Unlock 2 के 9वें दिन देश में कुल कोरोना पीड़ितों में से 90 प्रतिशत मामले 8 राज्यों से

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दिल्ली में 87 साल की महिला और अल्जाइमर से पीड़ित उनके 90 वर्षीय पति ने कोरोना वायरस को मात दे दी है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने कहा कि दुनियाभर में बुजुर्गों की सबसे अधिक मौत के आंकड़ों को देखते हुए इस दंपति का स्वस्थ होना आशा की किरण है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि संयुक्त प्रयासों की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में हाल के दिनों में कोविड-19 संबंधी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जहां लोगों के स्वस्थ होने की दर 72 प्रतिशत से अधिक हो गई है तथा संक्रमण के मामलों के दुगुना होने की अवधि लगभग 30 दिन पर पहुंच गई है। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंत्रालय महामारी की स्थिति में सुधार के लिए दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में राज्य सरकारों के साथ लगातार बैठकें कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन बैठकों में राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ भी शामिल होते हैं और कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि इन निर्णयों में निजी अस्पतालों में कोविड-19 उपचार के खर्च पर नियंत्रण, राष्ट्रीय राजधानी में अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था करना, रैपिड एंटीजन प्रौद्योगिकी के माध्यम से जांच क्षमता बढ़ाने, निरुद्ध क्षेत्रों का सावधानी से चिह्नीकरण, सभी प्रभावित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना और सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली के प्रभावी इस्तेमाल जैसे कदम शामिल हैं। इसके अलावा अब बीमारी के चिकित्सकीय प्रबंधन के वास्ते देश में सभी कोविड-19 अस्पतालों के लिए एम्स दिल्ली परामर्श टेलीमेडिसन सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में संयुक्त प्रयासों से स्थिति में सुधार हुआ है। बड़े स्तर पर रैपिड एंटीजन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे जांच क्षमता में वृद्धि हो रही है।’’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आठ जुलाई तक 6.79 लाख से अधिक जांच, प्रति 10 लाख आबादी पर 35,780 जांच की गई हैं और हर रोज 20 हजार से अधिक जांच की जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिदिन जांच क्षमता में वृद्धि के बावजूद दिल्ली में उपचाराधीन मरीजों की संख्या नियंत्रण में है।’’ श्रीवास्तव ने कहा कि बृहस्पतिवार तक के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में कोरोना वायरस के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 23,452 है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वालों की दर लगभग 72 प्रतिशत है तथा संक्रमण के मामलों के दुगुना होने की अवधि 29.7 दिन (या लगभग 30 दिन) हो गई है। अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘अस्पतालों में एक जून तक 4,456 बिस्तर उपलब्ध थे। अब 15,096 बिस्तर उपलब्ध हैं। आठ जुलाई तक 10,237 बिस्तर खाली थे जो उपलब्धता का लगभग 68 प्रतिशत हैं।’’ श्रीवास्तव ने कहा कि यहां छतरपुर स्थित सरदार पटेल कोविड देखरेख केंद्र ने स्थिति बदल दी है, जहां 12 दिन के भीतर दिल्ली के निवासियों के लिए बेहतरीन सुविधा सुनिश्चित की गई। यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से ‘अनलॉक-2’ संबंधी दिशा-निर्देश क्रियान्वित किए गए हैं और निरुद्ध क्षेत्रों के बाहर गतिविधियों के लिए राज्यवार अनुमति दी जा रही है। हालांकि, निरुद्ध क्षेत्रों में 31 जुलाई तक लॉकडाउन सख्ती से लागू रहेगा। अधिकारी ने कहा, ‘‘अब सभी आर्थिक गतिविधियों के लिए अनुमति दे दी गई है। मास्क पहनने, एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखने जैसे राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का अनुपालन सर्वोपरि जैसा है।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुपालन पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

महाराष्ट्र में 6,875 नये मामले सामने आये

महाराष्ट्र में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 6,875 नये मामले सामने आने से इसके कुल मामले बढ़कर 2,30,599 हो गए जबकि 219 और मरीजों की मौत होने से राज्य में मृतक संख्या 9,667 हो गई। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि 4,067 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई जिससे राज्य में ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 1,27,259 हो गई। विभाग ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 93,673 उपचाररत मामले हैं। बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में अभी तक 12,22,487 लोगों की कोविड-19 के लिए जांच की गई है।

