Weight Loss करने वाली दवाई का सेवन करने से महिलाओं में बढ़ी Fertility, जानें क्या है इस दावे के पीछे का सच

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रितिका कमठान । Mar 28 2024 5:17PM

ये ट्रेंड अपने आप में ही काफी खास है। महिलाएं बता तरही हैं कि वो ओज़ेम्पिक और वेगोवी जैसी वजन घटाने वाली दवाओं का उपयोग कर रही हैं, जिसके प्रभाव से शरीर में प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी में भी इजाफा देखने को मिला है।

टिकटॉक, रेडिट जैसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन दिनों कुछ महिलाओं के खास तरह से मैसेज की बाढ़ सी आई हुई है। इन मैसेज या पोस्ट में बच्चों को लेकर काफी चर्चा की गई है। ये सभी मैसेज एक खास मुद्दे से संबंधित है, जिसके बारे में हम आज बात करेंगे। महिलाओं के बीच एक ओज़ेम्पिक बेबीज़ नाम का ट्रेंड देखने को मिल रहा है।

ये ट्रेंड अपने आप में ही काफी खास है। महिलाएं बता तरही हैं कि वो ओज़ेम्पिक और वेगोवी जैसी वजन घटाने वाली दवाओं का उपयोग कर रही हैं, जिसके प्रभाव से शरीर में प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी में भी इजाफा देखने को मिला है। ये भी कहा जा रहा है कि वजन घटने और प्रजनन क्षमता बढ़ने के बीच खास संबंध भी है। मगर क्या महिलाओं का ये दावा सच है या सिर्फ ये एक इत्तीफाक है।

कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ओजेम्पिक के साथ ही वेगोवी की चर्चा हो रही है। ये वो दवाएं है जिनका उपयोग आमतौर पर महिलाएं वजन घटाने के लिए करती है। मगर इन दवाओं के प्रभाव से महिलाओं में फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) बढ़ी है। महिलाओं के इस दावे की गहराई के साथ जांच करते है। अगर ये दवाएं वजन कम करने में सहायक है, जिसमें सेमाग्लूटाइड नाम का केमिकल होता है, तो ये दवाएं महिलाओं में प्रजनन क्षमता बढ़ा सकती है जो कि इस दवा का एक दुष्प्रभाव है।

सोशल मीडिया पर 'ओज़ेम्पिक बेबीज़' ट्रेंड का जोर

'ओज़ेम्पिक बेबीज़' सोशल मीडिया पर एक जोरदार चलन बन चुका है। इस ट्र्रेंड में महिलाएं बताती हैं कि कैसे ओजेम्पिक या मौन्जारो लेने से उनकी प्रजनन क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। सिर्फ यही नहीं इन दवाईयों का उपयोग करने के बाद कई महिलाएं प्रेग्नेंट भी हुई। एक महिला ने टिकटॉक पर बताया कि “मैं ओज़ेम्पिक से गर्भवती हुई और गोली खा रही थी। जून में बच्चे का जन्म होने वाला है।

 

ओज़ेम्पिक, प्रजनन क्षमता को बढ़ावा, और गर्भधारण

यह केवल महिलाएं ही रिपोर्ट नहीं कर रही है। कई मेडिकल एक्सपर्ट्स ने भी इस ट्रेंड को गौर किया है, जिससे इसके सच होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। इस संबंध में डॉ. ईमान सालेह जो कि एक प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ है ने मीडिया को बताया कि मैंने वास्तव में अपने कुछ पेशेंट्स देखे हैं जो वजन घटाने के उद्देश्य से इस दवा का कुछ महीनों से उपयोग कर रहे थे। दवा का उपयोग करने के बाद वो मेरे पास आए और उन्होंने अप्रत्याशित तौर पर गर्भधारण कर लिया।

बता दें कि मूल रूप से ये दवाएं मधुमेह के इलाज के लिए उपयोग होती है। मगर मोटापे के इलाज में भी ये दवाएं काफी अधिक प्रभावी है, जिस कारण ये दवाएं दुनिया भर में लोकप्रिय हो गई हैं। वजन घटाने वाली इन दवाओं में सेमाग्लूटाइड नामक एक केमिकल होता है जो दिमाग के उस क्षेत्र को प्रभावित करता है जो संतुष्टता को नियंत्रित करता है। वैज्ञानिक तौर पर मोटापे को फर्टिलिटी में बाधा डालने वाला कारण बताया जाता है। प्रजनन एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और ओबी/जीवाईएन डॉ. लकी सेखों ने परेड को एक रिपोर्ट में बताया कि मोटापा ओव्यूलेशन में बाधा डाल सकता है, अंडे की गुणवत्ता को कम कर सकता है और गर्भाशय की परत को प्रत्यारोपित भ्रूण के लिए कम ग्रहणशील बना सकता है।

