World के इस रेस्त्रां में गलत सर्व किए जाते हैं ऑर्डर्स, फिर भी मजे से उसे खाते हैं लोग

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मिताली जैन । Mar 3 2024 10:09AM

रेस्टोरेंट ऑफ मिस्टेकन ऑर्डर्स में जान-बूझकर लोगों को गलत ऑर्डर सर्व नहीं किए जाते हैं, बल्कि यहां पर काम करने वाले लोग ऐसे होते हैं, जो डिमेंशिया से पीड़ित होते हैं। ऐसे में वे गलती से ही आने वाले कस्टमर्स को गलत ऑर्डर सर्व करते हैं।

अगर आप रेस्त्रां में अपनी फैमिली के साथ या फिर अकेले जाएं और कुछ खाने के लिए ऑर्डर करें। कुछ देर इंतजार करने के बाद आपकी टेबल पर खाना आए, लेकिन आपने जो ऑर्डर किया था, वह ना मिले तो आपको कैसा लगेगा। यकीनन आप रेस्त्रां के मालिक से अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे। हो सकता है कि आप शायद उस रेस्त्रां में खाना पसंद भी ना करें और वहां से लौट जाएं। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि दुनिया में एक रेस्त्रां ऐसा भी है, जहां पर गलत ऑर्डर ही सर्व किए जाते हैं और लोग बेहद खुश होकर उन्हें खाते हैं।

जी हां, यह रेस्त्रां जापान में मौजूद है, जिसे रेस्टोरेंट ऑफ मिस्टेकन ऑर्डर्स कहा जाता है। इस रेस्त्रां को एक खास मकसद से बनाया गया है। यहां पर लोग अक्सर आना पसंद करते हैं और गलत सर्व किए जाने वाले ऑर्डर्स को काफी एन्जॉय करते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम रेस्टोरेंट ऑफ मिस्टेकन ऑर्डर्स के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं-

डिमेंशिया से पीड़ित लोग करते हैं काम

रेस्टोरेंट ऑफ मिस्टेकन ऑर्डर्स में जान-बूझकर लोगों को गलत ऑर्डर सर्व नहीं किए जाते हैं, बल्कि यहां पर काम करने वाले लोग ऐसे होते हैं, जो डिमेंशिया से पीड़ित होते हैं। ऐसे में वे गलती से ही आने वाले कस्टमर्स को गलत ऑर्डर सर्व करते हैं। दरअसल, जापान दुनिया का एक ऐसा देश है, जिसे सुपर-एजिंग सोसाइटी के रूप में जाना जाता है। यहां पर रहने वाले लोगों की उम्र काफी अधिक होती है। हालांकि, बढ़ती उम्र में होने वाली बीमारियों से यहां के लोग भी नहीं बच सकते। एक अनुमान के अनुसार, 2025 तक जापान में पांच में से एक व्यक्ति को डिमेंशिया से प्रभावित हो सकता है। ऐसे में इस रेस्त्रां द्वारा की गई पहल यकीनन काफी अनूठी है।

शिरो ओगुनि ने खोला यह अनोखा रेस्टोरेंट

इस अनोखे रेस्टोरेंट को ओपन करने का श्रेय जापानी टेलीविजन निर्देशक शिरो ओगुनि को जाता है, जिन्होंने साल 2017 में टोक्यो में पद रेस्टोरेंट ऑफ मिस्टेकन ऑर्डर्स की स्थापना की। ओगुनि को इस रेस्टोरेंट का विचार एक नर्सिंग होम में जाने के बाद आया, जहां उन्हें बर्गर की जगह डम्पलिंग सर्व की गई। डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के बारे में ओगुनि के विचार भी अन्य लोगों की तरह ही नेगेटिव थे। उन्हें लगता था कि वे बेकार हैं, अपने लिए कुछ नहीं कर सकते हैं और समाज से अलग-थलग रहते हैं। लेकिन इस घटना के बाद उन्होंने महसूस किया कि डिमेंशिया से पीड़ित लोग रोजमर्रा के काम भी आसानी से कर सकते हैं। हालांकि, वे कुछ हद तक चीजें भूल सकते हैं।

लोगों को जागरुक करना है लक्ष्य

इस रेस्टोरेंट और ओगुनि का लक्ष्य अन्य लोगों के मन में डिमेंशिया और उनसे पीड़ित लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही साथ, इस बीमारी के साथ जीने की अपनी अलग विचित्रताओं का जश्न मनाना है। ऐसे लोग भी खाना बना सकते हैं, साफ-सफाई कर सकते हैं, कपड़े धो सकते हैं, खरीदारी कर सकते हैं और अन्य सामान्य काम कर सकते हैं। बस बीच-बीच में वे अपनी दिशा से भटक जाते हैं। रेस्टोरेंट में भी अधिकतर सर्व किए जाने वाले ऑर्डर गलत ही होते हैं, लेकिन फिर भी यहां आने वाले कस्टमर काफी खुश इस रेस्टोरेंट की सर्विसेज से काफी खुश होते हैं। ओगुनि का मानना है कि यह छोटी सी पहल वास्तव में डिमेंशिया से पीड़ित रोगियों को बेहतर समझने में मदद कर सकती है।

- मिताली जैन

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