इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के लिए बड़ा सवाल-बैटरी कैसे चार्ज होगी

Big questions for electric vehicle companies - how the battery will be charged
[email protected] । Feb 18 2018 11:07AM

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को जोर दिए जाने के बीच विनिर्माता कंपनियों के लिए बड़ा सवाल पर्याप्त चार्जिंग सुविधाएं विकसित करने का है। उद्योग जगत चाहता है कि सरकार गंभीरता से कदम उठाए वहीं सरकार ने कहा है कि इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

नयी दिल्ली। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को जोर दिए जाने के बीच विनिर्माता कंपनियों के लिए बड़ा सवाल पर्याप्त चार्जिंग सुविधाएं विकसित करने का है। उद्योग जगत चाहता है कि सरकार गंभीरता से कदम उठाए वहीं सरकार ने कहा है कि इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के संगठन एसएमईवी के निदेशक सोहिंदर गिल ने कहा, ‘‘चार्जिंग बुनियादी ढांचे का विकास देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को व्यापक रूप से अपनाए जाने में बड़ा मददगार साबित होगा। फिलहाल इसकी कमी है। इस तरह का ढांचा खड़ा कर लिया गया तो यह ​विशेष रूप से चौपहिया खंड के लिए बहुत फायदे का सौदा होगा।’’

वाहन विनिर्माताओं के शीर्ष संगठन सियाम का भी मानना है कि देश में देश में चार्जिंग बुनियादी ढांचे सहित अन्य मुद्दों के लिए नीति बनाए जाने की जरूरत है। सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने आटो एक्सपो-2018 के समापन के अवसर पर कहा, देश का वाहन उद्योग इलेक्ट्रिक वाहनों के राह पर यात्रा के लिए तैयार हो रहा है। चार्जिंग बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए दीर्घकालिक नीति की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि इस साल के आटो एक्सपो में कुल मिलाकर 28 ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन पेश किए गए जो बाजार में आने को तैयार हैं। इनमें 11 कार, पांच बस व आठ बाइक स्कूटर शामिल हैं। 

उद्योग मंडल एसोचैम व नोमूरा रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक अध्ययन में सुझाव दिया है कि सरकार को बैटरी चार्जिंग की सुगम बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था जैसे कदम उठाने चाहिएं ताकि देश में लोग ऐसे वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित हों। कंपनियों को उम्मीद है कि उद्योग व सरकार मिलकर इस सवाल का समाधान निकाल लेंगी। यूएम लोहिया टू वीलर्स के सीईओ राजीव मिश्रा ने कहा, ‘बैटरी चार्जिंग का सवाल विशेष रूप से चौपहिया वाहनों के लिए बड़ा है। वह इस दिशा में काम कर रही है। उम्मीद है कि कंपनियां व सरकार मिलकर इसकी प्रभावी व्यवस्था कर पाएंगी।’

इस बीच कंपनियों ने अपने स्तर पर भी इस दिशा में पहल शुरू करनी शुरू की है। बेंगलुरू की बाइक स्टार्टअप इंफलक्स तीन हजार चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की सोच रही है जहां उसकी बाइक को चार्ज किया जा सकेगा। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा इस दिशा में सोचा जा रहा है और अगले साल पहली बाइक लाने तक फैसला कर लिया जाएगा। वहीं सरकार ने आश्वस्त किया है कि बैटरी चार्जिंग के सवाल को इस क्षेत्र के विकास में बाधा नहीं बनने दिया जाएगा। इसी सप्ताह नीति आयोग में चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन करते हुए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा,‘लोग चार्जिंग स्टेशन को लेकर सवाल उठाते थे, अब उस पर भी तेजी से काम हो रहा है।’

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