‘सेरोगेसी’ से जुड़ी समाज में मौजूद धारणा को खत्म करना जरूरी: पत्रलेखा

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पत्रलेखा ने कहा कि यह (सेरोगेसी) अभी भी बहुत ही वर्जनाएं हैं। लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं महसूस करती हूं कि यह बहुत बड़ी बात है और मैं इसे सकारात्मक रूप में देखती हूं। मैं कुछ ऐसे लोगों को जानती हूं जिन्होंने सेरोगेसी का रास्ता अपनाया और वे खुश हैं।

मुंबई। हाल ही में रिलीज हुई अपनी फिल्म ‘बदनाम गली’ में ‘सरोगेट’ का किरदार निभाने वाली अदाकारा पत्रलेखा का मानना है कि ‘सेरोगेसी’ (किराये की कोख) के बारे में समाज में मौजूद धारणा को खत्म करना जरूरी है। अदाकारा ने कहा कि ‘बदनाम गली’ के निर्माता चाहते थे कि सरल एवं सहज तरीके से ‘सेरोगेसी’ के विषय को उठाया जाये। पत्रलेखा ने कहा कि यह (सेरोगेसी) अभी भी बहुत ही वर्जनाएं हैं। लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं महसूस करती हूं कि यह बहुत बड़ी बात है और मैं इसे सकारात्मक रूप में देखती हूं। मैं कुछ ऐसे लोगों को जानती हूं जिन्होंने सेरोगेसी का रास्ता अपनाया और वे खुश हैं।

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उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता समाज के बारे में कुछ प्रासंगिक और मुनासिब सवालों को उठा रहे हैं। ‘न्यूटन’ और ‘मुन्नाभाई’ फिल्मों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सिनेमा सबसे अच्छा जरिया है। फिल्म ‘बदनाम गली’ का जी5 पर शुक्रवार को प्रीमियर किया गया। पत्रलेखा ने कहा कि इसे वेब पर रिलीज करने का फैसला निर्माताओं का था और वह इसका सम्मान करती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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