Unlock 3 के 14वें दिन भारत में स्वस्थ होने की दर दुनिया में सर्वश्रेष्ठ, मृत्यु दर सबसे कम

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत ने जुलाई में अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात समेत पांच देशों को 23 लाख निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) का निर्यात किया। इससे देश को इन किट के वैश्विक बाजार में खुद की स्थिति को मजबूत करने में मदद मिली है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये हैं और कोरोना वायरस रोगियों के स्वस्थ होने की दर दुनिया में सर्वाधिक है जबकि मृत्यु दर सबसे कम है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) के 106वें स्थापना दिवस समारोह में डॉ. हर्षवर्धन डिजिटल तरीके से शामिल हुए। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कोरोना वायरस नमूनों की जांच के लिए केवल एक प्रयोगशाला थी, लेकिन अब देश में 1,400 से अधिक प्रयोगशालाएं हैं। डॉ. हर्षवर्धन के हवाले से बयान में कहा गया, ‘‘हमने कोविड-19 महामारी के असर को कम करने के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये हैं। हमारे देश में संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर दुनिया में सर्वाधिक है जबकि मृत्यु दर सबसे कम है।’’ उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जान गंवाने वाले 245 कोरोना योद्धाओं को अपनी श्रद्धांजलि दी जिनमें डॉक्टर, नर्स और अर्द्धचिकित्सा कर्मी शामिल हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत डब्ल्यूएचओ द्वारा तय वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले ही 2025 तक भारत से टीबी के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई कार्यक्रम के तहत 2022 के अंत तक डेढ़ लाख वैलनेस केंद्र खोलने को कटिबद्ध है। स्वास्थ्य मंत्री ने 1994 में देश में पहले ‘पल्स पोलियो अभियान’ को सफल बनाने में अहम योगदान के लिए डीएमए के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले नौ साल में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया है।''

महाराष्ट्र में 12,608 नए मामले

महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 12,608 नए मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 5,72,734 हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने कहा कि कोविड-19 से 364 और मरीजों की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 19,427 हो गई। विभाग की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार, शुक्रवार को 10,484 मरीज ठीक हो गए। वर्तमान में राज्य में 1,51,555 मरीज उपचाराधीन हैं। विभाग ने कहा कि अब तक महाराष्ट्र में कोविड-19 के 4,01,442 मरीज ठीक हो चुके हैं और 30,45,085 लोगों की जांच की जा चुकी है।

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हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के 36 नए मामले

हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 36 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 3,853 हो गयी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमन ने कहा कि राज्य में फिलहाल 1,325 संक्रमित मरीज उपचाराधीन हैं। राज्य में स्वस्थ हो चुके लोगों की संख्या 2,474 हो गई है । वायरस 18 लोगों की जान ले चुका है और 34 मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं। उन्होंने बताया कि नए मामलों में 12 मामले चंबा से, 10 मामले कुल्लू से, आठ सिरमौर से, दो-दो कांगड़ा और उना से, एक-एक मामला मंडी और लाहौल-स्पीति से है। धीमन ने बताया कि शुक्रवार को चंबा से 13, कांगड़ा से 12, सोलन से नौ, बिलासपुर से चार और मंडी से एक यानी कुल 39 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। राज्य में सबसे अधिक 367 संक्रमित लोग सोलन में हैं। इसके बाद कुल्लू में 160, चंबा में 155, सिरमौर में 139, मंडी में 122, कांगड़ा में 80 लोग बीमारी से पीड़ित हैं।

केरल के मुख्यमंत्री विजयन की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई

केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन की कोविड-19 के लिए जांच रिपोर्ट शुक्रवार को नेगेटिव आई। उनके कार्यालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी। वायरस से संक्रमित एक अधिकारी के संपर्क में आने के बाद उन्होंने खुद को पृथक कर लिया था। सूत्रों ने कहा कि विजयन की एंटीजन जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा की भी वायरस के लिए जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के 4600 नए मामले

उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को कोविड-19 के 4600 नये मामले सामने आये जबकि 55 और मरीजों की मौत हो गयी। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 50,426 संक्रमित मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें से 23,861 लोग घर पर पृथक-वास में हैं। प्रसाद ने बताया कि 92,526 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं जबकि मृतकों की संख्या 2335 हो गयी है। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 1,45,287 हो गयी है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को 96,106 नमूनों की जांच की गयी। राज्य में अब तक करीब 36 लाख नमूनों की जांच हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक आठ मौतें राजधानी लखनऊ में हुईं। कानपुर नगर, गोरखपुर और बरेली में चार-चार तथा वाराणसी और प्रयागराज में तीन-तीन मौतें कोरोना संक्रमण के चलते हुईं। बुलेटिन में बताया गया कि प्रदेश में अब तक सबसे अधिक 291 मौतें कानपुर नगर में हुई हैं। राजधानी लखनऊ में 186, मेरठ में 121 और वाराणसी में 116 लोगों की जान कोरोना संक्रमण से अब तक जा चुकी है। बुलेटिन के मुताबिक बीते 24 घंटे में सबसे अधिक 652 मामले लखनऊ में सामने आए। कानपुर नगर में 289 और गोरखपुर में 283 मामले सामने आये। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से 70.22 फीसदी मरीज 20 से 40 वर्ष आयु वर्ग के हैं। जबकि, 8.34 प्रतिशत मरीज 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं। उन्होंने बताया कि निगरानी का कार्य लगातार चल रहा है और अब तक 1.72 करोड़ घरों में 8.68 करोड़ लोगों का सर्वेक्षण किया जा चुका है ।

पंजाब में 25 और मरीजों की मौत

पंजाब में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 25 और मरीजों की मौत हो गयी जिससे प्रदेश में इस वायरस की चपेट में आ कर मरने वालों की संख्या बढ़ कर 731 हो गयी है। प्रदेश में संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 1077 मामले सामने आए जिससे राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 29013 पर पहुंच गया है। प्रदेश सरकार की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि आज संक्रमण से मरने वालों में से लुधियाना से सात, संगरूर एवं पटियाला से चार—चार, जालंधर से तीन, फिरोजपुर एवं मोहाली से दो—दो जबकि अमृतसर, बरनाला और होशियारपुर से एक—एक मरीज शामिल हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि जिन जिलों में नये मामले सामने आये हैं उनमें लुधियाना (296), पटियाला (135), जालंधर (134), पठानकोट (62), बठिंडा (60), मोहाली (53), कपूरथला (38), अमृतसर (36) और गुरदासपुर (35) शामिल है। बुलेटिन में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 489 मरीज उपचपार के बाद ठीक हुये और अब तक 18,328 लोग सफल इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में अब भी 9,954 कोविड—19 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके अनुसार 30 मरीजों की हालत नाजुक है और वे वेंटिलेटर पर हैं जबकि 160 मरीज आक्सीजन पर हैं।

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जम्मू-कश्मीर में 11 और लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 540 नए मामले सामने आए हैं और 11 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 27,489 हो गई। अधिकारियों ने बताया कि सभी 11 लोगों की मौत कश्मीर घाटी में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर घाटी में 421 और जम्मू में 119 नए मामले आए हैं। केंद्रशासित प्रदेश में 7,027 मरीजों का इलाज चल रहा है और अब तक 19,942 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 11 लोगों की मौत के बाद कुल मृतकों की संख्या 520 हो गई, इनमें से कश्मीर घाटी में 481 और जम्मू में 39 लोगों की मौत हुई है।

आंध्र प्रदेश में कोविड-19 के 8,943 नये मामले

आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को कोविड-19 के 8,943 नये मामले सामने आने के साथ ही राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 2,73,085 हो गई। नवीनतम सरकारी बुलेटिन में कहा गया कि पिछले 24 घंटों में राज्य में कोरोना वायरस से 97 और लोगों की मौत हो गई, जबकि 9,779 रोगियों को ठीक होने के बाद राज्य के विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। राज्य में अब तक 1,80,703 मरीज ठीक हो चुके हैं और 2,475 मरीजों की मौत हुई है। फिलहाल, विभिन्न अस्पतालों में 89,907 मरीजों का इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटों में कूरनूल में 12 मरीजों की मौत हो गई जबकि पूर्वी गोदावरी, चित्तूर, गुंटूर, पश्चिमी गोदावरी और एसपीएस नेल्लोर में 10-10 मरीजों ने दम तोड़ दिया। पूर्वी गोदावरी जिले में कोविड-19 के 1,146 नए मामले सामने आए, चित्तूर में 987, कुरनूल में 956, विशाखापत्तनम में 885, अनंतपुरामु में 762 और पश्चिमी गोदावरी में 748 नए मामले सामने आए। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अब तक हुई जांच की कुल संख्या 27,58,485 पहुंच गई।

