वर्ल्ड स्ट्रोक डे 2022: जानलेवा स्ट्रोक का समय पर इलाज मिलना है जरुरी, जानें इसके लक्षण

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रितिका कमठान । Oct 29 2022 10:38AM

स्ट्रोक ऐसी समस्या है जिससे हर वर्ष सैंकड़ों लोग पीड़ित होते है। इसके खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि जन जागरूकता फैलाई जाए। स्ट्रोक आने के बाद करने वाले उपायों के संबंध में जागरूकता फैलाना जरूरी है। बता दें कि स्ट्रोक को मेडिकल एमर्जेंसी की स्थिति में शामिल किया जाता है।

स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जो कही भी और कभी भी हो सकता है। इसके हल्के लक्षण दिखने पर भी तत्काल मरीज को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। डॉक्टर से संपर्क करने में थोड़ी देरी होने पर ये बीमारी जानलेवा सिद्ध हो सकती है।

दरअसल स्ट्रोक इमरजेंसी की स्थिति होती है जिसमें सबसे अहम होता है कि लक्षणों की पहचान कर तत्काल मरीज को इलाज मुहैया कराया जाए। स्ट्रोक तब होता है जब ब्रेन में ब्लड की सप्लाई कम मात्रा में होती है या ब्लड सप्लाई बाधित हो जाती है। ब्लड सप्लाई कम होने से ब्रेन सेल्स मरने लगते है। अगर ऐसी स्थिति में मरीज को तत्काल उपचार नहीं दिया जाता है तो ये जानलेवा साबित हो सकता है।

जानें स्ट्रोक के लक्षण

स्ट्रोक की समस्या महिलाओं या पुरुषों किसी को भी हो सकती है। स्ट्रोक की समस्या होने पर चेहरे के एक तरफ, एक पैर, हाथ सुन्न होना जैसी समस्या होती है। कई मामलों में मरीज के हाथ या आंख में सामंजस्य नहीं बैठता है। किसी व्यक्ति द्वारा बोली गई बात को समझने में परेशानी होना भी स्ट्रोक का मुख्य लक्षण हो सकता है। अगर इन लक्षणों को सही तरीके से इलाज ना किया जाए या लापरवाही बरतने पर ये समय के साथ खराब हो सकते है। 

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अचानक गिरना भी है गंभीर

कई मामलों में मरीज अपना संतुलन खोकर अचानक से जमीन पर गिर जाते है। इस तरह से मरीज का गिरना स्वस्थ शरीर का संकेत नहीं होता है। इसके अलावा मरीज को कई मामलों में उलटी, बुखार, कार्डियोवस्कुलर समस्याओं से गुजरना पड़ता है। मरीज को हिचकियां आने की समस्या होती है। कुछ मामलों में खाना या कुछ भी निगलने में परेशानी होती है, जो स्ट्रोक के लक्षण के तौर पर गिना जाता है।

सिरदर्द हो सकता है घातक

आमतौर पर होने वाला सिरदर्द भी घातक हो सकता है। ऐसे में बार बार होने वाले सिरदर्द को नजरंदाज करना जानलेवा हो सकता है। गंभीर सिरदर्द होने पर जल्द से डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सिरदर्द कब स्ट्रोक का रूप ले ले कहा नहीं जा सकता है।

जानें इस वर्ष की थीम

इस वर्ष विश्व स्ट्रोक दिवस की थीम कीमती समय बचाएं रखी गई है। इस थीम के जरिए बिना देरी किए चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना मुख्य उद्देश्य है। अगर समय पर किसी व्यक्ति के स्ट्रोक अटैक का इलाज किया जाए तो मरीज की शारीरिक विकलांगता को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। बता दें कि स्ट्रोक का अधिक खतरा धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, करने वालों को होता है। इसके अलावा मोटापा, शराब या अन्य नशा का सेवन करने से उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग से पीड़ित मरीजों की धमनियों में कॉलेस्ट्रोल जमने का खतरा होता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि जल्द ही स्वस्थ जीवनशैली का पालन किया जाए।

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