वास्तु अनुरूप हो शोकेस तो मिलेगा लाभ विशेष
भले ही शोकेस आपके घर की शोभा बढ़ाते हैं लेकिन यदि इन्हें वास्तु अनुसार लगाया जाए तो यह घर की सुंदरता बढ़ाने के साथ−साथ आपको भी विशेष लाभ देंगे।
आमतौर पर देखने में आता है कि लोग अपने घर को सजाने के लिए शोकेस का इस्तेमाल करते हैं। जहां कुछ लोग दीवारों में ही शोकेस बनवाते हैं तो कुछ लोगों को डिजाइनर शोकेस पसंद आते हैं। भले ही शोकेस आपके घर की शोभा बढ़ाते हैं लेकिन यदि इन्हें वास्तु अनुसार लगाया जाए तो यह घर की सुंदरता बढ़ाने के साथ−साथ आपको भी विशेष लाभ देंगे। तो आईए जानते हैं कि वास्तु अनुसार कैसा हो आपका शोकेस−
जरूरी है व्यवस्था
वास्तु के सभी सिद्धांत व्यवस्था की ओर इशारा करते हैं। अर्थात् हर दिशा का अपना एक अलग महत्व है तथा चीजों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उस चीज को उसके निश्चित स्थान पर ही रखना चाहिए। न सिर्फ वास्तु अपितु फेंगशुई में भी यह माना जाता है कि हम जिस परिवेश में रहते हैं, हमारा जीवन भी उसी के अनुरूप हो जाता है। ऐसे में एक व्यवस्थित व बेहतर जीवन के लिए आवश्यक है कि हर चीज को उसकी प्रकृति के अनुसार उसके निश्चित स्थान पर ही रखा जाए। ऐसे में शोकेस को घर में स्थापित करने के लिए आपको उसके सही स्थान का ज्ञान होना चाहिए। इसके अतिरिक्त कभी भी शोकेस के ऊपर कोई बैग, गिफ्ट बॉक्स या अतिरिक्त सामान न रखें। शोकेस के अव्यवस्थित होने से व्यक्ति के जीवन में अनिश्चितता का माहौल उत्पन्न होता है। आप चाहें तो शोकेस के ऊपर शोपीस सजा सकते हैं।
दिशाओं का है अपना महत्व
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का खासा महत्व है। इसलिए शोकेस रखते समय आप उसकी धातु व प्रकृति का ध्यान रखें। अगर आपका शोकेस लकड़ी का बना है तो उसे आप दक्षिण−पूर्व में रखें। वहीं धातु के बने शोकेस को पश्चिम दिशा में रखना अच्छा माना जाता है। ठीक इसी प्रकार पत्थर से बने भारी शोकेस के लिए दक्षिण दिशा बेहतर रहेगी। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि दक्षिण−पूर्व, दक्षिण व पश्चिम दिशा में रखे शोकेस में दर्पण का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। आप चाहें तो ग्लास का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन मिरर नहीं। ताकि पूर्व व उत्तर दिशा से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा रिफ्लेक्ट होकर वापस न लौट जाए। अगर आप ईशान कोण में शोकेस रखना चाहते हैं तो वहां पर बहुत छोटा व हल्का शोकेस रखें। इस दिशा में रखे शोकेस में क्रिस्टल रखना बेहतर रहता है। ईशान कोण बृहस्पति की दिशा है तथा बृहस्पतिदेव ज्ञान और बुद्धि के स्वामी हैं। ऐसे में क्रिस्टल का प्रयोग इस दिशा को और अधिक सक्रिय व प्रोत्साहित करता है।
रूकती है नकारात्मक ऊर्जा
चूंकि शोकेस वजन में भारी होते हैं, इसलिए इन्हें दक्षिण व पश्चिम दिशा में रखना अच्छा माना जाता है ताकि इन दिशाओं से आने वाली नकारात्मक उर्जा में बाधा उत्पन्न हो। ऐसा करने से ये दिशाएं भारी हो जाती हैं और घर में केवल सकारात्मक ऊर्जा का ही संचार होता है।
जब रखें मेडल
अगर आप शोकेस को बच्चों की उपलब्धियों जैसे मेडल या सर्टिफिकेट आदि रखने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं तो ऐसे शोकेस लकड़ी के बने होने चाहिए। साथ ही ऐसे शोकेस को हमेशा उत्तर दिशा में रखें। ऐसे शोकेस में जितना अधिक हो सके, उतने मिरर का इस्तेमाल करें। इससे दक्षिण व पश्चिम दिशा से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा आईने से टकराकर वापिस लौट जाएगी। ठीक इसी प्रकार पूर्व दिशा में रखे जाने वाले शोकेस न सिर्फ वजन में हल्के हों, साथ ही वह लकड़ी के बने हों। इसमें भी आप बच्चों की उपलब्धियों को सजा सकते हैं।
यूं रखें कागजात
अगर आपके घर में पूर्व या उत्तर दिशा में शोकेस रखा है तो वहां पर विवाद संबंधी कोई भी कागजात न रखें। ठीक इसके विपरीत पश्चिम दिशा में धातु निर्मित शोकेस को यदि उत्तर−पश्चिम दिशा में सरका दिया जाए तो यहां पर विवादित कागजों को रखना अच्छा रहता है। उत्तर−पश्चिम वायु कोण होता है। यह दिशा काफी चंचल होती है। इसलिए यहां पर विवादित कागजों को रखने से झगड़े का निपटारा जल्दी हो जाता है।
सफाई पर दें ध्यान
अक्सर लोग घरों में शोकेस में शोपीस व बच्चों के मेडल आदि तो सजा लेते हैं, लेकिन शोकेस की साफ−सफाई पर कोई ध्यान नहीं देते। शोकेस की साफ−सफाई का नंबर तभी आता है, जब आप पूरा कमरा साफ करते हैं। ऐसे में शोकेस व उसमें रखे सर्टिफिकेट आदि में धूल−मिट्टी जमा हो जाती है या शोकेस के कोनों में कभी−कभी छोटे−छोटे मकड़ी के जाले भी लग जाते हैं। शोकेस घर की शोभा बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसलिए वहां पर गंदगी का जमा होना अच्छा संकेत नहीं है। अगर आप रोज अपना शोकेस साफ नहीं कर सकतीं तो कम से सप्ताह में एक बार तो वहां पर सफाई अवश्य करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके शोकेस में टूटी व खराब चीजें न रखी हों। या तो चीजों को ठीक करके लगाएं या फिर अगर आपको उसकी आवश्यकता नहीं है तो उसे बाहर फेंक दें। साथ ही अगर आपके शोकेस का शीशा चटका हुआ है या उसमें से कर्कश आवाज आती हैं तो उसे तुरंत ठीक कराएं। वहीं अगर आप अपने शोकेस के नीचे कागज बिछा रहे हैं तो उसके लिए अखबार का प्रयोग करने की बजाय चार्ट पेपर, पैकिंग पेपर या बिछाने वाले पेपर का इस्तेमाल करें। अगर कागज गोल्डन या सिल्वर कलर का हो तो और भी अच्छा।
वास्तु शास्त्री व फेंगशुई एक्सपर्ट डॉ. आनंद भारद्वाज से बातचीत पर आधारित
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