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मंत्री समूह को दी गई जानकारी

देश में कोविड-19 के कुल इलाजरत मरीजों में से लगभग 90 प्रतिशत मरीज महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना सहित आठ राज्यों में हैं और ऐसे 80 प्रतिशत मरीज देश के महज 49 जिलों में हैं। इसके बारे में कोविड-19 पर गठित मंत्री समूह (जीओएम) को बृहस्पतिवार को जानकारी दी गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा, मंत्री समूह को बताया गया कि देशभर में कोविड-19 के कारण हुई मौतों में से 86 प्रतिशत मौतें छह राज्यों- महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हुई हैं। देश में 80 प्रतिशत मौतें 32 जिलों में हुई हैं। मंत्रालय ने बताया कि बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में मंत्री समूह की 18वीं बैठक हुई, जिसमें उसे बताया गया कि उच्च मृत्यु दर वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति के बारे में मंत्री समूह को जानकारी दी गई। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘पांच सबसे अधिक प्रभावित देशों के बीच एक वैश्विक तुलना में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर संक्रमण के सबसे कम मामले हैं। भारत में प्रति दस लाख आबादी में संक्रमण के 538 मामले हैं और 15 मौतें हुई हैं, जबकि इसका वैश्विक औसत क्रमशः 1,453 और 68.7 है।’’ देश में कोरोना वायरस के उचपचाराधीन मामलों के लगभग 90 प्रतिशत मामले आठ राज्यों- महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में हैं। भारत में कोविड-19 स्वास्थ्य सेवाएं संबंधी बुनियादी ढाँचा के बारे में, जीओएम को सूचित किया गया कि देश भर में कोविड-19 के इलाज के लिए 3,914 अस्पताल हैं, जिनमें 3,77,737 पृथक-वास बिस्तार (आईसीयू सुविधा के बिना), 39,820 आईसीयू बिस्तर, 1,42,415 ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड और 20,047 वेंटिलेटर मौजूद हैं। जीओएम को बताया गया कि 21.3 करोड़ से अधिक एन95 मास्क, 1.2 करोड़ व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट और 6.12 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां अब तक वितरित की जा चुकी हैं। बैठक में हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘जैसा कि हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, हमारा ध्यान रोकथाम के सख्त उपाय और निगरानी तंत्र के माध्यम से कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन पर है। पूर्ण जांच क्षमता के उपयोग, बीमार व्यक्ति और बुजुर्ग लोगों की निगरानी, संभावित हॉटस्पॉट के अनुमान, अरोग्य सेतु ऐप जैसे डिजिटल उपकरण के इस्तेमाल, अस्पतालों में रोगी को भर्ती करने की निर्बाध प्रक्रिया और स्वास्थ्य सुविधाएं (क्रिटिकल-केयर बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और लॉजिस्टिक्स) संबंधी बुनियादी ढांचे की तैयारियों को सुनिश्चित करना है।’’ मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ, हमारा उद्देश्य मरीजों की जल्द पहचान कर और प्रभावी उपचार प्रबंधन के जरिये मृत्यु दर को कम करना है।’’ मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत के सिंह ने महामारी के दौरान भारत में किए गए निगरानी प्रयासों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बैठक में भाग लिया। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल भी वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। देश में एक दिन में कोरोना वायरस के सर्वाधिक 24,879 मामले सामने आने के साथ ही बृहस्पतिवार को संक्रमितों की कुल संख्या 7,67,296 पर पहुंच गई। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश से करीब 75 फीसदी नए मामले सामने आए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार 487 और लोगों की मौत के साथ मृतकों की संख्या 21,129 हो गयी। देश में 4,76,377 लोग स्वस्थ हुए हैं जबकि 2,69,789 संक्रमित लोगों का उपचार किया जा रहा है।

