Unlock 2 के अंतिम दिन भारत में मृत्यु दर 2.28 फीसदी, मात्र 0.28 फीसदी रोगी वेंटिलेटर पर

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उत्तराखंड में शुक्रवार को चार और कोविड—19 मरीजों की मौत हो गयी जबकि 118 नए लोगों में बीमारी की पुष्टि होने के साथ ही राज्य में अभी तक कुल 7,183 लोग के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोविड-19 से मृत्युदर तेजी से घट रही है और इस समय यह 2.18 प्रतिशत के स्तर पर है जो दुनियाभर में सबसे कम मृत्युदर में शामिल है। वहीं महज 0.28 फीसद रोगी वेंटिलेटर पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में इस समय उपचार करा रहे कुल 5,45,318 कोविड-19 रोगियों में से 1.61 प्रतिशत को आईसीयू में देखभाल की जरूरत है, वहीं केवल 2.32 फीसद को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है। कोविड-19 पर मंत्रिसमूह (जीओएम) की 19वीं बैठक की शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से अध्यक्षता करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ने 10 लाख से अधिक संक्रमितों के स्वस्थ होने के महत्वपूर्ण पड़ाव को हासिल कर लिया है और इस समय देश में रोगियों के स्वस्थ होने की दर 64.54 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में उनके हवाले से कहा गया, ‘‘यह दर्शाता है कि देश में केवल 33.27 प्रतिशत मरीज या कुल संक्रमितों के करीब एक तिहाई लोग ही चिकित्सकीय निगरानी में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों में मृत्युदर तेजी से कम हो रही है और इस समय यह 2.18 प्रतिशत है जो दुनियाभर में सबसे कम मृत्युदर में शामिल है।’’ बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी, जहाजरानी मंत्री मनसुख लाल मांडविया, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी शामिल हुए। महामारी की गंभीरता के संबंध में हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘कुल मामलों में, केवल 0.28 प्रतिशत रोगी वेंटिलेटर पर हैं, 1.61 प्रतिशत रोगियों को आईसीयू की जरूरत है और 2.32 प्रतिशत ऑक्सीजन पर हैं।’’ देश में जांच क्षमता के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 24 घंटे की अवधि में देश की 1331 सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में 6,42,588 नमूनों की जांच की गयी और अब तक देश में कुल 1.88 करोड़ से अधिक नमूनों की जांच की जा चुकी है। जीओएम को भारत में कोविड-19 के मौजूदा स्तर के बारे में बताया गया। बैठक में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ सुजीत कुमार सिंह ने कोविड-19 के रोजाना सामने आने वाले संक्रमण के मामलों, मौत के मामलों और सर्वाधिक मामले वाले 10 देशों में मामलों की तुलना पर प्रस्तुतिकरण दिया।

तमिलनाडु में संक्रमण के 5881 नये मामले

तमिलनाडु में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में गिरावट देखी गयी और प्रदेश में कोविड—19 के 5,881 नये मामले सामने आये। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि नये मामलों के सामने आने के साथ ही राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ कर 2,45,859 हो गयी है। इसके अनुसार प्रदेश में संक्रमण से शुक्रवार को 97 लोगों की मौत हो चुकी है। बुलेटिन में कहा गया है कि बृहस्पतिवार को प्रदेश में कोविड—19 के 5,864 नये मामले सामने आये थे। राज्य में इस बीमारी से अब तक 3,935 लोगों की मौत हो चुकी है। बुलेटिन के अनुसार राज्य में उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी पाने वाले मरीजों की संख्या 1,83,956 है। शुक्रवार को संक्रमण से 5778 मरीज ठीक हुये । राज्य में 57,968 कोरोना मरीजों का उपचार चल रहा है।

जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 के 490 नये मामले

जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों में 12 और मरीजों ने कोरोना वायरस संक्रमण से दम तोड़ दिया। वहीं इस केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना वायरस के 490 नये मामले सामने आये जिससे यहां संक्रमितों की कुल संख्या 20,000 से अधिक हो गई। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि अब केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 के 7,765 उपचाराधीन मामले हैं जबकि 12,217 मरीज संक्रमण से ठीक हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 12 में से दो मरीजों की मौत जम्मू में हुई जबकि 10 मरीजों की कश्मीर में हुई। जम्मू कश्मीर में मृतक संख्या बढ़कर 377 हो गई है जिसमें से 349 मरीजों की मौत घाटी में हुई है जबकि 28 मरीजों की मौत जम्मू क्षेत्र में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 490 नये मामले सामने आये जिससे इस केंद्र शासित प्रदेश में इसके कुल मामले बढ़कर 20,359 हो गए। अधिकारियों ने बताया कि नये मामलों में से 143 मामले जम्मू क्षेत्र में जबकि 347 मामले घाटी में सामने आये हैं। नये मामलों में 64 मामले उन व्यक्तियों के हैं जो हाल में जम्मू कश्मीर लौटे थे। मध्य कश्मीर के श्रीनगर जिले में सबसे अधिक 128 मामले और उसके बाद 85 मामले पुलवामा जिले में सामने आये हैं।

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सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक को बढ़ाया

विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा कि देश में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की आवाजाही पर रोक 31 अगस्त तक बढ़ा दी गयी है। अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक सेवाएं 31 जुलाई तक रोक दी गयी थी। कोविड-19 महामारी के चलते मार्च के अंत में ये सेवाएं स्थगित कर दी गयी। हालांकि, मालवाहक उड़ानों और डीजीसीए द्वारा मंजूर उड़ानों को परिचालन की अनुमति दी गयी थी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक बयान में कहा कि सरकार ने भारत से आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री सेवाओं पर लगी रोक को 31 अगस्त तक विस्तारित करने का फैसला किया है। अंतरराष्ट्रीय मालवाहक उड़ानों और डीजीसीए द्वारा मंजूर उड़ानों के परिचालन पर यह पाबंदी लागू नहीं होगी। बयान के मुताबिक, सेवा स्थगित रहने के दौरान फंसे हुए लोगों को लाने-ले जाने के लिए भारत से अंतरराष्ट्रीय परिचालन के लिए 2500 से ज्यादा उड़ानों को मंजूरी दी गयी। ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत छह मई से 30 जुलाई तक एअर इडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस ने फंसे हुए 2,67,436 लोगों को पहुंचाया तथा अन्य निजी उड़ानों ने फंसे हुए 4,86,811 लोगों को पहुंचाया। बयान में कहा गया कि महामारी के बीच क्रमिक तरीके से यात्री विमानों को अनुमति देने की कवायद के तहत अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी से ‘ट्रांसपोर्ट बबल’ समझौते भी किए गए। बयान के मुताबिक, ‘‘हाल में कुवैत के साथ भी ‘ट्रांसपोर्ट बबल’ समझौता किया गया । आगे इसी तरह के समझौते अन्य देशों के साथ भी किए जाने की संभावना है।’’

बंगाल में गणपति का त्योहार ऑनलाइन मनाया जायेगा

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक सामुदायिक पूजा आयोजक ने नयी मिसाल कायम करते हुये कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर गणपति पूजा का त्योहार डिजिटल रूप से आयोजित करने का निर्णय किया है। पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ी सामुदायिक गणपति पूजा का आयोजन करने वाले क्लब ने थीम-आधारित उत्सव के लिए अपनी योजनाओं को टाल दिया है और संक्रमण तथा इसके प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए डिजिटल पूजा करने का विकल्प चुना है। साल्ट लेक युवक संघ के अध्यक्ष अनिद्य चटर्जी ने बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद न तो किसी तरह का पांडाल खड़ा करने और न ही किसी आगंतुक को आने की अनुमति देने का निर्णय किया गया। उन्होंने कहा कि हमने तय किया कि इस साल पूजा नहीं रखेंगे और कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के खतरे को रोकने के लिये ऑनलाइन दर्शन एकमात्र विकल्प होगा। इस साल गणपति पूजा 22 अगस्त को है। उस दिन तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा नहीं की गयी है हालांकि, निषिद्ध क्षेत्र में लॉकडाउन 31 अगस्त तक लागू रहेगा। उन्होंने बताया कि साल्ट लेक का कुछ हिस्सा निषिद्ध क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसी इलाके में क्लब का कार्यालय स्थित है।

