मंत्रिमंडल ने 4,500 करोड़ रुपये के चीनी पैकेज को टाला
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गन्ना किसानों को दी जाने वाली उत्पादन सहायता को दोगुना करने तथा चीनी निर्यातक मिलों को परिवहन सब्सिडी देने संबंधी 4,500 करोड़ रुपये के पैकेज पर विचार को टाल दिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गन्ना किसानों को दी जाने वाली उत्पादन सहायता को दोगुना करने तथा चीनी निर्यातक मिलों को परिवहन सब्सिडी देने संबंधी 4,500 करोड़ रुपये के पैकेज पर विचार को टाल दिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) अगले सप्ताह खाद्य मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। खाद्य मंत्रालय ने किसानों को विपणन वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 5.5 रुपये की उत्पादन सहायता में वृद्धि कर इसे 13.88 रुपये प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव किया है।
उत्पादन सहायता को बढ़ाने और अधिशेष चीनी की लगभग 50 लाख टन की मात्रा का निर्यात करने के लिए चीनी मिलों को 3,000 रुपये प्रति टन की परिवहन सब्सिडी देने का प्रस्ताव, किसानों के चीनी मिलों पर लगभग 13,500 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान निपटान करना सरकार की योजना का हिस्सा है। कल सूत्रों ने कहा था कि चीनी मिलों और गन्ना किसानों की मदद के लिए लगभग 4,500 करोड़ रुपये के खर्च बोझ का वहन करना होगा। इन कदमों से चीनी मिलें चीनी निर्यात बढ़ा सकेंगी और गन्ना बकाया को खत्म करने में मदद मिलेगी जो मौजूदा समय में 13,567 करोड़ रुपये है।
उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों को अधिकतम यानी वहां के गन्ना किसानों को 9,817 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। अगले विपणन वर्ष में चीनी उत्पादन चालू वर्ष के 3.2 करोड़ टन के उत्पादन से बढ़कर 3.5 करोड़ टन हो जाएगा। चीनी की वार्षिक घरेलू मांग 2.6 करोड़ टन की है। एक अक्टूबर को चीनी का आरंभिक स्टॉक एक करोड़ टन होने का अनुमान है। सरकार ने पिछले एक साल में नकदी संकट से जूझ रही चीनी मिलों के साथ-साथ गन्ना किसानों को संकट से निजात दिलाने के लिए कई उपाय किए हैं।सरकार ने चीनी पर आयात शुल्क को दोगुना कर इसे 100 प्रतिशत कर दिया और निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया।
सरकार ने चीनी मिलों के लिए 20 लाख टन चीनी निर्यात करना भी अनिवार्य बना दिया। जून में, सरकार ने नकदी संकट से जूझ रहे चीनी उद्योग के लिए 8,500 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया था। क्षेत्र इस माह समाप्त होने वाले चालू 2017-18 के विपणन वर्ष में रिकॉर्ड 3.2 करोड़ टन चीनी का उत्पादन होने के कारण बहुतायत जैसी स्थिति का सामना कर रहा है।
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