संक्रमित नहीं पाए जाने वाले पर्यटक उत्तराखंड आ सकेंगे

कोरोना वायरस संकट के बीच अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले पर्यटक यदि संक्रमित नहीं होने संबंधी रिपोर्ट अपने साथ लाते हैं तो वे पृथक-वास में रहे बिना राज्य में कहीं भी बेरोक-टोक घूम सकेंगे। हालांकि, फिलहाल वे चारधाम की यात्रा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि चारधाम को अभी केवल उत्तराखंड के निवासियों के लिए ही खोला गया है। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने संबंधी रिपोर्ट के साथ अन्य राज्यों के उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों का स्वागत है। उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि पर्यटक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने संबंधी रिपोर्ट लेकर राज्य में प्रवेश करेंगे और उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटक स्थलों का आनंद लेंगे। इससे राज्य में संक्रमण के खतरे को रोका जा सकेगा और राज्य के पर्यटन व्यवसाय को नई गति मिलेगी।'' प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि देश के अन्य राज्यों से आने वाले सभी पर्यटकों को कोविड—19 जांच संबंधी अपनी रिपोर्ट देहरादून के पोर्टल पर पंजीकरण के समय ही अपलोड करनी होगी तथा राज्य में भ्रमण करते समय भी उन्हें इस रिपोर्ट को अनिवार्य रूप से अपने साथ रखना होगा। जावलकर ने कहा कि कोविड-19 जांच नहीं करवाने वाले पर्यटक न्यूनतम सात दिन की होटल बुकिंग कराने पर ही राज्य में प्रवेश कर सकेंगे और सात दिन के पश्चात वे राज्य में किसी भी स्थान पर भ्रमण कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि आने के पहले सात दिनों तक वे होटल परिसर में ही रह सकेंगे। सचिव ने कहा कि होटलों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि सात दिन से कम की बुकिंग करने वाले अतिथियों ने अनिवार्य रूप से अधिकृत प्रयोगशाला से पिछले 72 घंटों में कोविड—19 की जांच कराई हो और वे जांच में संक्रमित नहीं पाए गए हों। नये दिशानिर्देशों के बारे में विवरण देते हुए जावलकर ने बताया कि शादी समारोह में शामिल होने के लिए अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले मेहमानों को पृथक-वास में नहीं रहना होगा, लेकिन वे विवाह स्थल के अतिरिक्त अन्य कहीं नहीं जा पाएंगे।

वायु प्रदूषण बढ़ाता है कोरोना संक्रमण

एक नए अध्ययन में पता चला है कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को कड़ाई से लागू किए जाने के बावजूद बेंगलुरु में 2020 के पहले छह महीनों में हुई 6,300 लोगों की मौत वायु प्रदूषण से जुड़ी है। साथ ही इससे शहर की सालाना जीडीपी में 3.7 फीसदी की गिरावट आई है। आईक्यूएयर एयरविजुअल और ग्रीनपीस-दक्षिण पूर्वी एशिया के नए ऑनलाइन टूल के अनुसार शोध में सामने आया है कि लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से कोविड-19 की चपेट में आने और मौत का खतरा बहुत अधिक है। दोनों संगठनों ने एक बयान में दावा किया, ‘‘कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये सख्ती से लॉकडाउन लागू किये जाने के बावजूद बेंगलुरु में 2020 की पहली छमाही में अनुमानत: 6,300 लोगों की मौत वायु प्रदूषण से जुड़ी है।’’ बयान में कहा गया कि यह भी पता चला है कि वायु प्रदूषण ने पिछले छह महीनों में शहर की अर्थव्यवस्था को लगभग 6,973 करोड़ रुपये का झटका दिया है, जो कि बेंगलुरु की कुल वार्षिक जीडीपी के 3.7 फीसदी के बराबर है।

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उत्तराखंड में 47 नए मामले सामने आये

उत्तराखंड में बृहस्पतिवार को कोविड—19 के 47 नये मामले सामने आने के साथ राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 3,395 हो गये हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों में सर्वाधिक 20 मरीज देहरादून जिले से हैं, जबकि 12 मामले नैनीताल जिले से, पांच—पांच मामले पौडी और टिहरी से, उधमसिंह नगर से तीन और चंपावत जिले से दो मामले हैं। बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में बुधवार को 22 और मरीज उपचार के बाद इस रोग से उबर गए। अब तक कुल 2,672 मरीजों को संक्रमण मुक्त् होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है। वहीं, उपचाराधीन मामलों की संख्या 558 है। प्रदेश में कोविड 19 के अब तक 46 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 29 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं।

