''शिकारा'' को लेकर बोले विधु विनोद चोपड़ा, कहा- टुकड़े-टुकड़े गैंग को फ्री में दिखाऊंगा फिल्म

vidhu-vinod-chopra-said-tukde-tukde-gang-ko-free-main-dikhaunga-film-shikara
रेनू तिवारी । Feb 5 2020 6:10PM

एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए कहा कि जेएनयू में बनें टुकड़े-टुकड़े गैंग को मैं फिल्म शिकारा दिखाना चाहता हूं। मैं उन्हें अपनी फिल्म शिकारा फ्री में दिखाऊंगा ताकि यह लोग फिल्म से कुछ सीख सकें। उनके कानों में कश्मीरी पंडितों की चीख सुनाई पड़े।

मशहूर निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा 7 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली हैं। फिल्म के सबजेक्ट को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। फिल्म 'शिकारा' को बैन करने की मांग जोरों से उठ रही हैं। बैन लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन और उनके उपर हुए अत्याचार की कहानी है। इस कहानी को बड़े पर्दे पर न दिखाया जाइ इसके लिए फिल्म को बैन करने के लिए कारोबारी और सामाजिक कार्यकर्ता इफ्तिखार मिसगर, फ्रीलांस पत्रकार माजिद हैदरी और वकील-सामाजिक कार्यकर्ता इरफ़ान हाफिज़ लोन की ओर से दाखिल की गई है।

इसे भी पढ़ें: कश्मीरी पंडित भिखारी नहीं, हम अपने पैरों पर खड़े रहे : विधु विनोद चोपड़ा

इस समय फिल्म शिकारा पर कानूनी तलवार लटकी हुई हैं। इस बारे में विधु विनोद चोपड़ा से मीडिया ने खास बात-चीत की हैं जिसमें उन्होंने फिल्म से जुड़े तमाम सवालों का जवाब दिया। कश्मीरी पंडितों के पलायन का मुद्दा राजनीतिक बन गया हैं। इस लिए विधु विनोद चोपड़ा ने देश की मौजूदा राजनीति पर भी खुल कर बात की। उन्होंने देश में लगातार हो रहे सीएए के खिलाफ प्रदर्शन पर कहा कि लोगों के साथ इस मुद्दे पर खुलकर बात करनी चाहिए तभी विवाद को सुलझाया जा सकता हैं। 

इसे भी पढ़ें: सियासत के गंदे खेल और कश्मीरी पंडितों की बेरहम हत्या का सच दिखा रही है ''शिकारा''

विधु विनोद चोपड़ा ने आगे कहा कि जो कुछ भी शाहीन बाग में हो रहा हैं मैं उसके बिलकुल खिलाफ हूं। शाहीन बाग जैसी घटनाए हमारे देश को तोड़ने का काम करती हैं। शाहीन बाग में जो कुछ हो रहा हैं वह गलत हैं। उन्होंने एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए कहा कि जेएनयू में बनें टुकड़े-टुकड़े गैंग को मैं फिल्म शिकारा दिखाना चाहता हूं। मैं उन्हें अपनी फिल्म शिकारा फ्री में दिखाऊंगा ताकि  यह लोग फिल्म से कुछ सीख सकें। उनके कानों में कश्मीरी पंडितों की चीख सुनाई पड़े। 

विधु विनोद चोपड़ा ने कहा कि यह फिल्म मैंने इस लिए बनाई है क्योंकि मेरा बैकग्राउंड कश्मीर का है। मैं कश्मीर में ही पल बड़ा हूं। मैंने ये फिल्म अपनी मां के लिए बनाई है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में हमने रियल फेक्ट डाले हैं, जैसे रिफ्यूजियों को खाने के लिए सेब की जगह टमाटर दिए जाते थे और जब टमाटर कम पड़ जाते थे तो लोगों को आधा-आधा टमाटर भी बांटा गया था. इस तरह के कई रियल सीन फिल्म फिल्म में देखकर आप भावुक हो जाएंगे।

फिल्म को लेकर उन्होंने एक और दिलचस्प बात यह बताई की फिल्म का बजट काफी हाई हैं। उन्होंने कहा कि जितना खर्चा इस फिल्म पर हुआ हैं उतने में मैं सुपरस्टार के साथ फिल्में बना सकता था।


देखें यह फिल्में जो बदल देगी गे-लेस्बियन पर आपकी सोच

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़