ऐसी स्थिति में वजन कम करना, चाहे वह जीवनशैली के माध्यम से हो, ओज़ेम्पिक जैसी दवाओं से या सर्जिकल प्रक्रियाओं का उपयोग कर। सभी स्थिति में सामान्य हार्मोनल संतुलन को बहाल करने, इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने और कभी-कभी मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने में मदद कर सकती हैं। यह भ्रूण प्रत्यारोपण के लिए अधिक अनुकूल वातावरण तैयार कर सकता है। ऐसी ही जानकारी कई एक्सपर्ट्स ने शेयर की है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, ये दवाएं महिलाओं को गर्भवती होने में मदद कर सकती है।

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. टॉम पिट्स का कहना है कि पीसीओएस जैसी कई स्थितियां इंसुलिन प्रतिरोध पैदा करती हैं और इसीलिए एक महिला बांझ हो सकती है। इस परेशानी को ठीक कर दवा महिलाओं में फर्टिलिटी को बढ़ावा देती हैं। यह इंसुलिन प्रतिरोध और मोटापे जैसी बाधाओं को दूर कर देगा, जो एस्ट्रोजेन के स्तर को बढ़ाएगा और प्रजनन को कठिन बना देगा। इसलिए यह प्रजनन क्षमता को सुविधाजनक बनाएगा। डॉ. सालेह ने कहा कि हमारी वसा कोशिकाएं एस्ट्रोजन का उत्पादन करती हैं और एस्ट्रोजन ओव्यूलेशन में कमी या शिथिलता के रूप में हमारे अंडाशय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह हमारे एंडोमेट्रियल अस्तर पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। एक बार जब आप अपना वजन करने के बाद महिलाओं में फर्टिलिटी अधिक बढ़ जाती है।

ह्यूस्टन में बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में मोटापे की दवा में विशेषज्ञता रखने वाली प्रसूति एवं स्त्री रोग की सहायक प्रोफेसर डॉ. उत्सवी शाह का कहना है कि वजन घटाने वाली इन दवाओं का प्रभाव उनके मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने में मदद कर रहा है, जिससे उनके गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। ये भी देखने में आया है कि ओज़ेम्पिक और मौन्जारो जैसी दवाएं भी जन्म नियंत्रण गोलियों को प्रभावित करती हैं। ये भी देखने को मिला कि इन दवाओं में टिरजेपेटाइड नामक घटक होता है, जो जन्म नियंत्रण गोलियों की प्रभावशीलता को कम करता है।

इसमें ब्लड शुगर का एंगल भी है। मेडिकल प्रोफेशनल्स का मानना है कि ब्लड शुगर को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने से गर्भवती होने का लक्ष्य रखने वाली महिलाओं के लिए गर्भधारण की संभावना में सुधार हो सकता है। ओज़ेम्पिक का उपयोग ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, प्रजनन क्षमता पर कोई भी अप्रत्यक्ष प्रभाव बेहतर समग्र स्वास्थ्य और चयापचय नियंत्रण से उत्पन्न हो सकता है, जो कि प्रजनन क्षमताओं को बढ़ाने वाली दवा की तुलना में अधिक संभावना है।

रिस्क भी अधिक है

चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इन दवाओं के उपयोग या उपयोग पर विचार करने के लिए सतर्क दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता है। पशु परीक्षण का हवाला देते हुए, वे जन्म दोष और गर्भावस्था के नुकसान की बढ़ती संभावनाओं जैसे संभावित जोखिमों की ओर इशारा करते हैं। इलिनोइस के फर्टिलिटी सेंटर्स में ओबी-जीवाईएन और प्रजनन एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ एलिसन रॉजर्स ने कहा कि ओज़ेम्पिक जैसी दवाएं गर्भवती होने को आसान बना सकती हैं, लेकिन उनका उपयोग बच्चे पैदा करने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अगर गर्भवती होने के बाद इन दवाओं का सेवन किया गया तो इसके खतरनाक परिणाम हो सकते है। ये दवाएं लंबे समय तक शरीर में रह सकती है।

ओज़ेम्पिक के अनुसार महिलाओं को गर्भवती होने से दो महिने पहले ही इसका सेवन बंद करना चाहिए ताकि दवा उनके शरीर से पर्याप्त समय में खत्म हो सके। वेगोवी भी ऐसी ही चेतावनी मिलती है, जिसके अनुसार इससे भ्रूण को नुकसान हो सकता है और जैसे ही किसी को पता चले कि वे गर्भवती हैं, इसे बंद कर देना चाहिए। 

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