Lockdown Day 2: Corona पर देश दुनिया का हर महत्वपूर्ण Update

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कह सकते हैं कि सिर्फ देश का स्वास्थ्य मंत्रालय ही नहीं बल्कि पूरी मोदी सरकार ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मैदान में उतर गयी है। मोदी सरकार ने एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की घोषणा भी की है।

महामारी कोरोना पूरी दुनिया में कहर तेजी से बरपाती जा रही है और इस रोग के कारण पूरे विश्व में 21,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोगों की आजीविका प्रभावित हुयी है और उसने विश्व अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। भारत की बात करें तो कोरोना प्रभावित मरीजों की संख्या 700 के पास पहुँच गयी है और देश में इससे अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। महामारी की भीषणता का अंदाजा शुरू में ही लगा कर भारत सरकार ने जो कदम उठाने शुरू कर दिये थे यह उसी का ही नतीजा है कि हमारे यहां कम से कम अमेरिका, चीन या यूरोप जैसी स्थिति नहीं पैदा हुई है। भारत सरकार लगातार एहतियाती और राहत वाले कदम उठा रही है।

मोदी सरकार फुल एक्शन में

लॉकडाउन का आज दूसरा दिन है और प्रधानमंत्री ने देश की जनता से 21 दिनों तक घर बैठने का जो आग्रह किया है वह सभी को मानना ही चाहिए क्योंकि सरकार लगातार जनता को राहत प्रदान करने के काम कर रही है। कोरोना के खिलाफ पूरी तरह एक्शन में नजर आ रही मोदी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान गरीब तबके के लोगों को आने वाली वित्तीय दिक्कतों को दूर करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया है साथ ही प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी है। मंत्रियों को अपने प्रभार वाले राज्यों के हर जिले के डीएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से रोज बात करनी होगी। केंद्रीय मंत्रियों को जानना होगा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय के गाइडलाइंस के क्रियान्वयन में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही। मंत्रीगण यह भी जानेंगे कि लोगों को जरूरी सामानों की दिक्कतें तो नहीं हो रहीं। मंत्री यह भी जानेंगे कि उक्त जिलाधिकारी के जिले में कोरोना वायरस के कितने पॉजिटिव केस हैं और कितने लोग क्वारनटीन में हैं। जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों से रिपोर्ट लेने के बाद यह केंद्रीय मंत्री इस रिपोर्ट को रोजाना पीएमओ को सौंपेंगे। तो कह सकते हैं कि सिर्फ देश का स्वास्थ्य मंत्रालय ही नहीं बल्कि पूरी मोदी सरकार ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मैदान में उतर गयी है। मोदी सरकार ने एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की जो घोषणा की है उसके तहत प्रोत्साहन पैकेज में गरीबों को तीन महीने के लिये मुफ्त अनाज, दाल और रसोई गैस सिलेंडर तथा महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों को नकद सहायता उपलब्ध कराना शामिल हैं। भवन एवं अन्य निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के कल्याण के लिये केन्द्र सरकार के एक कानून के तहत यह कल्याण कोष बनाया गया है।

गरीबों, किसानों की चिंता

इसके अलावा सरकार ने कहा है कि प्रधानमंत्री किसान योजना के अंतर्गत साढ़े करोड़ से ज्यादा किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह में दो-दो हजार रुपये कि किस्त उनके खातों में डाल दी जाएगी। इस योजना के तहत लाभार्थियों को तीन समान किस्तों में साल में 6,000 रुपये दिये जाते हैं। इसके अलावा सरकार कर्मचारी भविष्य निधि के तहत उन छोटी कंपनियों के नियोक्ता और कर्मचारियों दोनों का योगदान देगी जहां 90 प्रतिशत कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये से कम है। सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित लोगों के इलाज में जुटे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिये 50 लाख रुपये के बीमा कवर की भी घोषणा की है। इसके अलावा गांव में काम करने वाले मजदूरों के लिये मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये की गई है। पांच करोड़ परिवारों को इसका लाभ होगा।

