Unlock 1 के दूसरे दिन के आंकड़ों के मुताबिक भारत की स्थिति अन्य देशों के मुकाबले बहुत बेहतर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘निसर्ग’ के मद्देनजर मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात की और उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिया। इस चक्रवात के बुधवार देर शाम तक उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तटों तक पहुंचने का अनुमान है।

कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि होने के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत इस बीमारी के चरम बिंदू से बहुत दूर है और रोकथाम के लिए किए गए उसके उपाय "बहुत प्रभावी" रहे हैं। साथ ही सरकार ने कहा कि वह अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोविड-19 स्थिति पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ मामलों की कुल संख्या और भारत के सातवें स्थान पर पहुंचने पर ही ध्यान देना गलत है। उन्होंने कहा कि देशों की आबादी पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि करीब 14 देश जिनकी कुल आबादी भारत के बराबर है, वहां कोरोना वायरस के कारण हुयी मौतें 55.2 गुना अधिक हैं। अग्रवाल ने कहा ‘‘कोविड-19 के मामले में हमारी मृत्यु दर 2.82 प्रतिशत और यह दुनिया में सबसे कम है जबकि वैश्विक मृत्यु दर 6.13 प्रतिशत है। हम मामलों की समय पर पहचान और उचित नैदानिक प्रबंधन के कारण इसे हासिल कर पाए हैं।'' उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के मामलों में भारत में मृत्यु दर प्रति लाख जनसंख्या पर 0.41 प्रतिशत है जबकि वैश्विक स्तर पर यह 4.9 प्रतिशत है और यह दुनिया में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि भारत में होने वाली हर दो कोविड-19 मौतों में से एक वरिष्ठ नागरिकों की है जो कुल आबादी का 10 प्रतिशत हैं। इसके साथ ही देश में कोविड-19 से हुयी मौतों में 73 प्रतिशत लोग पहले से ही गंभीर रोग से पीड़ित थे। अग्रवाल ने कहा कि यह जरूरी है कि अधिक जोखिम वाले लोग आवश्यक एहतियात बरतें और कोविड-19 के लक्षणों का अनुभव होने पर समय से चिकित्सा सलाह लें। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने अधिक खतरा वाले लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे घर पर रहें। वे अपने समय का सदुपयोग करने और फिट रहने के लिए विभिन्न गतिविधियों को अपना सकते हैं।" अग्रवाल ने कहा कि हमें 'अनलॉक 1' स्थिति में पर्याप्त सावधानी बरतते हुए वायरस के साथ रहने के लिए उपयुक्त व्यवहार का पालन करना होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत सामुदायिक संक्रमण के चरण में प्रवेश कर गया है, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता ने कहा कि सामुदायिक प्रसार शब्द के उपयोग के बजाय, रोग के प्रसार की सीमा को समझना महत्वपूर्ण है और हम अन्य देशों की तुलना में कहां खड़े हैं। वह भी ब्रीफिंग में शामिल थीं। यह पूछे जाने पर कि बीमारी कब चरम बिंदु पर पहुंच जाएगी, गुप्ता ने कहा कि हम उस स्थिति से बहुत दूर हैं। बीमारी पर काबू के लिए हमारे निवारक उपाय बहुत प्रभावी रहे हैं और हम अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लिए प्रति दिन औसतन 1.20 लाख नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है और 476 सरकारी तथा 205 निजी प्रयोगशालाएं परीक्षण कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण 204 और लोगों की मृत्यु होने से मंगलवार को मृतकों की कुल संख्या 5,598 हो गई। वहीं 8,171 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 1.98 लाख से अधिक हो गयी। आंकड़ों के अनुसार 95,526 लोग ठीक हो चुके हैं और अब भी 97,581 लोग संक्रमित हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक लगभग 48.07 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।