हिमाचल प्रदेश में 14 नये मामले

हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को सेना के एक जवान सहित कोरोना वायरस संक्रमण के 14 नये मामले सामने आये, जिससे प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 2,521 हो गयी है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया कि नये मामलों में से आठ मामले कांगड़ा, चार ऊना और दो चंबा में सामने आए। धीमान ने बताया कि प्रदेश में इस वायरस के संक्रमण से 43 मरीज ठीक हुये हैं। इनमें से सिरमौर के 30, कांगड़ा के आठ, चंबा के चार और ऊना का एक मरीज हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण से 13 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1430 व्यक्ति इससे ठीक हो चुके हैं और 15 मरीज दूसरे राज्यों में जा चुके हैं। अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में अभी 1061 मरीजों का उपचार चल रहा है।

उत्तर प्रदेश में एक दिन में सर्वाधिक 4,453 नए मामले

उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 4,453 नये मामले सामने आये, जो एक दिन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। संक्रमण के कारण 43 और मौतें होने से शुक्रवार को मृतकों का आंकड़ा 1630 पहुंच गया। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि विगत 24 घंटे में संक्रमण के 4,453 नये मामले सामने आये हैं। उपचाराधीन मामलों की संख्या अब 39,968 हो गई है। आज आए 4453 नये मामले, प्रदेश में एक दिन में आयी सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले बृहस्पतिवार को 3765 नये मामले सामने आये थे, उसी दिन संक्रमण के कारण 57 लोग की मौत हुई थी जो एक दिन में हुई सर्वाधिक मौतों का आंकड़ा है। प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में 48, 663 लोग पूर्णतया उपचारित होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं। संक्रमण के कारण अब तक 1630 लोगों की जान गयी है। आइसोलेशन वार्ड 34,973 लोग हैं, जिनका विभिन्न चिकित्सालयों और मेडिकल कालेजों में उपचार चल रहा है जबकि संस्थागत पृथक-वास केन्द्रों में 2584 लोग हैं, जिनके नमूने एकत्र कर जांच करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को प्रदेश में जांच का नया रिकॉर्ड बना। एक दिन में कुल 1,15,618 नमूनों की जांचे की गई, यह राष्ट्रीय स्तर पर भी रिकॉर्ड है। आज शाम जारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, 43 मौतों में से छह कानपुर में हुई हैं। वहीं लखनऊ, वाराणसी और बरेली में पांच-पांच लोगों की मौत संकमण से हुई है। राज्य में अब तक सबसे अधिक 199 मौतें कानपुर में हुई हैं। मेरठ में 107 और आगरा में 100 लोगों की मौत कोरोना वायरस संक्रमण से हुई है। नये मामलों की बात करें तो पिछले 24 घंटे के दौरान राजधानी लखनऊ में सबसे अधिक 562 नये प्रकरण सामने आये। कानपुर में 321, बरेली में 295 और प्रयागराज में 231 मामले सामने आये। राज्य में अभी तक कुल 23,25,428 नमूनों की जांच हुई है। बृहस्पतिवार को पूल जांच के माध्यम से पांच-पांच नमूनों के 3358 पूल लगाये गये, जिनमें से 531 में संक्रमण की पुष्टि हुई। दस-दस नमूनों के 302 पूल लगाये गये, जिनमें से 30 संक्रमित मिले। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु के माध्यम से जिन लोगों को अलर्ट आये, ऐसे 5,54,614 लोगों को स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से फोन कर सावधान किया गया है कि आप किसी ना किसी संक्रमित के संपर्क में आये हैं। उन्होंने बताया कि सर्विलांस का कार्य निरंतर चल रहा है। कुल 40,823 इलाकों में सर्विलांस किया गया और 1,47,08,791 घरों में 7,44,89,777 लोगों का सर्विलांस किया गया। प्रसाद ने जनता से कहा कि संक्रमण से ना घबराएं, सावधान और सतर्क रहकर इससे अपना बचाव कीजिए। हाथ को बार-बार साबुन पानी से धोएं। सार्वजनिक जगहों पर मॉस्क, गमछा, दुपट्टा या रूमाल से मुंह और नाक ढांककर जायें और दूसरे व्यक्ति से दो गज की दूरी बनाये रखें। उन्होंने कहा, ‘‘शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कीजिए। तुलसी, अदरक और कालीमिर्च का काढ़ा पीजिए। गिलोय और नीम की पत्ती का सेवन कीजिए। अजवाइन का अर्क पीजिए। गर्म पानी का सेवन कीजिए और नियमित व्यायाम एवं प्राणायाम कीजिए। प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने पर यदि आप संक्रमित होते भी हैं तो कोरोना वायरस आपका कुछ विशेष नुकसान नहीं कर पाएगा।''

