रजरप्पा सिर्फ पिकनिक स्पॉट नहीं धार्मिक स्थल भी है

रजरप्पा में दामोदर नदी में लोग अपने प्रियजनों के अस्थि कलश प्रवाहित करते हैं। ये लोग दिसम्बर के महीने में समूह बनाकर आते हैं। ज्यादातर लोग झारखंड, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला जिले के होते हैं।
झारखंड के रामगढ़ जिले में रजरप्पा वाटरफॉल और यहां मौजूद शक्तिपीठ पूरे बिहार-झारखंड का ही नहीं बल्कि दूर-दराज के पर्यटकों के लिए भी बेहतरीन पर्यटक स्थल है। रजरप्पा रामगढ़ से 28 किलोमीटर दूर है। हिंदुओं के इस महत्वपूर्ण शक्तिपीठ को पूजने हर दिन करीब तीन हजार श्रद्धालु आते हैं। यह शक्तिपीठ पूरी तरह मां काली को समर्पित है, जिन्हें वेद, पुराणों के अनुसार यहां 'छिन्नमस्तिका' के नाम से भी जाना जाता है।
छिन्नमस्तिका का यह मंदिर कलात्मक होने के कारण देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। यह मंदिर बेहद पुराना है। मुख्य मंदिर के अलावा यहां और भी मंदिर हैं, जो भगवान सूर्य, भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं को समर्पित हैं। मुख्य मंदिर के अंदर मां छिन्नमस्तिका का सिर्फ धड़ ही देखा जा सकता है। किवंदती के अनुसार यहां पर जानवरों की बलि देने से मन की मुराद पूरी होती है। मगर यह बलि सिर्फ मंगलवार और शनिवार को दी जाती है, वह भी काली पूजा के दौरान। इसके साथ-साथ जो भक्त मां की निस्वार्थ भाव से भक्ति करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
रजरप्पा में दामोदर नदी बेहद महत्वपूर्ण है। यहां पर लोग अपने प्रियजनों के अस्थि कलश प्रवाहित करते हैं। ये लोग दिसम्बर के महीने में समूह बनाकर आते हैं। ज्यादातर लोग झारखंड, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला जिले के होते हैं।
इस मंदिर के साथ ही बहती दामोदर और भैरवी नदी का संगम देखा जा सकता है। असम का कामख्या मंदिर जिस शैली में बना है, उसी से मिलती-जुलती इस मंदिर की भी कलाकृति है। यहां मौजूद गर्म पानी का झरना और कुंड इस मंदिर की शोभा और बढ़ा देता है। खासकर सर्दियों के दिनों में यह बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बन जाता है। नदियों के किनारे और बीच में पत्थर के छोटे बड़े टुकड़े इस जगह की सुंदरता और भी बढ़ा देते हैं। रजरप्पा झरना यहां आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है। यहां दामोदर नदी में बोटिंग का भी मजा लिया जा सकता है। दोनों तरफ चट्टानों के बीच बहती यह नदी इस शक्तिपीठ को और भी मनोहारी बनाती है।
यहां किसी भी मौसम में जाया जा सकता है। सर्दियों में गर्म कुंड में नहाकर श्रद्धालु और पर्यटक आनंदित होते हैं। स्थानीय लोग टैक्सी या बस से जा सकते हैं। दूर-दराज के लिए बस या रेल यातायात का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ईशा
अन्य न्यूज़












