इन बातों को आदत बना लें और फिर मनाएं विश्व पर्यावरण दिवस

story of World Environment Day
रेनु तिवारी । Jun 5 2018 9:38AM

विश्व में सबसे समृद्ध देश वही है जहा हरियाली हैं, इसी को बनाए रखने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इस बार विश्व 45वां विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है।

विश्व में सबसे समृद्ध देश वही है जहा हरियाली हैं, इसी को बनाए रखने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इस बार विश्व 45वां विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है। पर्यावरण की सुरक्षा और उसके संरक्षण को ध्यान में रखकर इसकी पहल की गई थी। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के पीछे यह उद्देश्य है कि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा सके कि आखिर क्यों पर्यावरण की सुरक्षा जरूरी है।

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पूरी दुनिया में अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इन कार्यक्रमों के दौरान पौधरोपण किए जाते हैं और साथ ही पर्यावरण को कैसे संरक्षित रखना है, इस बारे में विचार-विमर्श होता है। 

वैश्विक स्तर पर आज सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण संकट से निपटने की और इस गंभीर मुद्दे पर आम जनता और सुधी पाठकों को जागरूक करने की। हमने पर्यावरण, वन्य जीव-जंतुओं और मानव समाज का सीधा रिश्ता आम आदमी की समझ के मुताबिक समझाने का प्रयास सरल व वैज्ञानिक दृष्टि से किया है। 

तो आइए आज हम सब मिलकर इस विश्व पर्यावरण दिवस साथ मिलकर मनाते है। इसके लिए आपको कहीं जाने या किसी रैली में भाग लेने की जरूरत नहीं, केवल अपने आस-पड़ोस के पर्यावरण का अपने घर जैसा ख्याल रखें जैसे कि -

हम अपने पर्यावरण को कैसे संरक्षण दे सकते है-

1.       आप अपने घर के आसपास पौधारोपण करें और स्वच्छ रखें।

2.       गरमी, भूक्षरण, धूल इत्यादि से बचाव तो कर ही सकते हैं।

3.       पक्षियों को बसेरा भी दे सकते हैं, फूल वाले पौधों से आप अनेक कीट-पतंगों को आश्रय व भोजन दे सकते हैं।

4.       कपड़े व कागज के थैलों का करें इस्तेमाल।

5.       डीजल जेनेरेटर को कम से कम इस्तेमाल करें।

6.       प्लास्टिक के बैग्स को संभाल कर रखें। इन्हें कई बार इस्तेमाल में लाएं। सामान खरीदने जाने पर अपने साथ कैरी बेग (कपड़े या कागज के बने) लेकर जाएं।

7.       प्लास्टिक सामान को कम करने की कोशिश करें। धीरे-धीरे प्लास्टिक से बने सामान की जगह दूसरे पदार्थ से बने सामान अपनाएं।

8.       शहरी पर्यावरण में रहने वाले पशु-पक्षियों जैसे गोरैया, कबूतर, कौवे, मोर, बंदर, गाय, कुत्ते आदि के प्रति सहानुभूति रखें व आवश्यकता पड़ने पर दाना-पानी या चारा उपलब्ध कराएँ।

9.       ताप विद्युत संयंत्रों के उत्सर्जन में कटौती , उद्योगों के लिए कड़े उत्सर्जन मानक तैयार करके , घरों में ठोस ईंधन के इस्तेमाल में कमी लाकर।

10.    ईंट निर्माण के लिए जिग-जैग ईंट-भट्टों के इस्तेमाल और तत्परता के साथ वाहन उत्सर्जन मानकों को कड़ा बनाने जैसे नीतिगत उपायों से हम अपने प्रदुषित पर्यावरण में सुधार लाया जा सकता है।

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