यातायात जाम के हालात बने

कोरोना वायरस प्रकोप की रोकथाम के मद्देनजर दिल्ली की सीमाएं सील होने के कारण मंगलवार को अपने काम पर जाने वाले सैकडों लोग और इलाज कराने के लिए जाने वाले लोग भारी संख्या में सीमाओं पर घंटों फंसे रहे। ऐसे में दिल्ली से सटी सीमाओं पर भारी जाम लगने के कारण वैध ई-पास वाले वाहन भी फसंने को मजबूर हो गए, जिससे अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। दिल्ली से सटी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और कई लोग पुलिस से दिल्ली में प्रवेश नहीं करने के कारणों को लेकर सवाल करते देखे गए। पुलिस ने कहा कि वह केवल दिल्ली के निवासियों और सरकार द्वारा वैध पहचान पत्र धारकों को ही दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दे सकते हैं। अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि दिल्ली सरकार ने सोमवार को ही मंगलवार से दिल्ली की सीमाएं सील करने का आदेश दिया था। दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद से भारी संख्या में लोग काम करने आते हैं और इसी तरह दिल्ली से भी भारी संख्या में लोग इन शहरों में काम करने जाते हैं। दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और लोगों ने आरोप लगाया कि वैध कारण होने के बावजूद उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर पुलिस ने दिल्ली के वकील श्रेष्ठ आर्य को गुरुग्राम जाने की अनुमति नहीं दी जोकि अपने पिता की सर्जरी के लिए उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे। आर्य ने बताया कि पुलिस ने उन्हें दिल्ली के अस्पताल में जाने को कहा। उन्होंने सवाल किया कि जब उनके पिता का इलाज गुरुग्राम के डॉक्टर कर रहे हैं तो वह उन्हें दिल्ली के डॉक्टरों को कैसे दिखा सकते हैं?

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उपराज्यपाल दफ्तर में कोरोना वायरस

दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल के दफ्तर के 13 कर्मचारी और छह अन्य सरकारी कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि एलजी सचिवालय में काम करने वाले कनिष्ठ सहायक, चालक, चपरासी समेत 13 कर्मी जानलेवा संक्रमण से पीड़ित पाए गए हैं। हाल में, एलजी के दफ्तर के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोविड-19 की जांच कराई थी जब एक कनिष्ठ सहायक संक्रमित पाया गया था। इस बीच सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार के भी छह कर्मचारी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। दिल्ली में सोमवार को 990 नए मामले आए थे, जिसके बाद कुल मामले 20,834 हो गए थे। वहीं मरने वालों की संख्या 523 पहुंच गई है।

‘दिल्ली कोरोना’ ऐप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजी और सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए खाली बिस्तरों (बेड) की जानकारी देने के वास्ते मंगलवार को ‘दिल्ली कोरोना’ ऐप शुरू किया। केजरीवाल ने कहा कि अगर ऐप में बिस्तर खाली दिखाए जाने के बावजूद अस्पताल मरीज को भर्ती करने से मना कर दे तो आप 1031 नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं और विशेष सचिव (स्वास्थ्य) इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि मरीज को बिस्तर मिले। केजरीवाल ने कहा कि ऐप से कोरोना वायरस के मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी मुहैया कराने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कई ऐसी जगह हैं, जहां कोरोना वायरस का व्यापक प्रकोप है। वहां बिस्तरों, वेंटिलेटर और आईसीयू की कमी है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन हमने वेंटिलेटर और बिस्तरों की पर्याप्त व्यवस्था की है। हम कोरोना वायरस से कई कदम आगे हैं।’’ केजरीवाल ने कहा कि निजी और सरकारी अस्पतालों में 6,731 बिस्तर उपलब्ध हैं, जिनमें से 4,100 खाली हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। हम आज एक ऐप जारी कर रहे हैं और इसमें निजी और सरकारी अस्पतालों में खाली बिस्तरों, वेंटिलेटर और आईसीयू की पूरी जानकारी है।’’ केजरीवाल ने कहा कि इसे दिन में दो बार सुबह 10 बजे और शाम छह बजे अपडेट किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि अगर ऐप में बिस्तर खाली दिखाए जाने के बावजूद अस्पताल मरीज को भर्ती करने से मना कर दे तो आप 1031 नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘20,000 से अधिक लोगों में से केवल 2,600 को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी। अगर अस्पताल वाले कहते हैं कि आपका घर पर इलाज हो सकता है तो आप उनकी बात मानें।’’ सरकार ने एक दल का गठन किया है जो पृथक-वास के दौरान मरीज के सम्पर्क में रहेगी और अगर मामला बिगड़ा तो वह उसे अस्पताल में भर्ती कराएगी। केजरीवाल ने पिछले सप्ताह यह ऐप लाने की घोषणा की थी।