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कई और बड़े फैसले

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में लिये जा रहे अन्य फैसलों की बात करें तो नागर विमानन महानिदेशालय ने घोषणा की है कि सभी अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक यात्री उड़ानें 14 अप्रैल तक निलंबित रहेंगी। इसी प्रकार दिल्ली मेट्रो ने भी अपना संचालन 14 अप्रैल तक बंद रखने की घोषणा की है। उधर देश की विभिन्न अदालतों ने अपने अंतरिम आदेशों की अवधि को 31 अप्रैल तक के लिए बढ़ाने की घोषणा भी की है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने कहा है कि उसने डिस्टिलरी और चीनी मिलों को थोक में ‘हैंड सैनिटाइजर’ बनाने की अनुमति दे दी है और इसके लिये 45 डिस्टिलरी को पहले ही लाइसेंस जारी किया जा चुका है।

चकाचौंध या अंधकार ?

ये जो विकसित देश हैं इनकी चकाचौंध अकसर आपको प्रभावित करती रही होगी लेकिन देखिये महामारी के आगे यह चकाचौंध कितनी अंधकारमय हो गयी है। कोरोना वायरस से दुनिया भर में संक्रमित लोगों की संख्या गुरुवार को करीब पांच लाख हो जाने के बीच यूरोप तथा अमेरिका में ऐसे मामलों की संख्या चीन से ज्यादा हो गयी। यूरोप और न्यूयॉर्क की स्वास्थ्य सेवाएं इस बीमारी के कारण चरमराती प्रतीत हो रही हैं और अधिकारी गंभीर रूप से बीमार पीड़ितों को जीवित रखने के लिए पर्याप्त वेंटिलेटरों की तलाश में जुटे हैं। इस महामारी का सामना करने के लिए अमेरिकी सीनेट ने कारोबारियों, श्रमिकों और स्वास्थ्य तंत्र के लिए 2.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रस्ताव पारित किया है। लाखों अमेरिकियों को उम्मीद है कि इस कदम से उन्हें जीवनदान मिल जाएगा क्योंकि वायरस के प्रसार पर काबू के लिए आवश्यक कदमों के कारण उन्होंने नौकरी, आय आदि खो दी है। उधर स्पेन ने होटलों को अस्थायी अस्पतालों में बदल दिया है। स्पेन में संक्रमण की संख्या में कमी नहीं आयी है और अब तक 3,600 से अधिक मौतें हुई हैं वहीं इटली में 7,503 लोगों की मौत हुयी है। मैड्रिड के एक अस्पताल में नर्स लिडिया परेरा ने कहा कि हमारी व्यवस्था चरमरा रही है। उन्होंने कहा कि मरीजों को अकेले मरते देखना "हम सभी को अंदर ही अंदर मार रहा है।’’ उधर रूस की बात करें तो देश में कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए उठाए जा रहे कड़े कदमों के तहत बृहस्पतिवार और शुक्रवार की मध्य रात्रि से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद कर दी जाएंगी। इस संबंध में एक सरकारी आदेश जारी कर दिया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि आधी रात से सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोक दी जाएंगी और केवल वही विशेष उड़ानें देश में आ सकेंगी जिनसे, दूसरे देशों में रह रहे रूसी नागरिकों को वापस लाया जा रहा है। रूस ने पिछले सप्ताह अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं भी सील कर दी थीं। अगर ब्रिटेन की बात करें तो मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने कोरोना वायरस पर काबू के लिए जिस प्रकार का कदम उठाया है, ब्रिटिश गृह मंत्री प्रीति पटेल भी कोरोना वायरस के खिलाफ वैसे ही उपाय करने के पक्ष में हैं और वह इस महामारी के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे देशों अमेरिका, ईरान और चीन के यात्रियों के लिए अपने देश की सीमाओं को बंद करने की इच्छुक हैं। उधर दुनिया को कोरोना वायरस के संकट से बचाने के लिए जी-20 देशों के बीच मंथन शुरू हो गया है जहां भारत सहित समूह के सभी सदस्य देश वर्चुअल बैठक के माध्यम से संकट से निबटने के उपायों पर चर्चा कर रहे हैं। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आयोजित की गयी है। 