प्रयोगशाला में कोविड-19 की जांच रोकी गयी

पुणे की एक निजी प्रयोगशाला की एक जांच रिपोर्ट में विसंगति पाए जाने के बाद उसे कोविड-19 का परीक्षण करने से रोक दिया गया है। जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने एक आदेश जारी कर कहा कि पुणे जिले की हवेली तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित थायरोकेयर लैब को कोविड-19 की जांच करने से रोक दिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया, ‘‘हवेली तहसील के खानापुर गांव के एक परिवार ने थायरोकेयर लैब में कोविड-19 की जांच करायी थी। परिवार के दो लोगों में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई और एक बच्चे को संक्रमित बताया गया।’’ उन्होंने बताया कि परिवार ने जब नतीजे पर संदेह प्रकट किया तो उनके नमूने को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में भेजा गया जहां किसी में भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। उन्होंने बताया कि विसंगति के बाद हवेली तहसील की संबंधित प्रयोगशाला में कोविड-19 की जांच रोक दी गयी है। बहरहाल, थायरोकेयर टेक्नोलॉजी के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर ने बताया कि उन्हें जिला प्रशासन से कोई औपचारिक पत्र नहीं मिला है, लेकिन वह प्रशासन के साथ सहयोग करेंगे।

छात्रों को पाठ टेलीविजन के जरिये पढ़ाये जाएंगे

तमिलनाडु के स्कूली शिक्षा मंत्री केए सेनगोट्टयन ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य के सरकारी स्कूल के छात्रों को पाठ ऑनलाइन नहीं बल्कि टेलीविजन चैनलों के जरिये पढ़ाये जाएंगे। सेनगोट्टयन ने इरोड जिले के गोबीचेट्टिपलायम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी कक्षाओं का उद्घाटन करेंगे तब कक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। ऑनलाइन कक्षाओं के संबंध में बुधवार को मंत्री की घोषणा से एक बहस शुरू हो गई थी क्योंकि सरकारी स्कूल के छात्र काफी हद तक समाज के गरीब वर्गों से आते हैं और हो सकता है कि उनके पास स्मार्ट मोबाइल फोन जैसी सुविधाएं न हों। उन्होंने कहा कि पांच निजी टीवी चैनल मुफ्त में निर्धारित समय पर कक्षाओं का प्रसारण करेंगे। कुछ वर्गों, विशेषकर माता-पिता का विरोध था, जिनका कहना था कि बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कक्षाएं संचालित करने के लिए तैयारी चल रही है, जो 13 जुलाई के बाद शुरू होंगी। कक्षा 12वीं के छात्रों का उल्लेख करते हुए, मंत्री ने कहा कि सरकार उन सभी 34,842 छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र आवंटित करने के लिए तैयार है जो 24 मार्च को कोरोना वायरस के प्रसार के कारण बोर्ड परीक्षा नहीं दे सके थे। पुन: परीक्षा 27 जुलाई को होगी।

मेघालय में मामले 100 से ज्यादा हुए

मेघालय में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के पांच नए मामले आने के साथ ही राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि नए मामलों में दो सीमा सुरक्षा बल के जवान भी हैं। पूर्वोत्तर राज्य में अभी तक 104 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने बुधवार की रात ट्वीट किया कि पांच में से दो नये मरीज हाल ही में दिल्ली और बिहार से लौटे हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुल 104 मामलों में से 57 लोगों का उपचार चल रहा है, 45 लोग इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हो गए हैं जबकि दो मरीजों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में तैनात बीएसएफ के जवानों में से अभी तक 27 में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक अमर वार ने कहा कि बीएसएफ के 27 जवान और एक अन्य व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की अभी तक पुष्टि हुई है, जबकि 108 अन्य की रिपोर्ट अभी आनी है। उन्होंने बताया कि बीएसएफ के 1,006 जवानों की रैपिड एंटीजन जांच हुई है।

