बजट में ईएसजी मानकों के प्रोत्साहन के कदम उठाए जाएंः विशेषज्ञ

BUDGET 2022

बजट में ईएसजी मानकों के प्रोत्साहन के कदम उठाए जाएं।पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुताबिक क्षेत्रों और संस्थानों के लिए प्रोत्साहन पहलों, संसाधनों के आवंटन और खरीद प्रक्रियाओं के लिए ईएसजी मानदंडों को बजट में शामिल करना चाहिए।

नयी दिल्ली। भारत को वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता के मद्देनजर विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी बजट में पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) संबंधी मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कर एवं गैर-कर प्रोत्साहन दिए जाने चाहिए। पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुताबिक क्षेत्रों और संस्थानों के लिए प्रोत्साहन पहलों, संसाधनों के आवंटन और खरीद प्रक्रियाओं के लिए ईएसजी मानदंडों को बजट में शामिल करना चाहिए।

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पीडब्ल्यूसी इंडिया के अनुसार, ‘‘ईएसजी मानक अपनाने के लिहाज से सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए कार्बन उत्सर्जन पर रोक, उपयोग और भंडारण (सीसीयू), हाइड्रोजन, परिवहन, ग्रिड लचीलापन, वनरोपण और प्रकृति आधारित समाधान समेत हरित प्रौद्योगिकी (क्लिटेक) के लिए बजट में अतिरिक्त आवंटन, व्यवहार्यता आधारित वित्त पोषण और संस्थागत क्षमता निर्माण महत्वपूर्ण हैं।’’ मैक्स एस्टेट्स लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) ऋषि राज ने कहा, ‘‘तय पर्यावरण मानकों और प्रमाणन पर कर छूट, पर्यावरण के लिए नुकसानदायक गतिविधियों पर हरित कर और सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन और कार्बन रहित सामग्रियों जैसे हरित उत्पादों और सेवाओं के इस्तेमाल पर सब्सिडी के जरिए टिकाऊपन के एजेंडा को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।’’ मक्काफेरी एनवॉयरमेंटल सॉल्यूशन्स के प्रबंध निदेशक विक्रमजीत रॉय ने कहा कि बजट ऐसा होना चाहिए जो भारत को हरित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर करे। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए सरकार को ऐसा अनुकूल माहौल बनाना होगा कि कॉर्पोरेट ईएसजी के लिए बजट रखना शुरू कर दें। सीएसआर की तरह ही ईएसजी निवेशों को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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