आनंद महिंद्रा ने बेटी की चोट को याद करके एक किस्सा शेयर किया,बोले- "मुझे एक शक्तिशाली सबक सिखाया"
आनंद महिंद्रा ने उस पल को याद किया जब उनकी सबसे छोटी बेटी को हाथ में चोट लगी थी और कैसे उन्होंने उसके इलाज के लिए विभिन्न देशों का दौरा किया था। इस किस्से को शेयर करते हुए कहा है कि, कैसे समस्या का समाधान के लिए अपने आस-पास गौर करना चाहिए।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा चौथे अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल लेक्चर में शामिल हुए। व्याख्यान में, उन्होंने उस पल का जिक्र किया जब उनकी सबसे छोटी बेटी को हाथ में चोट लगी थी और कैसे उन्होंने उसके इलाज के लिए विभिन्न देशों का दौरा किया था। अपने संबोधन के अंत में, वह इसे एक प्रेरक सीख में बदल देते हैं कि किसी समस्या का समाधान कैसे पाया जा सकता है।
क्या कहा आनंद महिंद्रा
अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि टूटे शीशे के कारण उनकी बेटी के हाथ में चोट लग गई और उसे माइक्रोसर्जरी की जरूरत पड़ी। हालांकि उन्होंने पेरिस और लंदन के प्रसिद्ध सर्जनों के पास गए इलाज के लिए, लेकिन सफल ऑपरेशन अंततः मुंबई के एक सर्जन डॉ. जोशी द्वारा किया गया।
आनंद महिंद्रा ने कहा, "सर्जरी के बाद, उन्होंने मेरी बेटी के छोटे नाखून में एक साधारण धातु का आई हुक लगाया, जैसा कि आप ब्लाउज में पाएंगे।" इसके बाद उन्होंने बताया कि कैसे डॉ. जोशी ने आई हुक का इस्तेमाल किया, जिससे उनकी बेटी को अपनी उंगलियां हिलाने में मदद मिली।
इससे क्या सीख मिली आनंद महिद्रा
महिंद्रा ने वीडियो में कहा, "मैंने यह कहानी इसलिए कही और दोहराई क्योंकि इसने मुझे एक शक्तिशाली सबक सिखाया। हमे अपने आसपास समाधान की तलाश करें, इससे पहले कि आप सोचें कि सबसे अच्छा समाधान विदेश में है।" इसका मुझ पर और मेरे करियर पर भी प्रभाव पड़ा। मैं घरेलू तकनीक पर आधारित व्यवसाय में बड़े निर्णय लेने और बड़े दांव लगाने की बात आने पर हिचकिचाती नहीं हूं। इस भाषण को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने शेयर किया है।
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