आकस्मिक निधि सीमा बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये

कर्नाटक कैबिनेट ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर आकस्मिक निधि की सीमा को बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये करने के लिए ‘कर्नाटक आकस्मिक निधि (संशोधन) विधेयक, 2020" को बृहस्पतिवार को अपनी मंजूरी दे दी। कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीमा में एक बार वृद्धि करने के लिए यह अध्यादेश होगा क्योंकि सरकार को तुरंत भुगतान करने के लिए धन की आवश्यकता है। मौजूदा प्रावधानों के अनुसार सरकार आकस्मिक निधि के तहत, बिना बजट प्रावधान के 80 करोड़ रुपये तक खर्च कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना वायरस के कारण संकट का सामना कर रहे कुछ वर्गों को पैसे देने की जरूरत है। इसलिए हमने यह सीमा 500 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने कहा, "चूंकि विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है और संकट में पड़े लोगों को तुरंत भुगतान करना है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है।" मंत्री के अनुसार, कैबिनेट ने लोकायुक्त कानून की धारा 9 में एक संशोधन लाने का फैसला किया है जिसके तहत लोकायुक्त या उप-लोकायुत्त द्वारा की जाने वाली प्रारंभिक जांच 90 दिनों में पूरी होनी चाहिए और आरोपपत्र छह महीने के भीतर पूरी हो जाने चाहिए।

बाजार अभी खाली

कोरोना वायरस महामारी के बीच दिल्ली में बाजार खुले करीब दो माह हो गए हैं, लेकिन इसके बावजूद व्यापारी परेशान हैं। व्यापारियों का कहना है कि बाजार में अभी ग्राहक नहीं आ रहे हैं, इसके अलावा उन्हें कर्मचारियों की कमी की समस्या और नकदी संकट से भी जूझना पड़ रहा है। कई व्यापारी और दुकानदार ग्राहकों को भारी ‘छूट’ की पेशकश कर रहे हैं। इसके अलावा वे सोशल मीडिया के जरिये भी ग्राहकों का भरोसा कायम करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी उन्हें इसमें अधिक सफलता मिलती नहीं दिख रही है। ग्राहकों की सुरक्षा के लिये निःशुल्क मास्क, सेनेटाइजर की भी व्यवस्था की गई है। व्यापारी संगठन केंद्र और दिल्ली सरकार के संपर्क में हैं। वे चाहते हैं कि प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं, तो श्रम संकट की समस्या का हल मिल सके। दिल्ली में बाजार 17 मई के बाद लॉकडाउन में ढील के बाद खुले थे। इस दौरान दुकानों के लिए सम-विषम फॉर्मूला लागू किया गया था। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के प्रमुख ब्रिजेश गोयल ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर डर और कई अन्य कारणों से मांग नहीं है। इसके अलावा व्यापारियों के समक्ष नकदी की संकट है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विनिर्माताओं से लेकर थोक और खुदरा व्यापरियों तक आपूर्ति श्रृंखला बाधित है। गोयल ने कहा, ‘‘प्रवासी श्रमिकों के अपने गांवों को लौटने के बाद व्यापारियों को श्रमिकों की कमी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। हालांकि, श्रमिक वापस आना चाहते हैं, लेकिन परिवहन की समस्या है। हमें केंद्र और दिल्ली सरकार से उनके लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने का आग्रह कर रहे हैं।’’ सरोजनी नगर मिनी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में ग्राहकों का भरोसा काम करने के लिए व्यापारी कई कदम उठा रहे हैं। रंधावा ने कहा, ‘‘अभी मांग कोविड-19 से पूर्व के स्तर के करीब 10 से 15 प्रतिशत के बराबर है। हम ग्राहकों को भारी छूट देकर और संक्रमण से बचाव के सभी उपायों के जरिये उनका भरोसा कायम करने का प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह हमने ग्राहकों को 20 से 30 प्रतिशत की छूट दी थी, लेकिन मांग में सुधार नहीं हुआ। हम पूरी तरह सफाई व्यवस्था पर ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए ग्राहकों को मुफ्त मास्क भी दिया जा रहा है लेकिन संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से उनका भरोसा कायम नहीं हो पा रहा है। ग्राहकों को बाजार में वापस लाने के लिए कृष्णा नगर और करोल बाग के व्यापारियों के संगठन ने स्थानीय निकायों से बाजारों में वाहनों को आने की अनुमति देने का आग्रह किया है। न्यू दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि कनॉट प्लेस जैसा बाजार भी आज सूना है। भार्गव ने कहा कि ग्राहक बाजार से गायब हैं। बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में सिर्फ 10-12 प्रतिशत है। व्यापारियों और दुकानदारों के लिए काफी संकट है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सोशल मीडिया मंचों मसलन फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप और अखबारों में विज्ञापनों के जरिये ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन संक्रमण के डर से लोग बाजार आने से कतरा रहे हैं।’’ खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने कहा, ''ऐसे संकट के समय सरकार हमारी मदद कर करती है। सरकार कम ब्याज पर कर्ज, कर राहत और विभिन्न शुल्कों को माफ कर व्यापारियों को संकट से उबार सकती है।’’ उन्होंने कहा कि अभी हमारा खर्च आमदनी से कहीं अधिक बैठ रहा है और हमें भारी नुकसान हो रहा है।