महाराष्ट्र में 10,320 नए मामले

महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोविड-19 के 10,320 नए मरीज मिलने के साथ प्रदेश में संक्रमित लोगों की संख्या 4,22,118 हो गई। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग के बयान के मुताबिक, इस घातक वायरस के कारण 265 लोगों की मौत के बाद प्रदेश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 14,994 तक पहुंच गई। इस अवधि में संक्रमण मुक्त हुए 7,543 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई जिन्हें मिलाकर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 2,56,158 हो गई है। बयान के मुताबिक, राज्य में अब संक्रमण से ठीक होने की दर 60.68 फीसदी है जबकि मृत्यु दर 3.55 फीसदी है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में 1,50,966 मरीज उपचाराधीन हैं। वहीं, अब तक महाराष्ट्र में 21,30,098 नमूनों की जांच की गई है।

दिल्ली सरकार के फैसले को खारिज किया

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अनलॉक 3 के तहत होटलों और साप्ताहिक बाजारों की अनुमति देने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के फैसले को खारिज कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जैसे कि कोविड-19 की स्थिति ‘‘नाजुक’’ बनी हुई है और खतरा अभी दूर नहीं हुआ है, तो उसी के मद्देनजर उप राज्यपाल ने यह फैसला लिया है। उपराज्यपाल के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि केंद्र को दिल्ली सरकार के फैसलों में दखल देना बंद करना चाहिए। सूत्रों ने बताया, ‘‘उपराज्यपाल ने अनलॉक 3 के तहत होटलों और साप्ताहिक बाजारों को अनुमति देने संबंधी सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है।’’ अरविंद केजरीवाल सरकार ने शहर में होटलों को फिर से खोलने का बृहस्पतिवार को फैसला किया था। सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए और कोविड-19 से बचाव के सभी आवश्यक उपायों को अपनाते हुए सात दिन के लिए प्रायोगिक आधार पर साप्ताहिक बाजारों को भी अनुमति दी गई थी। आप प्रवक्ता राघव चड्ढा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘केंद्र ने दिल्ली के लोगों को दर्द और दुख पहुंचाकर और दिल्ली की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार की अनदेखी करके दुखद सुख प्राप्त किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में, हमने कई मौकों पर देखा है कि केंद्र दिल्ली सरकार के फैसलों में हस्तक्षेप करता है।’’

