तेमाल न करने के लिए कहा है। रकारी डॉक्युमेंट और डेटा प्राइवेसी का खतरा बताते हुए ऑफिस नें इन एआई प्लेटफॉर्म का प्रयोग न करें। इस पर सरकार का कहना है कि इनका यूज करने से सरकार के कॉन्फिडेंशिय डॉक्युमेंट और डेटा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
क्या है DeepSeek AI
Deepseek AI एक एडवांस्ड AI मॉडल है जिसको हांग्जो स्थित इसी नाम की एर रिसर्च लैब ने डेवलप किया है। आपको बता दें कि, इसकी स्थापना 2023 में लियांग वेनफेंग ने की थी, जो कि AI और क्वांटिटेटिव फाइनेंस में बैकग्राउंड वाले एक इंजीनियर हैं। Deepseek-v3 एक मॉडल और एडवांस्ड ओपन-सोर्स एआई प्लेटफॉर्म है। दरअसल, यह OpenAI के ChatGPT के पीछे छोड़ते हुए एपल के ऐप स्टोर पर टॉप रेटेड फ्री एप बन चुका है। इस एप को यूएस, यूके और चीन में काफी सफलता प्राप्त हो चुकी है।
इन देशों में बैन हैं Deepseek AI
डेटा प्राइवेसी जोखिमों का हवाला देते हुए डीपसीक एआई ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने इसके यूज पर बैन लगा दिया है। इसके मदद से ट्रांसलेशन, समरी जनरेशन और इमेज बनाने के लिए काफी आसानी होती है, जिससे इसका प्रयोग सरकारी दफ्तारों में होने लगा है।
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