छुट्टियों को बनाना है यादगार तो घूम आइए रानीखेत की इन खूबसूरत जगहों पर

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रानीखेत को लोग पहाड़ों की रानी भी कहते हैं और इसकी वजह है इसका मनमोहक दृश्य। रानीखेत में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं जिसमें हिमालयी पहाड़ियाँ, हरे-भरे जंगलों, ट्रैकिंग रेंज, पर्वतीय चढ़ाई, गोल्फ कोर्स, बाग और मंदिर शामिल हैं। शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर कुछ वक्त प्रकृति के करीब बिताना चाहते हैं तप एक बार रानीखेत जरूर जाएं।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में कुमाऊं पहाड़ियों की गोद में बसा, रानीखेत एक सदाबहार हिल स्टेशन है। ब्रिटिश शासन के दौरान, यह शिमला से पहले ब्रिटिशों के लिए ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। रानीखेत को लोग पहाड़ों की रानी भी कहते हैं और इसकी वजह है इसका मनमोहक दृश्य। रानीखेत में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं जिसमें हिमालयी पहाड़ियाँ, हरे-भरे जंगलों, ट्रैकिंग रेंज, पर्वतीय चढ़ाई, गोल्फ कोर्स, बाग और मंदिर शामिल हैं। अगर आप शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर कुछ वक्त प्रकृति के करीब बिताना चाहते हैं तप एक बार रानीखेत जरूर जाएं। आज के इस लेख में हम आपको रानीखेत के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं - 

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झूला देवी मंदिर

लगभग आठ शताब्दी पहले निर्मित झूला देवी मंदिर रानीखेत से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हालाँकि, वर्तमान मंदिर परिसर का पुनर्निर्माण वर्ष 1935 में किया गया था और यह देवी दुर्गा के एक रूप को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि मुख्य देवता एक लकड़ी के 'झूला' पर टिकी हुई है इसलिए इस मंदिर को झूला देवी मंदिर का नाम दिया गया है। कुमाऊं पहाड़ियों के शांत वातावरण के बीच, इस क्षेत्र में बाघों और तेंदुओं की अच्छी आबादी है। स्थानीय लोक किंवदंतियों के अनुसार, स्वयं देवी दुर्गा ने एक चरवाहे के सपने में आकर मुख्य मूर्ति की खोज का मार्गदर्शन किया था। तब से मंदिर उसी स्थान पर पाया जाता है जहां मूर्ति मिली थी। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, झूला देवी आसपास के जंगलों में जंगली जानवरों से ग्रामीणों और उनके पशुओं की सुरक्षा करती हैं। यह भी माना जाता है कि जो कोई भी मंदिर की दीवार पर एक घंटी बांधता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है। कई पर्यटक मंदिर में देवी का आशीर्वाद लेने और अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आते हैं। 

मजखली

मजखली उत्तराखंड राज्य के सबसे शांतिपूर्ण गांवों में से एक है। यह गाँव केंद्रीय शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर, अल्मोड़ा रोड पर स्थित है। यह गाँव अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। मजखली पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें आप हिमालय की चोटियों, विशेष रूप से त्रिशूल को देख सकते हैं। यह जगह वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध किस्मों के लिए एक प्राकृतिक आवास है। यहाँ का काली मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यदि आप वास्तव में एक प्रकृति प्रेमी हैं तो मजखली वास्तव में आपके लिए एक आदर्श स्थान है।

उपट

रानीखेत से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उपट, एक छोटा सा शहर है। गढ़वाल हिमालय की गोद में बसा यह शहर भारतीय सेना द्वारा बनाए गए 9-होल गोल्फ कोर्स के लिए जाना जाता है। यह गोल्फ कोर्स एशिया में सर्वोच्च में से एक होने के लिए प्रसिद्ध है। यह समुद्र तल से लगभग 1830 मीटर की ऊँचाई पर है। यहाँ से आप हिमालय पर्वतमाला के लुभावने दृश्यों को देख सकते हैं।

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कालिका

उपट गोल्फ कोर्स के पास स्थित कालिका मंदिर, एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है। कालिका शहर में स्थित, इस मंदिर को रानीखेत के प्रमुख पर्यटक आकर्षण में से एक माना जाता है। हर साल हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। 

भालु डैम

भालु डैम एक मानव निर्मित झील है और रानीखेत में देखने के लिए एक दिलचस्प जगह है। चौबटिया गार्डन से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, यह लगभग सदियों पहले ब्रिटिश सैनिकों के पीने के पानी के स्रोत के रूप में बनाया गया था। हरे-भरे जंगलों, घाटियों और बर्फ से ढकी हिमालय पर्वतमालाओं से घिरी यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता से यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।  


हैदाखान मंदिर

हैदाखान मंदिर रानीखेत से 5 किलोमीटर दूर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर हैदाखान द्वारा बनाया गया है, जिन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव और हनुमान को समर्पित है। हैदाखान का जन्म हमेशा एक रहस्य रहा है। देश-विदेश से पर्यटक यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।

- प्रिया मिश्रा 

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