केरल में कोविड-19 के 1,569 नए मामले

केरल में शुक्रवार को कोविड-19 के 1,569 नए मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 41,277 हो गई। स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि संक्रमित पाए गए मरीजों में 27 स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं। शुक्रवार को 1,304 मरीज ठीक हुए और राज्य में अब तक कुल 26,996 मरीज ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में राज्य में कोविड-19 के 14,094 मरीज उपचाराधीन हैं। 56 मरीज विदेशों से केरल आए हैं जबकि 132 मरीज दूसरे राज्यों से राज्य लौटे हैं।’’ उन्होंने बताया कि 1,569 नए मामलों में से 1,354 लोग संक्रमितों के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। 86 मामलों के स्रोत का पता अभी तक नहीं चल सका है।

जांच आयोग गठित करने के पक्ष में नहीं

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह देश मे कोविड-19 के महामारी में कथित कुप्रबंधन की जांच के लिये आयोग गठित करने के पक्ष में नहीं है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की पीठ ने कहा कि वह ऐसे आरोपों की जांच के लिये घुमंतू जांच नहीं करा सकती और दुनिया के देशों का यही मानना है कि न्यायपालिका को महामारी जैसी आपात स्थिति में कार्यपालिका के कामों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाये। इस दौरान दस्तावेजों की अपठनीय प्रतियां बदली जायें। अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की भी अनुमति दी जाती है।’’ न्यायालय देश में कोविड-19 महामारी से निबटने में कथित कुप्रबंधन की जांच के लिये जांच आयोग कानून, 1952 के तहत आयोग गठित करने हेतु पूर्व नौकरशाहों सहित छह याचिकाकर्ताओं की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि केन्द्र समय रहते कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को सीमिति करने के उपाय करने में विफल रहा है। याचिका में कहा गया है कि सरकार की खामियों का पता लगाने के लिये जरूरी है कि किसी स्वतंत्र आयोग से इसकी जांच करायी जाये। याचिका में केन्द्र को शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि 24 मार्च को कोविड-19 के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने की सरकार की घोषणा मनमानीपूर्ण, अतार्किक और राज्य सरकारों तथा विशेषज्ञों से किसी सलाह मशविरे के बगैर ही उठाया गया कदम था। याचिका में दावा किया गया है कि 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन और इसे लागू करने के तरीके का नागरिकों के रोजगार, आजीविका और देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा। याचिका के अनुसार, भारत में लागू लॉकडाउन दुनिया में सबसे ज्यादा कठोर और प्रतिबंधों वाला था, इसके बावजूद यह कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने में विफल रहा। याचिका में लॉकडाउन की वजह से बड़े शहरों से अपने पैतृक स्थानों के लिये बड़े पैमाने पर कामगारों और दिहाड़ी मजदूरों के पलायन का जिक्र भी किया गया है। याचिका के अनुसार प्राधिकार आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत समाज के कमजोर तबके को न्यूनतम राहत प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय योजना और दिशानिर्देश तैयार करने में विफल रहे हैं।

