फीका रहा वाहनों का व्यापार, दिसंबर में कंपनियों ने दिए बंपर ऑफर्स

Automobile Sector

जानकार बताते हैं कि जानकार बताते हैं कि ऑटो मोबाइल क्षेत्र में डिस्काउंट का लाभ उठाने के लिए दिसंबर सबसे बेहतरीन महीना होता है लेकिन इस बार कुछ खास देखने को नहीं मिला है।

साल 2020 खत्म होने वाला है और इसी के साथ इस साल के ऑफर्स भी समाप्त हो जाएंगे। कंपनियों अपना माल निकालने के लिए ऑफर्स दे रही हैं। आपको बता दें कि ऑटो मोबाइल कंपनियां शानदार डिस्काउंट ऑफर्स लेकर आईं थीं लेकिन वह ग्राहकों को लुभा पाने में कामयाब नहीं हो पाईं।

जानकार बताते हैं कि ऑटो मोबाइल क्षेत्र में डिस्काउंट का लाभ उठाने के लिए दिसंबर सबसे बेहतरीन महीना होता है लेकिन इस बार कुछ खास देखने को नहीं मिला है। 

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ईयर एंड ऑफर्स

कार निर्माता कंपनियों ने अपने वाहनों पर भारी छूट की पेशकश की थी, इसके बावजूद बाजार सूना रहा। होंडा से लेकर तकरीबन हर कंपनी ने थोड़ी बहुत डिस्काउंट की घोषणा की। होंडा ने तो अपनी एंट्री लेवल अमेज के स्पेशल एडिशन पर 15 हजार रुपए तक की छूट का ऐलान कर दिया। जो डीजल और पेट्रोल दोनों ही सेगमेंट की गाड़ियों पर लागू होता है। वहीं पुरानी गाड़ियों को एक्सचेंज करने की भी व्यवस्था की गई थी।

कंपनियां क्यों देती हैं ऑफर्स

कुछ लोगों को लगता है कि ऑटो मोबाइल क्षेत्र में कंपनियां हमेशा ही डिस्काउंट और ऑफर्स देती हैं लेकिन ऐसा नहीं है। दिसंबर के महीने में कंपनियां डिस्काउंट इसलिए देती है क्योंकि उन्हें अपना स्टॉक समाप्त करना होता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि गाड़ियों को उनके साल के मॉडल के हिसाब से जाना जाता है। जैसे कि अभी 2020 मॉडल की गाड़ी है लेकिन जनवरी आते ही गाड़ियों का मॉडल पुराना हो जाएगा और 2020 का ही कहलाएगा। ऐसे में कंपनियां पुराने मॉडल को जल्द से जल्द निकालना चाहती हैं।

एक तथ्य ऐसा भी है कि नए साल में अधिकतर कंपनियां वाहनों के दाम में बढ़ोत्तरी कर देती हैं। ऐसे में साल के अंत में यानी की दिसंबर में बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनियां अच्छे-अच्छे ऑफर्स ग्राहकों को देती हैं। 

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ऑटो सेक्टर हुआ डिजिटल

कोरोना वायरस महामारी की वजह से ऑटो सेक्टर को करोड़ों का नुकसान हुआ है लेकिन एक बड़ा बदलाव भी देखने को मिला है। दरअसल, कार और टू-व्हीलर वाहनों की ऑनलाइन बुकिंग और होम डिलीवरी शुरू हो गई। इसके अतिरिक्त ग्राहकों को टेस्ट ड्राइव की सुविधा भी अब उन्हीं के घरों में दी जाने लगी।

लॉकडाउन में हुआ खासा नुकसान

देशव्यापी लॉकडाउन के चलते सारे कारोबार ठप्प पड़े थे। ऐसे में वाहन उद्योग को रोजाना 2300 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा था। हाल ही में संसद की एक समिति ने यह जानकारी दी। इसके अतिरिक्त ऑटो सेक्टर में करीब 3 लाख 45 हजार से अधिक लोगों की नौकरियां जाने का भी अंदेशा है।

सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स के महानिदेशक राजेश मेनन ने बताया कि त्यौहारी सीजन में कुछ खंडों में तेजी देखी गई थी लेकिन बाद में सबकुछ सामान्य हो गया। बता दें कि इस बार का व्यापार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से फीका रहा है।

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