उत्तर प्रदेश में यातायात नियमों को लेकर सख्त हुए योगी, उल्लंघन किया तो देना पड़ेगा भारी जुर्माना

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[email protected] । Jun 4 2019 4:53PM

उन्होंने बताया कि पहले जहां इन अपराधों के लिये 500 रुपये जुर्माना देना होता था, उसे अब बढ़ाकर 1000 रुपये किया जाएगा। इसके अलावा बिना नम्बर प्लेट लगी गाड़ी चलाने पर पहले जो जुर्माना 300 रुपये का था, वह अब 500 रुपये होगा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। राज्य मंत्रिपरिषद ने ऐसे मामलों में जुर्माने की दरों में भारी बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि अब वाहन चेकिंग के दौरान लाइसेंस ना दिखा पाने, वाहन चलाते वक्त इयरपीस लगाकर गाने सुनने और बिना हेलमेट लगाये गाड़ी चलाने पर दो गुना जुर्माना देना होगा।

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उन्होंने बताया कि पहले जहां इन अपराधों के लिये 500 रुपये जुर्माना देना होता था, उसे अब बढ़ाकर 1000 रुपये किया जाएगा। इसके अलावा बिना नम्बर प्लेट लगी गाड़ी चलाने पर पहले जो जुर्माना 300 रुपये का था, वह अब 500 रुपये होगा। शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये इस निर्णय से यातायात नियमों के बार-बार उल्लंघन की प्रवृत्ति पर रोक लग सकेगी।

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शर्मा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने वाहन स्वामियों को नम्बर पोर्टबिलिटी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये मोटरयान नियमावली-1988 के नियम-51(2) एवं 51क(2) में संशोधन का निर्णय लिया है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के वाहन स्वामियों द्वारा विभिन्न श्रेणियों के वाहनों में उनके पुराने वाहन के पंजीयन नम्बर को नए वाहन पर आवंटित करने की मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

इस सिलसिले में 21 मार्च 2016 को जारी अधिसूचना को निरस्त करते हुए नियम-51 में संशोधन के तहत नम्बर पोर्टबिलिटी की नई व्यवस्था की जा रही है, इसके अनुसार पुरानी मोटरकार का मालिक अगर उसी वर्ग की गाड़ी खरीदकर देय शुल्क का भुगतान करता है तो पुरानी गाड़ी का पंजीयन नम्बर नयी गाड़ी को कुछ शर्तों के तहत आवंटित किया जाएगा। इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने गाड़ियों के वीआईपी नम्बर लेने की पुरानी व्यवस्था में गड़बड़ियों को दूर करते हुए इसे तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया है। मंत्रिपरिषद ने इस विसंगति को दूर करने के लिए वीआईपी नम्बरों के आवंटन के लिये दो पहिया तथा चार पहिया वाहनों के लिए अलग-अलग न्यूनतम आधार मूल्य प्रस्तावित किया है।

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