मोंटेक समिति का सुझाव

कोविड-19 संकट के बाद पंजाब की अर्थव्यवस्था को फिर पटरी पर लाने के लिए मोंटेक सिंह आहलूवालिया की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने शराब पर ऊंचे कर, कर्मचारियों के वेतन का कुछ हिस्सा रोकने और नयी पुलिस भर्तियों पर रोक लगाने का सुझाव दिया है। राज्य सरकार द्वारा गठित इस समिति ने पेशेवरों पर ऊंचा कर लगाने की सिफारिश की है। आहलूवालिया मनमोहन सिंह सरकार के दौरान योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग बनाया है। विशेषज्ञ समूह ने अपनी पहली रपट में किसानों को मुफ्त बिजली देने के सरकार के फैसले को ‘बहुत प्रतिगामी’ बताया। समिति ने कहा कि यह सरकार की पंजाब के विकास लिए जरूरी अन्य खर्च करने की क्षमता को सीमित करता है। अर्थशास्त्रियों और उद्योग विशेषज्ञों को मिलाकर बनाए गए इस समूह का गठन सरकार ने कोविड-19 संकट के मद्देनजर राज्य के लिए लघु-अवधि और मध्यम-अवधि कार्ययोजना बनाने के लिए किया था। साथ ही महामारी के बाद राजकोषीय प्रबंधन रणनीति और अन्य नीतिगत कदमों के लिए सुझाव देने को कहा गया था। रपट में कहा गया है कि पंजाब की वित्तीय हालत लंबे समय तक दबाव में रहने वाली है। यह दबाव और बढ़ेगा क्योंकि चालू वित्त वर्ष में देश और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आने का अनुमान है। इससे राज्य का खुद का राजस्व संग्रह बनेगा, साथ ही केंद्र से मिलने वाली राजस्व हिस्सेदारी में गिरावट आ सकती है। राज्य की आर्थिेक हालत को सुधारने के लिए खर्च में कटौती के सुझाव दिए गए हैं। इसमें कर्मचारियों के वेतन के कुछ हिस्से के भुगतान को स्थगित करने की सिफारिश की गयी है। यह रोक अलग अलग वर्ग के कर्मचारियों के संबंध में अलग अलग अनुपात में हो सकती है। इसमें अन्य राज्यों की तरह कर्मचारियों के महंगाई भत्ते इत्यादि का भुगतान टालने की बात कही गयी है। समिति की रपट में कहा गया है कि राज्य सरकार का वेतनमान केंद्र सरकार के मुकाबले ऊंचा है, ऐसे में राज्य सरकार भविष्य के सभी कर्मचारियों को केवल केंद्र सरकार के वेतनमान के अनुरूप वेतन देने का विकल्प अपना सकती है। इसी के साथ पुलिस और जनता के बीच अनुपात भी राज्य में अधिक है। ऐसे में समिति ने अगले कुछ सालों के लिए राज्य में नयी पुलिस भर्तियां रोकने के लिए कहा है। राजस्व आय बढ़ाने के लिए समिति ने कहा कि राज्य सरकार अन्य राज्यों की भांति जीएसटी परिषद में केंद्र सरकार द्वारा समय से माल एवं सेवाकर (जीएसटी) भुगतान करने का आग्रह कर सकती है। साथ ही समिति ने शराब पर आबकारी शुल्क बढ़ाने की भी अनुशंसा की है।

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जागरूकता अभियान की शुरुआत की

आयुष मंत्रालय ने शुक्रवार से तीन महीने के लिए एक अभियान शुरू किया है जिसका उद्देश्य रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और किसी भी रोग को रोकने के लिए आसान एवं सस्ते उपायों के बारे में जागरूकता फैलाना है। आयुष मंत्रालय ने बताया कि अभियान का नाम ‘‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष’’ है जिसे वेबिनार के माध्यम से जारी किया गया और इसमें 50 हजार से अधिक लोगों ने शिरकत की। इसने कहा कि इसमें मुख्य संबोधन आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का हुआ जिन्होंने कहा कि आयुष से पूरी दुनिया स्वस्थ और खुश हो सकती है। वेबिनार का आयोजन मंत्रालय के नये डिजिटल कम्युनिकेशन मंच आयुष वर्चुअल कन्वेंशन सेंटर (एवीसीसी) पर हुआ। आयुष मंत्रालय के बयान में बताया गया कि श्री श्री रविशंकर ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और वर्तमान परिदृश्य में जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आयुर्वेदिक एवं अन्य आयुष माध्यमों से जीवन को स्वस्थ बनाने पर वृहद् दृष्टिकोण पेश किया। आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने कार्यक्रम के विषय को विस्तार से बताया जो आयुष समाधान के माध्यम से सभी के लिए सस्ता एवं पहुंच योग्य है।

सिक्किम में कोरोना वायरस के 149 नये मामले

सिक्किम में शुक्रवार को 149 नये मामले सामने आने के साथ ही प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा एक हजार को पार कर गया है। अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक सह सचिव पीटी भूटिया ने बताया कि अधिकतर नये मामले दक्षिण जिले में सामने आये हैं। दक्षिण जिले में 143 लोगों में वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुयी है। उन्होंने बताया कि शेष छह मामले पूर्वी जिले में आये हैं। अधिकारी ने बताया कि पूर्वी सिक्किम सर्वाधिक कोरोना प्रभावित जिला है जहां 627 मामले हैं । इसके बाद दक्षिण जिले का नंबर आता है जहां 411 मामले हैं। पश्चिम जिले में 42 मामले हैं। भूटिया ने बताया कि प्रदेश में 456 मरीजों का अभी उपचार चल रहा है जबकि प्रदेश में अब तक कुल 1080 लोगों में वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। अधिकारी ने बताया कि 623 मरीज सफल उपचार के बाद इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं जबकि एक मरीज की मौत हो चुकी है।

-नीरज कुमार दुबे

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