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मोदी सरकार पर फिर बरसे राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र की एक तिहाई इकाइयों के बंद होने के कगार पर पहुंचने का दावा करते हुए मंगलवार को कहा कि संकट के समय सरकार की तरफ से इन्हें वित्तीय मदद नहीं देना अपराध है। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘एमएसएमई इकाइयां देश में 11 करोड़ लागों को रोजगार दे रही हैं। इनमें एक तिहायी स्थायी रूप से बंद हो रही हैं। इन्हें भारत सकार की तरफ से नकद सहयोग नहीं दिया जाना ‘‘अपराध’’ है।'' कांग्रेस नेता ने जिस खबर का हवाला दिया उसके मुताबिक ‘ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन’ (एआईएमओ) के सर्वेक्षण में सामने आया है कि देश के एक तिहाई एमएसएमई इकाइयां बंद होने की कगार पर हैं।’ खबर में कहा गया है कि यह सर्वेक्षण एमएसएमई, स्व-रोजगार, कॉरपोरेट सीईओ और कर्मचारियों से प्राप्त कुल 46,525 जवाबों पर आधारित है। सर्वेक्षण 24 मई से 30 मई के बीच ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया था।

गुजरात में कोविड-19 के 415 नए मामले

गुजरात में मंगलवार को कोविड-19 के 415 नए मामले सामने आने के साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या 17,632 तक पहुंच गई। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण से 29 मरीजों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा 1,092 हो गया। इसके मुताबिक, राज्य में मंगलवार को 1,114 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब तक राज्य में 11,894 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं जबकि 4,646 मरीज उपचाराधीन हैं। इनमें से 62 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।

जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 के रिकॉर्ड 117 नये मामले

जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को कोविड-19 की वजह से दो लोगों की मौत हो गई। वहीं 117 नये मामले आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,718 हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को सामने आए मामलों में 13 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के नये 117 मामलों में 40 जम्मू संभाग और 77 कश्मीर संभाग के हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को 13 गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ करीब एक दर्जन पुलिसकर्मियों और सरकारी अस्पताल के चिकित्सक के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। अधिकारियों ने बताया कि 117 नये मामले आने के साथ केंद्र शासित प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,718 हो गई है। उन्होंने बताया कि कुल संक्रमितों में 2,076 कश्मीर के जबकि 642 जम्मू संभाग के रहने वाले हैं। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 1,732 कोविड-19 मरीज उपचाराधीन है जबकि 953 लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि गत 24 घंटे में केंद्र शासित प्रदेश में दो लोगों की कोरोना वायरस की वजह से मौत हुई है। मृतकों में कुपवाड़ा जिले का रहने वाला 25 वर्षीय युवक और बारामूला जिले की 80 वर्षीय महिला शामिल है। जम्मू-कश्मीर में अब तक 33 लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मौत हुई है।