प्रवासी कामगारों के रिकार्ड का विवरण मांगा

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन के दौरान अपने घर पहुंचने वाले कामगारों का रिकार्ड और इसे रखने के तरीके का विवरण तीन सप्ताह के भीतर पेश करें। शीर्ष अदालत ने कहा कि रास्ते में फंसे हुये सभी कामगारों को 15 दिन के भीतर ट्रेन या दूसरे साधनों से पहुंचाने के बारे में उसके नौ जून के आदेश के बावजूद अभी भी महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कामगार फंसे हुये हैं। न्यायालय ने कहा कि एक भी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश ने शीर्ष अदालत के पिछले महीने आदेश के अनुपालन में हलफनामे पर विवरण पेश नहीं किया है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘राज्यों को कामगारों के अपने पैतृक स्थानों पर पहुंचने के बारे में रखे गये रिकार्ड और उनके कौशल तथा रोजगार से संबंधित अन्य विवरण पेश करना है। राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश तीन सप्ताह के भीतर इस विवरण के साथ हलफनामे दाखिल करें।’’ पीठ ने कहा कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नौ जून के आदेश पर अनुपालन के बारे में पूर्ण विवरण भी देना चाहिए। शीर्ष अदालत ने नौ जून के आदेश में कामगारों के बारे में अनेक निर्देश दिये थे। न्यायालय ने केन्द्र और राज्य सरकारों से कहा था कि अपने घर जाने के इच्छुक श्रमिकों की पहचान कर 15 दिन के भीतर उन्हें ट्रेन और यातायात के दूसरे साधनों से उनके पैतृक स्थान पहुंचाया जाये। शीर्ष अदालत ने इन कामगारों की दयनीय स्थिति और समस्याओं का संज्ञान लेते हुये पिछले महीने प्राधिकारियों से कहा था कि सामाजिक दूरी के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले कामगारों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले वापस लेने पर विचार किया जाये। न्यायालय ने शुक्रवार को अपने 12 पेज के आदेश में महाराष्ट्र सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे का जिक्र किया और कहा कि इससे संकेत मिलता है कि राज्य में अभी भी कुछ कामगार अपने पैतृक स्थान लौटने के इंतजार में है। न्यायालय ने कहा कि हमारा मानना है कि महाराष्ट्र सरकार को उन कामगारों को वापस भेजने के लिये जल्द से जल्द उचित कदम उठाने चाहिए जो अभी भी अपने पैतृक स्थान लौटना चाहते हैं। न्यायालय ने इस मामले को अब चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया है। इसी बीच, पीठ ने कहा कि कोविड-19 महामारी के लिये राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना के मसले पर पहले से लंबित एक अन्य याचिका के साथ विचार किया जायेगा जिसमें सुनवाई पूरी हो चुकी है।

चार तकनीकों के लिए कर रहे हैं परीक्षण

इजराइल और भारत चार अलग-अलग तरह की तकनीकों के लिए परीक्षण कर रहे हैं, जिसमें लगभग 30 सेकंड में कोविड-19 का पता लगाने की क्षमता है। इसमें एक श्वास विश्लेषक और आवाज परीक्षण (वॉयस टेस्ट) शामिल हैं। एक इजराइली बयान में यह जानकारी दी गई है। इजराइली विज्ञप्ति के अनुसार, भारत में इजराइली राजदूत रोन माल्का ने शुक्रवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में बनाये गये विशेष परीक्षण स्थल का दौरा किया जहां उन्होंने पिछले तीन दिन से तीव्र कोविड-19 जांच के लिए किये जा रहे परीक्षणों को देखा। इजराइल के रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय, भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, भारत के सहयोग और इजराइल एवं भारत के विदेश मंत्रालयों के समन्वय से संयुक्त रूप से तीव्र जांच विकसित की जा रही है। माल्का के साथ प्रो. के विजयराघवन भी थे, जो प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘आरएमएल अस्पताल परीक्षण स्थलों में से एक है, जिसने चार अलग-अलग प्रकार की तकनीकों का परीक्षण शुरू किया है, जिसमें कोरोना वायरस का पता लगाने की क्षमता 30 सेकंड से कम है।’’ बयान में प्रो. विजयराघवन के हवाले से कहा गया है, ‘‘मुझे यकीन है कि इनमें से कुछ सफल होंगे और हमारे देशों और मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेंगे।''

