Narasimha Mandir: भगवान नरसिंह के नाम पर रखा गया है मध्यप्रदेश के इस शहर का नाम, जानिए खासियत
भगवान श्रीहरि विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लिया था। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में नरसिंहगढ़ है। जहां पर साल 1681 में राजा परसराम ने भगवान नरसिंह की अष्टधातु की मूर्ति स्थापित करवाई थी।
हिंदू धर्म में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर बड़े धूमधाम से नरसिंह जयंती का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीहरि विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लिया था। ऐसे में भगवान नरसिंह की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्टों का अंत हो जाता है।
आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसका नाम भगवान नरसिंह के नाम पर रखा गया है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में नरसिंहगढ़ है। जहां पर साल 1681 में राजा परसराम ने भगवान नरसिंह की अष्टधातु की मूर्ति स्थापित करवाई थी।
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भगवान नरसिंह की प्रतिमा
मध्यप्रदेश के इस शहर का नाम नरसिंहगढ़ को भगवान नरसिंह के नाम पर रखा गया है। यह शहर राजगढ़ से करीब 19 किलोमीटर दूर स्थित है। इस शहर में भगवान नरसिंह के मंदिर की स्थापना की गई है। इस मंदिर का निर्माण नेपाली शैली में किया गया है। वहीं भगवान नरसिंह की प्रतिमा को नेपाल के मूर्तिकार ने बनाया था। नरसिंहगढ़ और राजगढ़ दो रियासतें साल 1681 के बाद अस्तित्व में आई थी।
नरसिंहगढ़ और राजगढ़ दो रियासतें दो भाइयों की थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बड़े भाई को राजगढ़ और छोटे भाई को नरसिंहगढ़ रियासत मिली। महाराज परसराम नरसिंहगढ़ के संस्थापक थे। महाराज परसराम ने अपनी रियासत को भगवान श्रीहरि विष्णु के नरसिंह अवतार को समर्पित किया और नरसिंहगढ़ बसाया।
अष्टधातु से बनी है नरसिंह प्रतिमा
नरसिंहगढ़ शहर में स्थित नरसिंह मंदिर में विराजमान प्रतिमा में नेपाली शिल्प की झलक देखने को मिलती है। इस प्रतिमा का वजन 280 किलोग्राम है और इसकी ऊंचाई करीब ढाई फीट है।
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