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मास्टर कार्ड 250 करोड़ रुपये निवेश करेगी

कार्ड से भुगतान की सेवा देने वाली वैश्विक कंपनी मास्टरकार्ड कोविड-19 संकट के बीच देश में छोटे कारोबारियों की मदद के लिये 250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कंपनी के दक्षिण एशियाई कारोबार के अध्यक्ष पी सिंह ने कहा कि यह निवेश कंपनी के 2025 तक प्रतिबद्ध एक अरब डॉलर के निवेश के अतिरिक्त होगा। इसका पूरा ध्यान छोटे कारोबारियों को डिजिटल बनाने में मदद करने, ऋण तक आसान पहुंच बनाने और महिला उद्यमियों की सहायता करने पर होगा। उन्होंने कहा कि यह कंपनी की कोविड-19 संकट को देखते हुए दुनियाभर में किए जाने वाले 25 करोड़ डॉलर (लगभग 1,875 करोड़ रुपये) के निवेश का हिस्सा है। सिंह ने कहा कि कंपनी ने देशभर में एक करोड़ दुकानदारों को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने की सुविधा से सुसज्जित करने का लक्ष्य तय किया है। यह छोटे दुकानदारों को ऋण की आसान पहुंच उपलब्ध कराने में मददगार होगा। महिला उद्यमियों को भी इससे अपना कारोबार बढ़ाने में दद मिलेगी।

बिहार में संक्रमण के मामले बढ़ कर 13,978 हुए

बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से पिछले 24 घंटे के दौरान नौ और लोगों की मौत हो गई। राज्य में इस महामारी से अब तक कुल 109 लोगों की मौत हुई है। साथ ही, बृहस्पतिवार को संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 13,978 हो गये। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान सिवान में तीन, जबकि भागलपुर, पश्चिमी चंपारण, पटना, रोहतास समस्तीपुर और वैशाली जिले में एक—एक व्यक्ति की मौत होने से प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या बढ कर 109 हो गयी है राज्य में इस महामारी से अब तक पटना में 13, भागलपुर, दरभंगा एवं समस्तीपुर में 07—07, रोहतास में 06, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पूर्वी चंपारण, सारण एवं सिवान में 05—05, बेगूसराय एवं वैशाली में 04, भोजपुर, गया, जहानाबाद, खगडिया, नवादा, पश्चिम चंपारण एवं सीतामढी में 03—03, अररिया, कैमूर, किशनगंज एवं मधुबनी में दो—दो तथा अरवल, औरंगाबाद, जमुई, कटिहार, मधेपुरा, मुंगेर एवं शिवहर जिले में एक—एक मरीज की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में आज लगातार दूसरे दिन भी कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले 700 से अधिक रहे और बृहस्पतिवार को 704 नये मामले सामने आये। विभाग के मुताबिक नये मामलों के तहत पटना जिला में सबसे अधिक 132, वैशाली में 73, भागलपुर में 63, बेगूसराय में 44, नालंदा में 42, मुजफ्फरपुर में 39, खगडिया में 37, मुंगेर में पश्चिम चंपारण में 23 मामले सामने आये हैं। विभाग के मुताबिक बांका में 20, रोहतास एवं समस्तीपुर में 19—19, सिवान में 18, गोपालगंज में 17, सारण में 15, बक्सर एवं पूर्वी चंपारण में 11—11, गया में 10, अररिया, किशनगंज, लखीसराय एवं मधुबनी में 08—08, औरंगाबाद, नवादा एवं सुपौल में 07—07, अरवल में 05, दरभंगा, कटिहार एवं पूर्णिया में 04—04, कैमूर एवं शिवहर में 03—03, भोजपुर में 02 तथा जमुई एवं सीतामढी में 01—01 मामले सामने आए हैं। इन 704 मामलों में उत्तर प्रदेश के बलिया निवासी तथा झारखंड के गिरीडीह निवासी एक—एक व्यक्ति, जिनका जांच नमूना पटना में एकत्रित किया गया था, भी शामिल हैं। राज्य में पिछले 24 घंटे के भीतर 6,505 नमूनों की जांच की गयी और अबतक कोरोना वायरस संक्रमित 9792 मरीज इस रोग से उबर चुके हैं।

