माता-पिता को याद कर इमोशनल हुए शाहरुख खान, कही ये बात!
इस फिल्म में 53 वर्षीय अभिनेता ने किंग मुफासा के लिए और उनके बेटे आर्यन ने मुफासा के बेटे सिम्बा के लिए अपनी आवाज दी है। उन्होंने कहा कि कोई अपने माता-पिता द्वारा दी गई शिक्षा को उनके जाने के बाद ही याद करता है। अभिनेता ने कहा कि वह निजी तौर पर फिल्मों में नैतिक शिक्षा की तलाश नहीं करते हैं और उसे विशुद्ध मनोरजंन की तरफ देखते हैं।
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने कहा कि वह सामान्यत: तो फिल्मों में नैतिक सीख की तलाश नहीं करते हैं लेकिन उनका मानना है ‘ द लायन किंग’ की कहानी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अभिभावक और बच्चे के बीच के अमूल्य संबंध पर बात करती है।
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इस फिल्म में 53 वर्षीय अभिनेता ने किंग मुफासा के लिए और उनके बेटे आर्यन ने मुफासा के बेटे सिम्बा के लिए अपनी आवाज दी है। उन्होंने कहा कि कोई अपने माता-पिता द्वारा दी गई शिक्षा को उनके जाने के बाद ही याद करता है। अभिनेता ने कहा कि वह निजी तौर पर फिल्मों में नैतिक शिक्षा की तलाश नहीं करते हैं और उसे विशुद्ध मनोरजंन की तरफ देखते हैं।
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यह मनोरंजक फिल्म है क्योंकि यह संबंधों के बारे में चर्चा करती है। कई बार, जब बच्चे माता-पिता के साथ बड़े हो रहे होते हैं तो वह यह महसूस नहीं करते हैं कि उनके अभिभावक जो कह रहे हैं, वह आगे चलकर उनके काम आएगा।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।We're now on WhatsApp. Click to join.All the updates here:अन्य न्यूज़