असम में मामले 1,500 के पार

असम में कोरोना वायरस संक्रमण के 28 नए मामले सामने आए हैं और इसी के साथ राज्य में मंगलवार को संक्रमण के मामले बढ़कर 1,513 हो गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत विश्व सरमा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 28 नए मामलों में से पांच लोग हवाई यात्रा कर राज्य लौटे हैं। 12 मामले नौगांव से, 10 गोलाघाट से और एक मामला जोरहाट जिले से सामने आया है। उपचार के बाद संक्रमण मुक्त होने से 40 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। सिल्चर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से 18, गोलाघाट जिला अस्पताल से 12, गुवाहाटी में महेंद्र मोहन चौधरी अस्पताल से नौ और धेमाजी जिला अस्पताल से एक व्यक्ति को छुट्टी दी गई है। राज्य में अब संक्रमण के 1,182 मामले हैं, जबकि 324 लोग ठीक हो चुके हैं। चार लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है और तीन रोगी दूसरे राज्यों में चले गए। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के प्रवक्ता ने बताया कि रूस से एक उड़ान मंगलवार आधी रात को गुवाहाटी के लोकोप्रियो गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाली है। इससे पहले 29 मई को कुवैत से 155 यात्रियों को ले कर एक विमान यहां पहुंचा था और उनमें से 30 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। सरमा ने कहा कि इस बीच, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तेजपुर के रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला को कोविड-19 के लिए अधिकृत परीक्षण केंद्र के रूप में मंजूरी दे दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ''महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को मजबूती प्रदान करने वाला एक और कदम, मुझे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि डीआरडीओ ने तेजपुर स्थित रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला को कोविड-19 के लिए अधिकृत परीक्षण केंद्र के रूप में मंजूरी दी है। मैं इसके लिए रक्षा मंत्रालय को धन्यवाद देता हूं।’’ उन्होंने कहा, ''अंतरराज्यीय आवागमन शुरू होने के बाद राज्य में संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है लेकिन हम अपनी परीक्षण सुविधाओं को बढ़ाकर और कड़ा पृथक-वास तंत्र सुनिश्चित करके एक नाजुक दौर से निकलने में सफल रहे हैं।’’ सरमा ने कहा कि राज्य में प्रतिदिन 10,000 लोगों का परीक्षण किया जा रहा है और उम्मीद है कि 15 जून तक कुल दो लाख लोगों परीक्षण हो चुका होगा।

वेंकेटेश्वर मंदिर आठ जून से शुरू करेगा दर्शन पूर्वाभ्यास

आंध्र प्रदेश में तिरूमाला पहाड़ी पर स्थित भगवान वेंकेटेश्वर के विख्यात मंदिर में कोविड-19 के कारण दो माह से अधिक समय तक दर्शनार्थियों के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाने की तैयारियां चल रही हैं। मंदिर प्रशासन आठ जून से कड़े सुरक्षा उपायों के बीच दो-तीन दिनों तक अपने कर्मचारियों के लिए पूर्वाभ्यास करेगा। तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी ने कहा, ‘‘लोगों के बीच छह फुट की दूरी समेत कोविड-19 के सभी एहतियाती कदमों का कड़ाई से पालन करते हुए दो या तीन दिन तक मंदिर के कुछ कर्मियों और संबद्ध अन्य अधिकारियों को मंदिर में प्रवेश करने दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि उसके तहत इस पहाड़ी पर और विशाल मंदिर परिसर में व्यापक सुरक्षा इंतजाम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर के अधिकारियों के इस अभ्यास से संतुष्ट होने के बाद श्रद्धालुओं को इस पावन पहाड़ी पर आने दिया जाएगा तथा तत्काल ऑनलाइन टिकट उपलब्ध होगा। रेड्डी ने कहा कि जो लोग अनजाने में बिना टिकट के आ जायेंगे, उन्हें पहाड़ी के प्रवेश द्वार ‘अलीपिरि’ में अपना विवरण और संबंधित सबूत देना होगा तथा फिर उन्हें दर्शन पर्ची दी जाएगी। उन्होंने कहा, ''कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान भी 2000 साल से भी अधिक प्राचीन इस धर्मस्थल में भगवान वेंकेटेश्वर के लिए पुरोहितों द्वारा पारंपरिक विधि-विधान व दैनिक अनुष्ठान कराये जा रहे हैं।’’

