सही आंकड़ों की कमी के कारण ठीक तरीके से लागू नहीं हो पा रहा आरटीई
गैर सहायता प्राप्त, गैर मुस्लिम और विशेष श्रेणी के स्कूलों में प्रवेश स्तर पर कम से कम 25 फीसदी सीट ईडब्ल्यूएस और वंचित समूहों के छात्रों के लिए आरक्षित करना शामिल है।
नयी दिल्ली, शिक्षा का अधिकार (आरटीई) को लागू करने में सही एवं नवीनतम आंकड़ों की कमी, स्कूलों में ईडब्ल्यूएस छात्रों की बढ़ोतरी में कमी और उपलब्ध सीटों और नामांकन के आंकड़ों की प्रतिशतता में अंतर जैसे कारण हैं। यह दावा एक नई रिपोर्ट में किया गया है।
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बच्चों को नि:शुल्क और आवश्यक शिक्षा कानून, 2009 की धारा 12 (1) (सी) का उद्देश्य सामाजिक समग्रता को बढ़ाना और निजी, गैर सहायता प्राप्त, गैर मुस्लिम और विशेष श्रेणी के स्कूलों में प्रवेश स्तर पर कम से कम 25 फीसदी सीट ईडब्ल्यूएस और वंचित समूहों के छात्रों के लिए आरक्षित करना शामिल है।
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रिपोर्ट का विषय है ‘‘ब्राइट स्पॉट्स : आरटीई के माध्यम से सामाजिक समग्रता की स्थिति’’। इसे शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन इंडस एक्शन ने दस हजार से अधिक लोगों का सर्वेक्षण कर तैयार किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कुछ राज्यों में प्रति सीट आए आवेदनों की संख्या का विश्लेषण कर पता चलता है कि कुछ राज्यों ने क्षमता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन काम शुरू किया है लेकिन सभी राज्यों में जागरूकता का स्तर अलग-अलग है।’’
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