महेश मांजरेकर बना रहे वीर सावरकर पर फिल्म, रणदीप हुड्डा स्वतंत्रता के इस गुमनाम नायक के किरदार में नजर आएंगे

Randeep Hooda
अभिनय आकाश । Mar 23 2022 6:08PM

विनायक दामोदर सावरकर के ऊपर एक बायोपिक बनने जा रही है। इस बायोपिक को महेश मांजरेकर डॉयरेक्ट करने वाले हैं। इस फिल्म को लेकर इसके बाद कोई जानकारी सामने नहीं आई। फिल्म सरबजीत में अपने किरदार के लिए जमकर पसीना बहाने वाले एक्टर रणदीप हुड्डा आजादी के इस गुमनाम नायक का रोल अदा करते नजर आएंगे।

विनायक दामोदर सावरकर एक क्रांतिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, चिंतक, लेखक, कवि, वक्ता, राजनेता और दार्शनिक। सावरकर के कई रुप हैं, कुछ लोगों को लुभाते हैं और कुछ लोगों को रास नहीं आते हैं। उनके जीवन को लेकर तमाम तरह के मिथक हैं। कई भ्रांतियां हैं और कई ऐसी बातें भी जो कि शायद सही नहीं भी हैं। लेकिन अब स्वतंत्रता के इस गुमनाम नायक की कहानी से पूरा देश जल्द ही रूबरू होगा। पिछले साल मई में अनाउंस किया गया था कि विनायक दामोदर सावरकर के ऊपर एक बायोपिक बनने जा रही है। इस बायोपिक को महेश मांजरेकर डॉयरेक्ट करने वाले हैं। इस फिल्म को लेकर इसके बाद कोई जानकारी सामने नहीं आई। फिल्म सरबजीत में अपने किरदार के लिए जमकर पसीना बहाने वाले एक्टर रणदीप हुड्डा आजादी के इस गुमनाम नायक का रोल अदा करते नजर आएंगे। रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि ये फिल्म जून 2022 में फ्लोर पर आ जाएगी। 

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फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा ने एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर के साथ खुद इस बारे में इंस्टाग्राम पर ये जानकारी दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट पर  लिखा है कि कुछ कहानियां बताई जाती हैं और कुछ जी जाती है। स्वतंत्र वीर सावरकर वीर सावरकर के बायोपिक का हिस्सा बनकर आभारी हूं, एस्साइटेड हूं और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वतंत्र वीर सावरकर फिल्म की शूटिंग के लिए लोकेशन भी फाइनल हो चुका है। इस फिल्म को लंदन, महाराष्ट्र और अंडमान निकोबार आइलैंड पर शूट किया जाएगा। 

स्वतंत्रता के गुमनाम नायक 

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपने विचारों और देशभक्ति से स्वतंत्रता की एक नई अलख जगाई। ऐसे ही एक महान विभूति थे विनायक दामोदर सावरकर। जिन्होंने अपने विचार, साहित्य और लेखन से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंक दिया। सावरकर के क्रांतिकारी विचारों से डरकर गोरी हुकूमत ने उन पर न केवल बेइंतहां जुल्म ढाए बल्कि उन्हें काला पानी भेजते हुए दो जन्मों के आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई। लेकिन उन सब से बिना डरे सावरकर भारतवासियों के आजादी दिलाने में जुटे रहे। अपने लेखनी और विचारों से देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया।  

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