बिरयानी हो तो हैदराबादी हो...वाकई इसके स्वाद का कोई जवाब नहीं

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पिछले दिनों हैदराबाद जाना हुआ तो पेट में बिरयानी बिरयानी होता रहा। उस दिन हम घूमने निकले तो मैंने अपने साढू कमलेश से कहा आज बिरयानी भी खा लेते हैं। उन्होंने अपनी पत्नी को फोन किया कि आप लंच कर लें हम बिरयानी खाने जा रहे हैं।

स्वाद चुंबक की मानिंद होता है। कुछ चीज़ें खाने का हम बरसों इंतज़ार करते हैं लेकिन खा नहीं सकते। इस नहीं खा सकने में व्यक्तिगत, पारिवारिक, धार्मिक या आर्थिक लोचे हो सकते हैं। कभी अवसर सामने खड़ा होता है और हम आगे बढ़ जाते हैं। पिछले दिनों हैदराबाद जाना हुआ तो पेट में बिरयानी बिरयानी होता रहा। उस दिन हम घूमने निकले तो मैंने अपने साढू कमलेश से कहा आज बिरयानी भी खा लेते हैं। उन्होंने अपनी पत्नी को फोन किया कि आप लंच कर लें हम बिरयानी खाने जा रहे हैं। 


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विविध स्वादों की धरती, चार सौ साल पुराने हैदराबाद जाकर आप गोलकुंडा फोर्ट, चार मीनार या चकित कर देने वाले अनुभवों से गुजरने के लिए रामोजी फिल्म सिटी में थक आओ लेकिन जब तक आपने दुनिया भर में मशहूर हैदराबादी बिरयानी हज़म नहीं की तब तक समझिए आप हैदराबाद के नहीं हुए। बिरयानी कभी राजसी खाना होता था अब वक़्त बदलने के साथ यहाँ बिरयानी खाने की अनगिनत जगहें हैं। लेकिन कहते हैं एक दो जगह तो ऐसी होती ही है जो मानी जाती है अपने मूल, असली व विश्वसनीय स्वाद के लिए। बिरयानी पूरे देश में उपलब्ध है लेकिन यह लाजवाब स्वाद लेने के लिए दुनिया भर से लोग हैदराबाद आते हैं। बेशक डिजिटल होती ज़िंदगी में आप घर बैठे बिरयानी खा सकते हैं लेकिन जैसे किताब को हाथ में पकड़ कर पढ़ने का जो मज़ा है वैसा ही खाने का मज़ा तो रसोई के पास ही है। प्रोसेसिंग व पैकेजिंग ने स्वाद संवारा नहीं बिगाड़ा है।

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बिरयानी परोसने का एक तरीका है। इसे आप खुद नहीं परोस सकते यदि आप को पता नहीं है। कमलेश ने बताया कि बिरयानी लाने वाला ही सर्व करेगा। सर्व करने के लिए उन्होंने विशेष तरीके से बिरयानी वाले बर्तन में चम्मच डाला और पहले चावल आपकी प्लेट में डाले गए फिर मसाले के साथ मीट या चिकन। इसमें बासमती का हर चावल अलग अलग है यह न कम, न ज़्यादा बल्कि सही पके हुए हैं। कम ग्रेवी में मसालों का सम्मिश्रण बेहद संतुलित व उम्दा है। केसर की विशिष्ट खुशबू इसमें खूबसूरत रंग और बेमिसाल स्वाद उगाती है। बिरयानी खाने से पहले या इसके साथ सलाद न खाने की सलाह दी जाती है। हां, साथ में पतली-सी दही, हरी चटनी और सालन परोसा जाता है। वैसे शाकाहारी बिरयानी भी यहां उपलब्ध है लेकिन बिरयानी का सही मज़ा लेना हो तो मीट या चिकन बिरयानी में ही लिया जा सकता है। खाते समय, यहां अनेक मसाले काँच के बड़े बड़े मर्तबान में सजे देख स्वाद और बढ़ गया। यहाँ बैठने व परोसने का तरीका सहज पारम्परिक है। यहां जो भी आता है स्वाद के कारण और स्वाद के कारण ही विश्व ब्रैंड बन जाने के कारण। टेक होम सुविधा है। इस जगह देश विदेश में मशहूर फिल्मी सितारे, क्रिकेट सितारे आ चुके हैं। यहाँ लगभग चार सौ लोग एक साथ खा सकते हैं।

-संतोष उत्सुक

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