लॉकडाउन में पुलिस की कहानी

उधर अगर लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न भागों का हाल आपको सुनाएं तो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लॉकडाउन नियमों का पालन नहीं करने वालों के हाथों पर एक स्टैम्प लगाना शुरू कर दिया है जिसमें बताया जा रहा है कि वह महामारी के खिलाफ लड़ाई में योगदान नहीं दे रहे हैं तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से आये दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गये। दरअसल इस वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी राह चलते युवकों को जबरन सड़क पर मेंढक की तरह कुदवाते नजर आ रहे हैं। युवकों की पीठ पर बैग लदा हुआ है और वे मजबूरन इस जुल्म को बर्दाश्त करते दिख रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी ने इस बारे में बताया कि घटना थाना सिविल लाइंस के खेड़ा नवादा पुलिस चौकी की बुधवार सुबह 8 बजे की है। पुलिस में भर्ती एक प्रशिक्षु जवान अकेला ड्यूटी कर रहा था इसीलिए उससे यह बेवकूफी हो गयी। एक और वीडियो मुंबई से सामने आया है जोकि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल महाराष्ट्र पुलिस ने ट्विटर पर एक वीडियो डाला है, जिसमें यह दिख रहा है कि एक पुलिसकर्मी बाहर नहीं जाने के अपने दो साल के बेटे की जिद को दरकिनार कर ड्यूटी पर जा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि एक पुलिसकर्मी काम पर जा रहा है और उसका दो साल का बेटा रो रहा है तथा उसे इस महामारी के चलते घर से बाहर नहीं जाने को कह रहा है। इस पर, पुलिसकर्मी बच्चे को यह कह रहा है कि उसे जाना होगा क्योंकि उसके ‘बॉस’ ने उसे ड्यूटी के लिये बुलाया है। देश में पुलिस के कई ऐसे वीडियोज सामने आ रहे हैं जिनमें वह कहीं जरूरतमंदों को खाना खिला रहे हैं तो कहीं लोगों की अन्य तरह की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।

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बेचारे गरीब फँस गये

वहीं अगर लॉकडाउन के चलते विभिन्न जगहों पर फँसे लोगों की बात करें तो सैंकड़ों लोगों को गुरुवार को तेलंगाना सीमा पर विभिन्न जांच चौकियों से आंध्र प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी। कई घंटे से पीने के पानी और खाने के अभाव में फंसे लोग पुलिस अधिकारियों से मौके पर ही जांच कर आगे जाने की गुहार लगाते या बहस करते हुए दिखाई दिए। इनमें गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इसी प्रकार आंध्र और तेलंगाना की सीमा पर देखा गया कि कोरोना वायरस के चलते तेलंगाना में लागू बंदी के बाद फंसे मजदूर यातायात के अभाव में पैदल ही अपने पैतृक घरों तक जाने की कोशिश कर रहे हैं। कई मामलों में तो मजदूर 100-100 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा दिल्ली में भी देखने को मिला जहाँ राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण सड़क और रेल यातायात बंद होने से प्रवासी श्रमिकों सहित कई लोग परिवहन का कोई साधन न होने के चलते राष्ट्रीय राजधानी में फंसे हुए हैं।

लॉकडाउन का सकारात्मक पहलू

अब कोरोना वायरस के हाहाकार के चलते पूरी दुनिया परेशान है, भारत में भी लॉकडाउन है। लेकिन इस लॉकडाउन का एक सकारात्मक पहलू भी देखने को मिल रहा है और वह यह है कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान वाहन, कारखाने और कार्बन उत्सर्जन से जुड़े तमाम साधन बंद रहने के कारण पिछले पांच दिनों में दिल्ली सहित अन्य महानगरों के वायु प्रदूषण के स्तर में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी है।

काम की बात

अब चलते-चलते आपको एक काम की बात बता देते हैं। अगर आप दिल्ली में हैं तो ध्यान रखिये की आम लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए दिल्ली सरकार ने कुछ उपाय किए हैं। इसके तहत, लॉकडाउन के दौरान अनिवार्य सेवाओं से जुड़े लोगों को पास जारी किया जा रहा है। अगर आपको भी पास की जरूरत है तो हेल्पलाइन नंबर 1031 पर कॉल करें और उनके द्वारा मांगी जा रही जानकारी देकर अपने फोन पर ई-पास हासिल कर सकते हैं। यही नहीं सरकार की ओर से जारी नंबरों पर भी आप व्हाटसएप संदेश भेज कर ई-पास हासिल कर सकते हैं।

-नीरज कुमार दुबे

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