Budget 2023: मजबूरियां सरकार की भी हैं और जनता की भी, मगर चुनावी साल में बीच का रास्ता निकलने और जनता को राहत मिलने की उम्मीद

मौजूदा वैश्विक चुनौतियों और घरेलू स्थिति को देखते हुए बजट में सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बात करें तो एक बात साफ तौर पर दिखती है कि निश्चित रूप से कई वैश्विक समस्याएं एक साथ सामने आई हैं और इससे देश में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आर्थिक चुनौतियां बढ़ी हैं।
नया बजट आने को है जिसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं। सरकार की अपनी मजबूरियां हैं और जनता की अपनी। इनमें से बीच का रास्ता निकालते हुए सरकार महंगाई के इस दौर में अवश्य ही कुछ राहत लेकर आयेगी क्योंकि इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और उसके बाद अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इसीलिए माना जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले इस बार के बजट में मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर कुछ राहत दे सकती है। इसके अलावा, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों का दायरा बढ़ाये जाने की भी संभावना है। हम आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक फरवरी को 2023-24 का बजट पेश करेंगी। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह उनका अंतिम पूर्ण बजट है।
मौजूदा वैश्विक चुनौतियों और घरेलू स्थिति को देखते हुए बजट में सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बात करें तो एक बात साफ तौर पर दिखती है कि निश्चित रूप से कई वैश्विक समस्याएं एक साथ सामने आई हैं और इससे देश में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आर्थिक चुनौतियां बढ़ी हैं। इसमें आर्थिक वृद्धि दर का धीमा होना, मुद्रास्फीति और चालू खाते के घाटे में वृद्धि के साथ रोजगार का पर्याप्त संख्या में नहीं बढ़ना शामिल है। महंगाई खासकर मुख्य मुद्रास्फीति (ईंधन और खाद्य वस्तुओं को छोड़कर) अब भी ऊंची बनी हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तीन तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार धीमी हुई है और अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर केवल 5.2 प्रतिशत रहेगी। इसके अलावा, चालू खाते का घाटा (कैड) भी संतोषजनक स्तर से ऊपर है।
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आयकर मोर्चे पर मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को बजट में कुछ राहत मिलने की उम्मीद के बारे में माना जा रहा है कि, बहुत हद तक संभव है कि वित्त मंत्री छूट सीमा (कर स्लैब और निवेश सीमा) या मानक कटौती को बढ़ाकर कुछ राहत देने की घोषणा करेंगी।’’ बहरहाल, जहां तक जनता की उम्मीदों की बात है तो उसे बजट से बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि महंगाई से लोगों का घर चलाना मुश्किल हो रखा है।
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