केरल में कोविड-19 के 86 नये मामले

केरल में मंगलवार को अब तक एक ही दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 86 नए मरीज सामने आए, जिसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,412 हो गई है। राज्य में इस घातक वायरस से एक और मरीज की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 11 तक पहुंच गया। स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा के हवाले से एक बयान में कहा गया कि तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मंगलवार को 77 वर्षीय पादरी की मौत हो गई। तिरुवनंतपुरम जिले के रहने वाले पादरी को एक सड़क दुर्घटना के बाद 20 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 20 मई तक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। पादरी 10 दिन बाद सांस लेने में परेशानी और निमोनिया संबंधी शिकायत के बाद दोबारा वापस आए और मंगलवार को उनकी मौत हो गई। उनके नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। बयान के मुताबिक, राज्य में अब तक 774 लोग उपचाराधीन हैं और 627 मरीज ठीक को चुके हैं।

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महाराष्ट्र में कोविड-19 के 2287 नये मामले

महाराष्ट्र में कोविड-19 के 2287 नये मरीज सामने आने के बाद राज्य में मंगलवार को इस महामारी के मामले बढ़कर 72,300 हो गये जबकि 103 और मरीजों की मौत हो जाने के साथ ही इस बीमारी से अबतक 2465 लोगों की जान चली गयी। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग के एक बयान के अनुसार दिन में 1225 मरीजों को छुट्टी दी गयी जिससे अबतक अब तक 31,333 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। विभाग ने बताया कि फिलहाल राज्य में 38,493 लोगों का उपचार चल रहा है।

दिल्ली सरकार के फैसले का सम्मान करेंः खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि सीमाएं सील करने के दिल्ली सरकार के फैसले का सम्मान करना चाहिए। हालांकि हरियाणा सरकार ने चौथे चरण के लॉकडाउन के बाद दिल्ली से लोगों के आने-जाने की इजाजत दे दी थी। इस मुद्दे पर खट्टर ने कहा कि इस फैसले का सम्मान करना चाहिए कि क्योंकि दिल्ली-हरियाणा सीमा पर सख्ती की जरूरत है। खट्टर ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा, ''(केंद्रीय) गृह मंत्रालय ने दिशा-निर्देश दिए हैं कि सभी अंतर-राज्यीय सीमाओं को खोला जाना चाहिए। हमने भी इन्हें खोलने का फैसला किया है। मगर बाद में दिल्ली ने कहा कि फिलहाल सीमाएं नहीं खोलनी चाहिए।" उन्होंने कहा, ''हमारी सीमाएं पहले से बंद थीं लेकिन जब दिल्ली सरकार ने कहा कि इन्हें अभी नहीं खोलना चाहिए, हमें लगा कि जो वे कह रहे हैं उसका सम्मान किया जाना चाहिए। दिल्ली-हरियाणा सीमा पर सख्ती होनी चाहिए।" मुख्यमंत्री ने कहा कि वे दिल्ली सरकार से बात करेंगे, क्योंकि अंतर-राज्यीय मुद्दों पर सहमति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के साथ हमारी सीमाएं खुली हैं और कोई परेशानी नहीं है। हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के अगले चरण के लिए रविवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें दिल्ली और अन्य राज्यों के साथ लगती सीमाओं को खोल दिया गया था। इससे पहले हरियाणा ने दिल्ली से लगती सीमा को यह कहते हुए सील कर दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी से लगते जिलों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। अरविंद केजरीवाल नीत सरकार ने सोमवार को आदेश दिया था कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक हफ्ते के लिए दिल्ली की सीमाओं को सील किया जा रहा है। हरियाणा में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के सवाल पर खट्टर ने कहा कि राज्य की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है और अधिकतर मामले पिछले 10 दिन में आए हैं। उन्होंने बताया कि 21 लोगों की मौत हुई है जिनमें से अधिकतर पहले से गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।

