मानवाधिकारों और कानूनों के नए नियम की रक्षा के लिए मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस

International Day of Democracy
Prabhasakshi

पूरी दुनिया में दो तरह की लोकतंत्र प्रणाली है। एक संसदीय शासन प्रणाली और दूसरा राष्ट्रपति शासन प्रणाली। लेकिन दोनों ही प्रणालियों में जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करके अपने देश के जनप्रतिनिधि को चुनती है जो जनता के लिए काम करे।

हर साल 15 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। लोकतंत्र का यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस दुनिया में लोकतंत्र की स्थिति की समीक्षा करने का अवसर देता है। अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस में लोगों के बारे में और लोगों के लिए लोकतंत्र की महत्ता याद कराने का अवसर देता है।

पूरी दुनिया में दो तरह की लोकतंत्र प्रणाली है। एक संसदीय शासन प्रणाली और दूसरा राष्ट्रपति शासन प्रणाली। लेकिन दोनों ही प्रणालियों में जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करके अपने देश के जनप्रतिनिधि को चुनती है जो जनता के लिए काम करे। भारत, कनाडा, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में संसदीय शासन प्रणाली है। अमेरिका में राष्ट्रपति शासन प्रणाली है। राष्ट्रपति शासन प्रणाली में सारे निर्णय राष्ट्रपति के द्वारा लिए जाते हैं। जबकि संसदीय शासन प्रणाली में राष्ट्रपति के पास ये शक्ति नहीं होती है।

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अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का इतिहास

2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की शुरुआत की गई थी। सबसे पहले 2008 में अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाया गया। इसके तहत दुनिया के हर कोने में सुशासन लागू करना है। भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार समाज में मानवाधिकारों और कानूनों के नए नियम की हमेशा रक्षा की जाती है।

अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का महत्त्व 

अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का उद्देश्य विश्व में लोकतंत्र को बढ़ावा देना और उसे मजबूत बनाना है। लोकतंत्र एक लक्ष्य के रूप में एक प्रक्रिया है, और केवल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, राष्ट्रीय शासी निकाय, नागरिक समाज और व्यक्तियों की ओर से पूरी भागीदारी और समर्थन के साथ, लोकतंत्र के आदर्श को हर किसी के लिए आसान हर जगह आन्दमयी जीवन बनाया जा सके।

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