क्या The Last Of Us सिर्फ सीरीज नहीं, एक भविष्य की चेतावनी है?

सोचिए अगर वो कहानी जो आपने जिओ हॉटस्टार पर देखी, इंसानों को खतरनाक फंगस से ग्रसित दिखाने वाली, असल में कुछ सालों बाद हमारी हकीकत बन जाए? यह कोई साइंस-फिक्शन नहीं, बल्कि मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की ताजा रिसर्च है, जो कहती है कि जलवायु परिवर्तन के कारण एस्परगिलस नाम का एक फंगस तेजी से फैल सकता है। यह फंगस इंसानों, जानवरों और पौधों, सभी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
अगर मैं आपसे कहूं कि जिओ हॉटस्टार पर आने वाली सीरीज ‘द लास्ट ऑफ अस’ में जो कुछ दिखाया गया है, वो आने वाले समय में हकीकत बन सकता है, तो क्या आप यकीन करेंगे? यह आज या कल नहीं, लेकिन कुछ सालों बाद तब मुमकिन है जब ग्लोबल वार्मिंग अपने चरम पर होगी। उस वक्त शायद हमें वैसा ही डरावना मंजर देखना पड़े, जैसा इस सीरीज में दिखाया गया है। लेकिन ऐसा हम क्यों कह रहे हैं?
दरअसल, मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि एक खास तरह का फंगस यानी एस्परगिलस तेजी से फैल सकता है। यह रिसर्च फिलहाल समीक्षा के दौर में है, लेकिन इसके मुताबिक जलवायु परिवर्तन और बढ़ती गर्मी इस खतरनाक फंगस के फैलाव को और तेज कर सकती है।
एस्परगिलस एक आम फंगस समूह है, जो इंसानों में जानलेवा बीमारियां और जानवरों व पौधों में गंभीर संक्रमण फैला सकता है।
अध्ययन क्या कहता है?
मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन और धरती के बढ़ते तापमान की वजह से वातावरण में बड़ा बदलाव आ सकता है। इससे कई खतरनाक फंगस (कवक) तेजी से फैलने लगेंगे। शोधकर्ताओं का कहना है कि जैसे-जैसे जलवायु संकट बढ़ेगा, एस्परगिलस नाम की कुछ फंगस प्रजातियाँ और भी ज्यादा फैलेंगी और उत्तरी अमेरिका, यूरोप, चीन और रूस जैसे ठंडे देशों में भी पहुंच जाएंगी।
अध्ययन के एक लेखक और मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी में काम करने वाले जलवायु और बीमारियों के विशेषज्ञ नॉर्मन वैन रिजन ने एक ऑस्ट्रेलियाई वेबसाइट को बताया कि वायरस और परजीवियों पर काफी शोध हुआ है, लेकिन कवकों (फंगस) पर अब तक कम ध्यान दिया गया है। यह रिसर्च दिखाता है कि आने वाले समय में फंगस भी पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
एस्परगिलस नाम का यह फंगस हर दिन बहुत सारे छोटे-छोटे कण (बीजाणु) हवा में छोड़ता है। जब हम सांस लेते हैं, तो ये हमारे शरीर में भी चले जाते हैं। आमतौर पर हमारी इम्यून सिस्टम इन्हें रोक लेती है और कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन जिन लोगों को पहले से फेफड़ों की बीमारी (जैसे अस्थमा, सीओपीडी, या सिस्टिक फाइब्रोसिस) है या जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है (जैसे कोविड-19 या कैंसर के मरीज), उनके लिए यह फंगस जानलेवा साबित हो सकता है। यह फंगस एस्परगिलोसिस नाम की बीमारी फैलाता है, जिसकी मृत्यु दर 20% से 40% तक हो सकती है।
अन्य न्यूज़