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आधार नंबर लेने को कहा गया

तमिलनाडु में नाई और ब्यूटी पार्लर वालों से कहा गया है कि वे ग्राहकों के आधार कार्ड का विवरण लें। सरकार ने ऐसा कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर किया है। हजामत की दुकान, ब्यूटी पार्लर और स्पा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के मुताबिक, उन्हें ग्राहकों के नाम, पते, आधार और मोबाइल नंबर का रेकॉर्ड रखना है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इसका मकसद कोविड-19 को फैलने से रोकना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की प्रक्रिया आसान बनाना है। राज्य के अन्य हिस्सो में नाई की दुकान और ब्यूटी पार्लर 24 मई से खोलने की इजाजत दी गई थी जबकि सरकार ने चेन्नई पुलिस के तहत आने वाले इलाकों में सोमवार से इन्हें खोलने की अनुमति दी है। सोमवार से ही "अनलॉक" का पहला चरण शुरू हुआ है। राजस्व प्रशासन के प्रधान सचिव एवं आपदा प्रबंधन आयुक्त जे राधाकृष्णन ने ग्रेटर चेन्नई निगम और सभी जिलो के कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे इन प्रतिष्ठानों को निर्देश दें कि ग्राहकों का रेकॉर्ड रखा जाए और वायरस को फैलने से रोकने के लिए अन्य उचित उपाय किए जाएं। सोमवार को जारी सात पन्नों की मानक संचालन प्रक्रिया में विभिन्न आदेश दिए गए हैं, जिनमें कर्मचारियों और ग्राहकों को हाथ धोने के लिए साबुन या सैनेटाइजर देना, तैलिए और ब्लेड को सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल करने की हिदायत शामिल है।

रेटिंग घटाना हैरान करने वाला कदम नहीं

रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग को घटाना हैरान करने वाला कदम नहीं है। एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने कोविड-19 संकट फैलने के बाद से करीब 21 उभरती अर्थव्यवस्थाओं का रेटिंग परिदृश्य कम किया है। मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को घटाकर नकारात्मक परिदृश्य के साथ बीएए3 कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि उसने धीमी वृद्धि दर, बढ़ते कर्ज तथा वित्तीय प्रणाली में दबाव के मद्देनजर यह कदम उठाया है। भारत की रेटिंग घटाने के अलावा मूडीज ने 11 भारतीय बैंकों की रेटिंग पर भी कदम उठाया है। एसबीआई की शोध रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में कहा गया है, '‘रेटिंग में कटौती उम्मीद के विपरीत नहीं है। आंकड़ों से पता चलता है कि बाजार रेटिंग में कमी से प्रभावित नहीं हुआ है। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों में लाभ दर्ज हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपया भी मजबूत हुआ है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अकेला देश नहीं है जिसकी रेटिंग घटाई गई है। अभी तक दुनिया के 21 उभरते और विकासशील देशों की या तो रेटिंग घटाई गई है या परिदृश्य घटाया गया है। यह पूरी तरह हैरान करने वाला नहीं है क्योंकि दबाव के समय विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उभरते बाजारों की रेटिंग घटने की आशंका अधिक रहती है। रिपोर्ट कहती है कि रेटिंग कार्रवाई भारत सरकार की ऋण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता को लेकर नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कुल कर्ज का सॉवरेन विदेशी कर्ज करीब 20 प्रतिशत है। विदेशी मुद्रा भंडार का मौजूदा स्तर ऋण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