बिहार में सर्वाधिक 2,986 नए मामले

बिहार में शुक्रवार को कोविड-19 के सर्वाधिक 2,986 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमण के कुल मामलों का आंकड़ा 50,000 के पार यानी 50,987 पहुंच गया। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में 13 संक्रमित मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 298 पहुंच गई। इस महीने की शुरुआत से ही बिहार में कोविड-19 के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिली और मृतक संख्या में चार गुनी वृद्धि हुई है। नए मामलों में से 535 संक्रमित मरीज पटना के हैं जिसके बाद शहर में संक्रमित मामलों का आंकड़ा 8,764 पहुंच गया। गया में 126, मधुबनी में 122, मुजफ्फरपुर में 124, नालंदा में 146,रोहतास में 156 और वैशाली में 123 नए मामले सामने आए।

नगालैंड में 126 नए मामले

नगालैंड में कोरोना वायरस के 126 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 1,692 हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एस पांग्यू फोम ने बताया कि दीमापुर में कोविड-19 के सबसे अधिक 95 नए मामले सामने आए जबकि कोहिमा में 31 नए मामले सामने आए। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में फिलहाल 1,062 मरीज उपचाराधीन हैं जबकि 625 मरीज संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। दीमापुर में अब तक सर्वाधिक 703 नए मामले सामने आए हैं जबकि कोहिमा में 474, पेरेन में 252 और मोन में 148 मरीज पाए गए हैं। नगालैंड में कोविड-19 से ठीक होने की दर 36.93 प्रतिशत है। मुख्य सचिव टेंजेन टॉय ने लॉकडाउन के दौरान राज्य में लोगों की आवाजाही और भीड़ की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किया है। राज्य में कोरोना वायरस मामलों में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर लॉकडाउन 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।

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संक्रमण का असर रक्षा बंधन के पर्व पर भी

उत्तर भारत के बड़े पर्वों में से एक रक्षाबंधन के त्योहार को सिर्फ तीन दिन बचे हैं लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते राखी की दुकानों पर सन्नाटा पसरा है और खरीदारी नहीं होने से दुकानदार परेशान हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सड़क के किनारे ऐसी ही एक दुकान लगाई है राजबाला ने। हर गुजरने वाले से खरीदारी की आस लगाए राजबाला कहती हैं कि उनकी अभी तक एक भी राखी नहीं बिकी है। उन्होंने कहा, ''कुछ करने के लिए है ही नहीं। अभी तक कोई खरीदारी करने नहीं आया है।’’ देश में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए इस बार परिवारों में किसी बड़े आयोजन के होने की संभावना कम ही हैं जहां भाई बहन इकट्ठा हो कर रक्षा बंधन का त्योहार मनाएं। पिछले 15 वर्षों से राखी बेंचने का काम कर रही राजबाला ने कहा, ‘‘पहले महिलाएं शाम को घरों से घूमने निकलतीं थी और दुकानों पर रुक कर राखियां खरीदती थीं। इस महामारी ने हमें पूरी तरह से बर्बाद कर दिया।’’ गाजियाबाद की ही रहने वाली छाया सिंह कहती हैं, ‘‘मैंने अपने भाई से मेरी तरफ से रोली लगाने और राखी बांधने को कह दिया है। इस बार हम एक दूसरे को खतरे में नहीं डालेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऑनलाइन शॉपिंग पर भी विश्वास नहीं है। क्योंकि पता नहीं राखी को कितने लोगों ने छुआ होगा। मुझे नहीं लगता कि यह सुरक्षित है।’’ गुरुग्राम की आईटी पेशेवर अमृता मेहता कहती हैं कि वह हर साल भाई को राखी बांधने जयपुर जाती थीं लेकिन इस बार नहीं जाएंगी। संक्रमण के भय से लोगों के नहीं निकलने से राखी के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है। पुनर्चक्रण कागज उत्पाद कंपनी पेपा को आमतौर पर उसकी रोपण योग्य ‘राखी’ (बीज के साथ) के लिए 15,000 ऑर्डर मिलते थे लेकिन इस साल यह संख्या घटकर 5,000 से भी कम रह गई है। कोयम्बटूर की उद्यमी दिव्या शेट्टी ने फोन पर कहा, ‘‘हर साल त्योहार के बाद देश भर में करीब आठ लाख राखियां बेकार हो जातीं हैं। लेकिन रोपण योग्य राखी में निवेश करके आप पर्यावरण के पक्ष में काम कर सकते हैं।’’ रोपण योग्य राखियां ऐसी राखियां होतीं हैं जो मिट्टी और अनेक प्रकार के बीज से मिला कर तैयार की जाती हैं और बाद में इन्हें गमले में डाल दिया जाता है जिससे पौधा तैयार होता है। शेट्टी कहती हैं कि इस बार बिक्री नहीं होने से वह और उनके जैसे तमाम कारोबारी परेशान हैं।

