World TB Day 2024: हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है वर्ल्ड टीबी डे, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके
भारत ने साल 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य बनाया था। आंकड़ों को मानें तो वास्तविक स्थिति अभी निर्धारित लक्ष्य से काफी दूर है। हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है।
दुनियाभर में टीबी एक बड़ी समस्या है, जिससे हर साल करीब लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हमारा देश भी इस गंभीर समस्या जोखिम से परेशान है। एक आंकड़े के मुताबिक साल 2021 में टीबी से कुल 1.6 मिलियन लोगों की मौत हो गई। वहीं दुनियाभर में टीवी रोग से होने वाली मृत्यु 13वां प्रमुख कारण है। वहीं भारत ने साल 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य बनाया था। आंकड़ों को मानें तो वास्तविक स्थिति अभी निर्धारित लक्ष्य से काफी दूर है। हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तपेदिक को दुनिया के सबसे गंभीर संक्रामक रोगों में एक है। साल 2022 में देश में दर्ज किए गए टीबी के कुल मामलों की संख्या करीब 21.42 लाख थी। इनमें से 72,878 मामले अकेले तेलंगाना में दर्ज किए गए थे। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर बात की जाए, तो साल 2022 में टीबी के कुल मामलों में 13 फीसदी वृद्धि देखने को मिली थी। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो टीबी रोग को लेकर लोगों को विशेष सावधानी बरते जाने की जरूरत होती है।
क्या है ट्यूबरक्लोसिस
ट्यूबरक्लोसिस को एक गंभीर श्वसन रोग माना जाता है। जो बैक्टीरियल संक्रमण से होने वाली समस्या है। इस रोग में फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। वहीं भीड़भाड़ वाली जगहों में टीबी के संक्रमण के फैलने का अधिक खतरा होता है।
आपको बता दें कि मुख्य रूप से टीबी की समस्या में खांसी होना प्रमुख लक्षण माना जाता रहा था। लेकिन हालिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब टीबी के लक्षणों में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है।
टीबी रोगियों के लक्षण
टीबी के रोगाणुओं के फेफड़ों में बढ़ने से टीबी का संक्रमण होता है। शुरूआती संक्रमण की स्थिति में अधिकतर लोगों में कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। कुछ लोगों में हल्का बुखार, फ्लू, थकान और खांसी जैसे लक्षण होते हैं। वहीं संक्रमण के बढ़ने पर सांस लेने या खांसने में दर्द, बलगम आना, रात में पसीना आना और बुखार-ठंड लगना आदि समस्या देखी जाती रही है।
एक रिसर्च के मुताबिक वैज्ञानिकों ने बताया कि ज्यादातर संक्रमितों में टीबी का प्रमुख लक्षण यानी की खांसी की समस्या नहीं देखी जा रही है।
टीबी का खतरा किसे अधिक
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो किसी भी व्यक्ति को टीबी का संक्रमण हो सकता है। लेकिन कुछ कारकों में इसका खतरा अधिक बढ़ जाता है। जब आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में ज्यादा रहते हैं, जिसको टीबी रोग है तो आपको भी संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता है। इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से टीबी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाली स्थितियों में फेफड़ों के रोग, डायबिटीज, किडनी की बीमारी, एचआईवी संक्रमितों या कैंसर के शिकार लोगों में भी अधिक खतरा देखा जाता रहा है।
टीबी से बचाव और इलाज
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो जिन लोगों में टीबी का परीक्षण किया गया है और उनको दवाओं से लाभ मिल सकता है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए आपको अन्य लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। टीबी रोगियों से अधिक से अधिक दूरी बनाकर रखना चाहिए।
बंद स्थानों में टीबी के रोगाणु अधिक आसानी से फैल सकते हैं। इसलिए आवश्यक है कि आप जिस भी कमरे में रहते हैं, तो वहां पर वेंटिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं अन्य लोगों के आसपास जाने के दौरान मास्क जरूर पहनें। वहीं दवाओं के जरिए टीबी की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
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