चीन ने कोरोना वायरस की जानकारी दुनिया को देर से दी

इस साल जनवरी के पूरे महीने के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन तुरंत जानकारी मुहैया कराने के लिए सार्वजनिक रूप से चीन सरकार की प्रशंसा करता रहा था लेकिन तथ्य यह है कि चीनी अधिकारियों ने नये वायरस के जीनोम की जानकारी तब जारी की जब एक हफ्ते पहले ही कई देश अपनी-अपनी प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस की आनुवंशिकी का पता लगा चुके थे। चीन ने संक्रमण के जांच के लिए तैयार किट, दवा या टीका के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी। एसोसिएटेड प्रेस को मिले आंतरिक दस्तावेज, ईमेल और दर्जनों साक्षात्कार से पता चलता है कि सूचनाओं पर सख्त नियंत्रण और चीन के जन स्वास्थ्य प्रणाली के भीतर ही प्रतिस्पर्धा की वजह से यह हुआ। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी डब्ल्यएचओ की जनवरी में हुई कई आंतरिक बैठकों के मुताबिक चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने नये वायरस के जीनोम की जानकारी 11 जनवरी को विषाणुरोग एजेंसी की वेबसाइट पर संबंधित सूचना सार्वजनिक किए जाने के बाद दी। इसके बाद भी चीन ने दो हफ्ते से अधिक समय तक डब्ल्यूएचओं को जरूरी जानकारी नहीं दी। हालांकि, सार्वजनिक रूप से डब्ल्यूएचओ चीन की प्रशंसा करता रहा। एपी को मिले दस्तावेजों के मुताबिक डब्ल्यूएचओ इस बात को लेकर चिंतित था कि वायरस से दुनिया को खतरे का आकलन करने के लिए चीन पर्याप्त सूचना मुहैया नहीं करा रहा है और इससे कीमती समय बर्बाद हो रहा है। एक बैठक में चीन के सरकारी चैनल सीसीटीवी को उद्धृत करते हुए चीन में डब्ल्यूएचओ के शीर्ष अधिकारी डॉ. गौडेन गालिया ने कहा, ‘‘हम इस स्थिति में हैं कि वे सीसीटीवी पर सूचना प्रसारित होने से महज 15 मिनट पहले वह जानकारी दे रहे हैं।’’ महामारी की शुरुआत में हुई घटनाओं की जानकारी ऐसे समय आई है जब डब्ल्यूएचओ सवालों के घेरे में था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गत शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ से संबंध खत्म करने की घोषणा की। इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की चीन से मिलीभगत है और महामारी की तीव्रता से जुड़े तथ्यों को छिपा रही है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि चीन हमेशा समय पर डब्ल्यूएचओ को आंकड़े मुहैया कर रहा है लेकिन सामने आई नयी सूचना न तो चीन के दावे को और न ही अमेरिका के दावे को पुख्ता करती है। इससे साबित है कि डब्ल्यूएचओ दोनों के बीच घिरा है और अधिक आंकड़े चाहता है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत देश उन आंकड़ों को मुहैया कराने के लिए बाध्य हैं जिससे जन स्वास्थ्य पर असर पड़ता है पर इसे लागू कराने का अधिकार डब्ल्यूएचओ के पास नहीं है। संगठन सदस्य देशों के सहयोग पर निर्भर है। एपी को मिली जानकारी के मुताबिक चीन से मिलीभगत के बजाय डब्ल्यूएचओ ने खुद को अधिकाधिक अंधेरे में रखा क्योंकि चीन ने न्यूनतम जानकारी दी। इसके बावजूद डब्ल्यूएचओ ने चीन की छवि सुधारने की कोशिश की जबकि अधिक सूचना होने पर संकट को जल्द समाप्त करने में मदद मिलती। डब्ल्यूएचओ के अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित थे कैसे प्रशासन को नाराज किए बिना और वैज्ञानिकों पर दबाव बनाए बिना चीन पर अधिक सूचना के लिए दबाव बनाया जाए। इसलिए उन्होंने कम समय में वायरस का जीनोम पता लगाने पर चीन की प्रशंसा की।

-नीरज कुमार दुबे

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