असम में दो और की मौत

असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत विश्व सरमा ने बताया कि राज्य में कोविड-19 से दो और लोग की मौत होने के साथ ही बृहस्पतिवार तक इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘बड़े दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि जीएमसीएच कोविड आईसीयू में भर्ती कोविड-19 के दो और मरीजों की संक्रमण के कारण आज सुबह मौत हो गई। दोनों वेंटिलेटर पर थे। मेरी संवेदनाएं।’’ राज्य में अभी तक 14,032 लोग के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, इनमें से फिलहाल 5,279 लोग उपचाराधीन हैं जबकि 8,726 संक्रमण मुक्त होकर घर लौट चुके हैं।

केरल में संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 339 मामले आए सामने

केरल में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 339 मामले बृहस्पतिवार को सामने आए और इसके साथ ही राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 6,534 हो गई है। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सचेत किया है कि सामुदायिक स्तर पर संक्रमण फैलने का खतरा ‘‘बहुत निकट’’ है। केरल में संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 339 नए मामले सामने आए और राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 6,534 हो गई है। विजयन ने संवाददाताओं को बताया कि बृहस्पतिवार को 149 लोग संक्रमणमुक्त हुए और 2,795 लोगों का उपचार चल रहा है। विजयन ने कहा कि कम से कम सात ऐसे लोग हैं, जिनके संक्रमित होने के स्रोत का अभी पता नहीं चल पाया है। तिरुवनंतपुरम में लगातार दूसरे दिन राज्य में संक्रमण के सर्वाधिक मामले सामने आए। तिरुवनंतपुरम में बृहस्पतिवार को 95 मामले सामने आए। विजयन ने कहा, ‘‘हम सामुदायिक स्तर पर संक्रमण फैलने के खतरे के बहुत निकट हैं। एक मछली बाजार में संक्रमण के कारण राजधानी में पूर्ण लॉकडाउन लागू करना पड़ा है।’’

द्वितीय वर्ष की पूरक परीक्षाएं रद्द

तेलंगाना सरकार ने बृहस्पतिवार को इंटरमीडिएट द्वितीय वर्ष की पूरक परीक्षाएं रद्द करने का ऐलान किया और प्रत्येक छात्र को उत्तीर्ण घोषित किया। शिक्षा मंत्री पीएस इंद्र रेड्डी ने कहा कि 1.47 लाख छात्र अब उत्तीर्ण माने जाएंगे जिन्हें परीक्षा में बैठना था और वे अब 31 जुलाई तक अपने संबंधित कॉलेजों से अपनी मार्कशीट एकत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री (के. चंद्रशेखर राव) ने उन सभी छात्रों को पास करने का निर्णय लिया जो द्वितीय वर्ष की परीक्षा में असफल रहे हैं। इन छात्रों को 'कंपार्टमेंटल पास' के तहत उत्तीर्ण प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा और 31 जुलाई तक छात्रों को उनके संबंधित कॉलेजों में मार्क मेमो जारी कर दिए जाएंगे।’’ रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह निर्णय कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर लिया और इसलिए भी कि छात्रों को कोई असुविधा नहीं हो। लॉकडाउन की घोषणा से पहले इंटरमीडिएट द्वितीय वर्ष की नियमित परीक्षाएं मार्च में आयोजित हुई थीं और बाद में इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड द्वारा परिणाम घोषित किए गए थे।

