बंबई हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी की कंपनी को याचिका पर लगाई फटकार

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[email protected] । Feb 22 2019 7:18PM

इससे पहले 13 फरवरी को न्यायाधीश ने कंपनी को एडलवाइस के खिलाफ किसी तरह की राहत देने या बिक्री प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया उनकी याचिका का कोई आधार नहीं है।

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर और उसके प्रबंधन को अदालत को गुमराह करने के लिए फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कंपनी की याचिका में ‘छल कपट वाली’ लगती है। रिलायंस पावर द्वारा वित्तीय सेवा कंपनी एडलवाइस ग्रुप के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के आर श्रीराम ने कंपनी के खिलाफ इन कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। रिलायंस पावर ने एडलवाइस द्वारा उसके गिरवी रखे शेयरों की इसी महीने बिक्री को लेकर यह याचिका दायर की थी।

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इससे पहले 13 फरवरी को न्यायाधीश ने कंपनी को एडलवाइस के खिलाफ किसी तरह की राहत देने या बिक्री प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया उनकी याचिका का कोई आधार नहीं है। अदालत ने कहा कि वह अंतरिम राहत नहीं देने की वजह को बाद में बताएगी। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि रिलायंस पावर की पूरी याचिका‘छलकपट वाली लगती है और यह उसकी ओर से अदालत को भ्रमित करने का प्रयास है।

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रिलायंस समूह ने यह दलील दी थी कि एडलवाइस ईसीएल फाइनेंस द्वारा उसके गिरवी रखे शेयरों की बिक्री गैरकानूनी है। साथ ही रिलायंस ने उसे हुए वित्तीय नुकसान तथा उसकी छवि को पहुंचे आघात के लिए 2,700 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की भी मांग की थी। अदालत ने कहा कि एडलवाइस ने जो किया उसमें कुछ गलत नहीं है। अदालत ने एडलवाइस को अपना जवाब सुनवाई की अगली तारीख 22 मार्च तक देने को कहा है। 

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