ईद की पूर्व संध्या पर सूने रहे बाजार, घरों में रहने को प्राथमिकता दे रहे लोग

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कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते इस बार ईद की पूर्व संध्या पर लोग अपने घरों में रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं, लिहाजा रविवार को बाजारों में रौनक गायब रही और दुकानों में भी कम लोग दिखे। रमजान का महीना खत्म होने पर आने वाली ईद-उल-फितर, सोमवार को देशभर में मनाई जाएगी।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते इस बार ईद की पूर्व संध्या पर लोग अपने घरों में रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं, लिहाजा रविवार को बाजारों में रौनक गायब रही और दुकानों में भी कम लोग दिखे। रमजान का महीना खत्म होने पर आने वाली ईद-उल-फितर, सोमवार को देशभर में मनाई जाएगी। पुरानी दिल्ली के इलाके जो हर बार रमजान में खरीदारी करने वालों से गुलजार रहते थे, इस बार सूने पड़े हैं। कोरोना वायरस के चलते धार्मिक स्थल बंद हैं। ऐसे में जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमामों ने लोगों को घरों में ही रहने और वहीं पर ईद की नमाज पढ़ने की सलाह दी है।

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बल्लीमारान में जूते-चप्पलों के विक्रेता मोहम्मद मोहसिन ने कहा, मस्जिद में ईद की नमाज पढ़े बिना ईद मनाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसके अलावा, बीते दो महीने से कारोबारी गतिविधियां बंद होने के कारण लोगों के पास खरीदारी के लिये पैसे भी नहीं हैं। दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के चलते लोग अपने घरों में हैं और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचकर सामाजिक दूरी को प्राथमिकता दे रहे हैं। बाजार मटिया महल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अकरम कुरैशी ने कहा, मेन बाजार, जहां आम दिनों में आना-जाना भी मुश्किल हो जाता था, वे ईद के मौके पर भी सूने पड़े हैं। पूरे देश में सामान की आपूर्ति का चक्र बाधित है, लिहाजा दुकानें भी नहीं खुल रही हैं। साथ ही लोगों के पास खर्च करने के लिये पैसे भी नहीं हैं।

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हालांकि, पुरानी दिल्ली के मटिया महल, चांदनी चौक, बल्लीमारान इलाकों के अंदरूनी हिस्सों और संकरी गलियों में कुछ लोग ईद पर बच्चों के लिए खाने-पीने की चीजें और नए कपड़े खरीदने के लिए दुकानों पर आए। वहीं, संधोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों का केन्द्र रहे शाहीन बाग में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत कुछ दुकानें खुलीं। इसी तरह, जामिया नगर और बटला हाउस जैसे इलाकों में कुछ ही दुकानें खुली दिखीं और ईद की पूर्व संध्या पर बाजारों में हलचल कम थी। जामिया नगर में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मुस्लिम मोहम्मद ने कहा, हमने इस बार ईद पर कम पैसे खर्च करने का फैसला लिया है और हम उस पैसे का इस्तेमाल महामारी तथा लॉकडाउन से प्रभावित जरूरतमंद लोगों की मदद के लिये करेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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