दिल्ली में 1,195 नये मामले

दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 1,195 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1.35 लाख से अधिक हो गई हैं जबकि इस महामारी से मृतकों की संख्या बढ़कर 3,963 हो गई हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सोमवार को प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों की संख्या गिरकर 613 हो गई थी जो दो महीनों में सबसे कम मामले थे। मंगलवार से मामलों की संख्या एक हजार से अधिक मामले सामने आये है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के शुक्रवार को जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में 27 और लोगों की मौत हुई है। बुलेटिन के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को 10,705 लोगों का इलाज चल रहा है। दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोविड-19 से मृतकों की संख्या 3,936 थी। बुलेटिन के अनुसार मृतकों की संख्या अब बढ़कर 3,963 और मामलों की कुल संख्या बढ़कर 1,35,598 हो गई हैं।

पांच दिवसीय सीरो-सर्वे शनिवार से होगा शुरू

राष्ट्रीय राजधानी में सीरो-सर्वे का अगला चरण शनिवार को शुरू होना है। अधिकारी दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति का विस्तारपूर्वक विश्लेषण करने के लिए पांच दिनों के इस सर्वेक्षण को शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 22 जुलाई को घोषणा की थी कि पिछले सर्वेक्षण के नतीजों का विश्लेषण करने के बाद यह फैसला किया गया है कि हर महीने ऐसे और सर्वेक्षण कराए जाएंगे ताकि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए बेहतर नीतियां बनाई जा सके। अगला सीरो-सर्वे एक से पांच अगस्त तक चलेगा। अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने एक विस्तृत योजना बनाई है जिसके तहत हर जिले के चिकित्सा अधिकारी को अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराने के लिए कहा गया है। दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के 1093 के नए मामले आने के साथ ही शहर में संक्रमण के मामले 1.34 लाख से अधिक हो गए जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 3,936 पर पहुंच गई। दिल्ली सरकार ने इससे पहले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के साथ मिलकर 27 जून से 10 जुलाई तक सीरो-सर्वे कराया था। केंद्र सरकार ने बताया कि अध्ययन में यह पाया गया था कि दिल्ली में जिन लोगों का सर्वेक्षण किया गया उनमें से 23 प्रतिशत लोग कोरोना वायरस के संपर्क में आए। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नतीजों की घोषणा करने के एक दिन बाद जैन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘27 जून से 10 जुलाई तक किए सीरो-सर्वे के नतीजे कल आए और यह दिखाते हैं कि करीब एक चौथाई लोगों में एंटीबॉडीज बन गए जिसका मतलब है कि वे संक्रमित हुए थे और स्वस्थ हो गए। इनमें से ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं था कि वे संक्रमित हो चुके हैं।’’ बहरहाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एक से पांच अगस्त तक चलने वाले सर्वेक्षण की ज्यादा जानकारियां साझा नहीं की। दक्षिण दिल्ली जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण के बारे में अभी उन्हें कोई निर्देश नहीं दिया गया है लेकिन प्रशासन इसके लिए तैयार है। सीरो-सर्वे में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडीज मौजूद होने की जांच करने के लिए लोगों के ब्लड सीरम की जांच की जाती है।

