मेरी जगह कोई और होता तो हिम्मत छोड़ देता: मनोज वाजपेयी
अभिनेता मनोज वाजपेयी का सफर सफलता और असफलताओं से भरा रहा है, उनका कहना है कि यह उनकी जिद ही थी कि उन्होंने मुश्किल वक्त में भी हिम्मत नहीं हारी, जबकि ऐसे समय में कई लोग पीछे हट जाते।
मुंबई। अभिनेता मनोज वाजपेयी का सफर सफलता और असफलताओं से भरा रहा है, उनका कहना है कि यह उनकी जिद ही थी कि उन्होंने मुश्किल वक्त में भी हिम्मत नहीं हारी, जबकि ऐसे समय में कई लोग पीछे हट जाते। लंबे समय तक मामूली भूमिकाएं करने के बाद वाजपेयी को वर्ष 1998 में राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘सत्या’ से पहचान मिली थी। वाजपेयी ने बताया, ‘‘यह उतार-चढ़ाव भरा सफर रहा। इसने कई मौके पर मेरा इम्तिहान लिया। मेरी जगह कोई और अभिनेता होता तो इस राह को छोड़कर उसने अलग रास्ता चुन लिया होता। लेकिन मैं जिद्दी हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हालातों से इतनी आसानी से हार नहीं मानता। मुझे पता होता है कि मुझे क्या करना है। चाहे मैं कुछ हासिल कर पाऊं या नहीं लेकिन मैं अंत तक प्रयास करने में यकीन रखता हूं। जो चाहता हूं वह कभी-कभी मिल जाता, तो कभी-कभी नहीं भी मिलता है। लेकिन आप यह जुआ खेलते हैं।’’ वाजपेयी की फिल्म ‘गली गुलियां’ इस शुक्रवार को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने जा रही है।
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