Udit Narayan: बिहार के छोटे से गांव से निकला एक ऐसा सितारा, जो अपनी आवाज की वजह से बना सबका प्यारा

Udit Narayan
ANI
अंकित सिंह । Dec 1 2022 2:37PM

उदित नारायण नेपाल चले गए। वहां एक रेडियो स्टेशन में गाना गाने लगे। उन्हें इसके लिए 100 रुपये मिलते थे। हालांकि, उस वक्त यह काफी कम था। उदित नारायण ने फाइव स्टार होटल में भी गाना शुरू किया जिससे कि उन्हें काठमांडू में रहने का काम चल जाता था।

देश के जाने-माने पार्श्वगायक उदित नारायण आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उदित नारायण का जन्म 1 दिसंबर 1955 को बिहार के सुपौल जिले के बैसी गांव में हुआ था। बचपन में उदित नारायण का परिवार उन्हें डॉक्टर या इंजीनियर बनाना चाहता था। लेकिन उदित नारायण गायकी के क्षेत्र में आगे बढ़ते गए। हुआ यूं कि उनकी मां लोगों के घरों में गाने गाया करती थी। उन्हें लोकगीतों का काफी समझ थी। मां ने ही उनसे कहा था कि अगर तुम पढ़ना लिखना चाहते हो तो वह कर लो और अगर गायक बनना चाहते हो तो वह भी बन सकते हो। उदित नारायण ने 5-6 साल की उम्र में मेले और संगीत संध्या में गाने की शुरुआत कर दी। 

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बाद में उदित नारायण नेपाल चले गए। वहां एक रेडियो स्टेशन में गाना गाने लगे। उन्हें इसके लिए 100 रुपये मिलते थे। हालांकि, उस वक्त यह काफी कम था। उदित नारायण ने फाइव स्टार होटल में भी गाना शुरू किया जिससे कि उन्हें काठमांडू में रहने का काम चल जाता था। उदित नारायण रेडियो पर फिल्म इंडस्ट्री के बड़े-बड़े गायकों के गाने भी सुनते थे। वे सोचते थे कि किसी दिन उनके साथ उन्हें गाने का मौका मिलेगा। नेपाल से उदित नारायण सीधे मुंबई पहुंचे और अलग-अलग फिल्म म्यूजिक के डायरेक्टर के पास जाने लगे। 1980 में उन्हें राजेश रोशन ने उषा मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी के साथ गाने के लिए खड़ा कर दिया। फिल्म का नाम था '1920'। इसके बाद उदित नारायण के चर्चा होने लगी। 

हालांकि, उदित नारायण का संघर्ष अभी भी जारी था। मुंबई में उन्हें काम बेहद कम मिल रहे थे। जिसकी वजह से उन्होंने एक बार को घर लौटने का भी मन बना लिया था। हालांकि, इसी दौरान उन्हें आनंद-मिलिंद के साथ कयामत से कयामत तक में गाने का मौका मिला। इसके बाद उदित नारायण घर-घर में लोकप्रिय हो गए। उदित नारायण ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपनी जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद भी वह फिल्म इंडस्ट्री में एक जबरदस्त गायक बनकर उभरे। उनके पास उनकी खुद की आवाज थी और यही उन्हें बाकी के गायकों से अलग बनाती थी। उदित नारायण ने हिंदी फिल्मों के अलावा तेलुगू, कन्नड़, तमिल, बंगाली, उड़िया, भोजपुरी, नेपाली, मलयालम, असमी और मैथिली जैसी भाषाओं में भी गाने गाए हैं। 

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उदित नारायण को 4 नेशनल फिल्म अवार्ड मिल चुके हैं जबकि 5 फिल्म फेयर अवार्ड मिले हैं। 2009 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वहीं, 2016 में उन्हें पद्मभूषण प्रदान किया गया। कयामत से कयामत तक का ही गाया गया गाना 'पापा कहते हैं' उदित नारायण के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। इसके बाद उदित नारायण ने अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, देवानंद, आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन जैसे दिग्गज अभिनेताओं के आवाज बने। उदित नारायण और अल्का याग्निक की जोड़ी खूब लोकप्रिय हुई। उदित नारायण ने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी, राजेश रोशन, नदीम-श्रवण, अनु मलिक, जतिन ललित, आनंद मिलिंद जैसे मशहूर संगीतकार के साथ गाने गाएं। 

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