ट्रेन से उतारकर अस्पताल भेजा गया

कोझिकोड जाने वाली ट्रेन में सवार 29 वर्षीय एक यात्री को, कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार को ट्रेन से उतार कर सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि कोझिकोड-तिरुवनंतपुरम जन शताब्दी एक्सप्रेस के जिस डिब्बे में वह यात्री यात्रा कर रहा था उसके 20 से अधिक यात्रियों को एर्नाकुलम उत्तर रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद दूसरे डिब्बे में भेजने के बाद डिब्बे को विषाणुमुक्त किया गया और फिर सील कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि कोझीकोड से ट्रेन में सवार हुए व्यक्ति को कोझीकोड के चिकित्सा अधिकारियों का फोन आने के बाद पता चला कि वह कोविड-19 से संक्रमित है। व्यक्ति द्वारा तिरूवनंतपुरम जा रही जन शताब्दी एक्सप्रेस के त्रिचूर पहुंच जाने की जानकारी दिए जाने के बाद कोझीकोड जिला चिकित्सा अधिकारियों ने तुरंत अपने समकक्षों और रेलवे अधिकारियों को सूचित किया। डिब्बे में रोगी के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को घर में ही पृथक-वास में रहने का निर्देश दिया गया है। उत्तर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने के बाद मरीज को सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया।

30 प्रतिशत वेतन कोविड-19 सहायता के लिए देंगे

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य अपना 30 प्रतिशत वेतन कोविड-19 सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराएंगे। चौहान ने शुक्रवार को मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये की गयी बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों से उबरने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। मैंने मुख्यमंत्री के रूप में 23 मार्च को शपथ ग्रहण करने से लेकर 31 जुलाई 2020 तक अपने वेतन, सत्कार भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र भत्ते का 30 प्रतिशत मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 राहतकार्यों के लिए मैं 30 सितंबर 2020 तक अपने वेतन एवं दोनों भत्तों के 30 प्रतिशत राशि को भी मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवा रहा हूं।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के सभी मंत्रियों ने तय किया है कि वे अपने वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा राहत कोष में सहयोग कर इस लड़ाई को मजबूती प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी विधायक साथियों से अनुरोध है कि वे भी अपने वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा कोविड-19 के खिलाफ अभियान में मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करें। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अब जनता के सक्रिय सहयोग से कोरोना वायरस को पूर्ण रूप से परास्त करना है। इसके लिए हमने निर्णय लिया है कि एक अगस्त से 14 अगस्त 2020 तक ‘किल कोरोना अभियान भाग 2’ प्रारम्भ किया जाएगा।’’ चौहान ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य होगा: 'संकल्प की चेन जोड़ो, संक्रमण की चेन तोड़ो।'’ उन्होंने कहा कि इस अवधि में मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करेंगे। इस अवधि में विकास कार्यों से जुड़े शिलान्यास, भूमिपूजन, लोकार्पण के सार्वजनिक कार्यक्रम भी प्रतिबंधित रहेंगे। इन कार्यक्रमों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजन किया जा सकता है। चौहान ने कहा कि इस अवधि में राजनीतिक रैली भी प्रतिबंधित रहेंगी, इनका आयोजन भी वर्चुअल मोड में किया जाए। उन्होंने कहा कि इसी के साथ प्रदेश के 22 जिलों में जिला खनिज निधि में आने वाले प्रतिवर्ष लगभग 500 करोड़ रूपये के कोष की एक तिहाई राशि इन जिलों में कोरोना वायरस संबंधी कार्यों और गरीबों के लिए रोजगार मूलक कार्यों में खर्च की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि बंधित जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से यह राशि स्वीकृत की जाएगी। मंत्रियों को जिलों के प्रभार अगले सप्ताह तक आवंटित कर दिए जाएंगे।

-नीरज कुमार दुबे

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