महंगाई पर बड़ी जीत, सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति दर 5 प्रतिशत से नीचे
मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 5.30 प्रतिशत तथा सितंबर, 2020 में 7.27 प्रतिशत थी।
नयी दिल्ली। त्योहारी मौसम से पहले लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। इसे महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार की बड़े जीत बताई जा सकती है। दरअसल, अगस्त के मुकाबले सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में भारी गिरावट देखी गई है। खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने के कारण खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर महीने में 4.35% पर आ गई है। अगस्त में यह 5.30% थी जबकि सितंबर 2020 में यह 7.27% थी। जाहिर सी बात है इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिली है।
मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 5.30 प्रतिशत तथा सितंबर, 2020 में 7.27 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल सितंबर में नरम होकर 0.68 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने 3.11 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है। हाल में ही हमने देखा कि मॉनिटरिंग पॉलिसी की समीक्षा के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक का पूरा ध्यान महंगाई को कम करने पर था। इसलिए पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था।Retail inflation eases to 4.35 pc in September from 5.30 pc in August: Govt data
— Press Trust of India (@PTI_News) October 12, 2021
इसे भी पढ़ें: 21 तेल, गैस ब्लॉकों के लिए केवल तीन ने लगाई बोलियां; वेदांता, RIL नहीं हुई शामिल
भारतीय रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर पर गौर करता है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। आरबीआई ने 2021-22 के लिये सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संतुलित जोखिम के साथ इसके 5.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।
अन्य न्यूज़