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डब्ल्यूएचओ ने समिति बनाने की घोषणा की

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम अफ्रीकी देश लाइबेरिया की पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ और न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क एक समिति का नेतृत्व करेंगी जो कारोना वायरस महामारी के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई का ‘ईमानदारी से मूल्यांकन’ करेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम गैबरेयेसस ने महामारी से निपटने की तैयारी और उठाए गए कदमों को लेकर गठित स्वतंत्र समिति के सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा की। यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है जब अमेरिका ने आरोप लगाया है कि डब्ल्यूएचओ वैश्विक महामारी से निपटने में नाकाम रहा है और वह संगठन से अलग हो चुका है। गैबरेयेसस ने कहा, ‘‘दोनों नेता तटस्थ आकलन कर इस अहम पड़ाव में हमें अवगत कराएंगी और भविष्य में इस तरह की आपदा को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर हमारा मार्गदर्शन करेंगी।’’ डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने महामारी के खिलाफ फिर से वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया और नेतृत्व की कमी की बात कही। उन्होंने ट्रंप प्रशासन का हवाला नहीं दिया। हालिया वर्षों में डब्ल्यूएचओ को सबसे ज्यादा अनुदान अमेरिका ही दे रहा था। उन्होंने कहा कि नवंबर में 194 राष्ट्रों की विश्व स्वास्थ्य ससभा के पहले वह सितंबर में डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड की विशेष बैठक बुलाएंगे। विश्व स्वास्थ्य सभा का आयोजन आम तौर पर मई में होता है लेकिन इस साल महामारी के कारण इसे छोटा कर दिया गया और ऑनलाइन तरीके से आयोजित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुद को भविष्य की वैश्विक महामारी तथा हमारे समय की अन्य चुनौतियों के लिए तैयार करना होगा। कोविड-19 हमसे काफी कुछ ले चुका है। लेकिन, इसने अतीत से सीखने और भविष्य को बेहतर बनाने का भी मौका दिया है।'' 

20 अरब डॉलर की भरपाई के लिए याचिका दायर

पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति द्वारा दायर 20 अरब डॉलर की भरपाई संबंधी याचिका पर यहां की एक अदालत ने इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास, लाहौर में अमेरिकी महावाणिज्य दूत और विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। लाहौर निवासी रज़ा अली ने बुधवार को अधिवक्ता सैयद जिले हुसैन के जरिए याचिका दायर की। लाहौर की एक अदालत में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोरोना वायरस के कारण उन्हें और पाकिस्तान को हुए नुकसान के लिए अमेरिका जिम्मेदार है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस महामारी के प्रसार के पीछे अमेरिका है। न्यायाधीश कामरान करामात ने अमेरिकी दूतावास, अमेरिकी महावाणिज्य दूत, अमेरिकी रक्षा मंत्री (महावाणिज्य दूत के जरिए) और विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी कर सात अगस्त तक जवाब मांगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य भी इस वायरस से संक्रमित हैं और उनका स्वास्थ्य इतना खराब हो चुका है कि वे कभी भी स्वस्थ जीवन नहीं जी सकेंगे। याचिका में कहा गया है कि अमेरिका में कोविड-19 के अनियंत्रित प्रसार के कारण पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया में यह महामारी फैली। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मौजूदा अमेरिकी प्रशासन कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक अभियान के लिए बाधा पैदा कर रहा है। याचिकाकर्ता ने अदालत से यह व्यवस्था देने का आग्रह किया कि कोविड-19 अमेरिका के कारण फैला। याचिका में उनके लिए 20 अरब डॉलर की वसूली का आदेश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है। मामले में अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी।

-नीरज कुमार दुबे

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