फर्जी आईटीसी दावों पर लगाम के लिए अधिक प्रयास जरूरीः CBIC member

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सीबीआईसी के सदस्य संजय कुमार अग्रवाल ने उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई के एक कार्यक्रम में कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के फर्जी पंजीकरण से आईटीसी का गलत दावा करने वाले कारोबारियों की पहचान के लिए दो महीने का विशेष अभियान भी चल रहा है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बुधवार को कहा कि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावा करने वाले कारोबारियों को जीएसटी प्रणाली से निकाल बाहर करने के लिए अधिक प्रयासों की जरूरत है। सीबीआईसी के सदस्य संजय कुमार अग्रवाल ने उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई के एक कार्यक्रम में कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के फर्जी पंजीकरण से आईटीसी का गलत दावा करने वाले कारोबारियों की पहचान के लिए दो महीने का विशेष अभियान भी चल रहा है। उन्होंने कहा, अगर हम फर्जी ढंग से आईटीसी दावा करना ही बहुत मुश्किल या नामुमकिन बना देते हैं तो यह समस्या जड़ से ही खत्म हो जाएगी। इसके लिए हाल में सत्यापन की व्यवस्था लागू की गई है।

हालांकि जीएसटी प्रणाली से फर्जी आईटीसी लेने वालों को खत्म करने के लिए अब भी कुछ कदम उठाने बाकी हैं। अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी पंजीकरण की संख्या 1.39 करोड़ हो चुकी है लेकिन इनमें कुछ लोग फर्जी बिल के जरिये आईटीसी के दावे कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कर विभाग का संघर्ष यह है कि इन्हें किस तरह खत्म किया जाए और व्यवस्था को फिर से साफ बनाया जा सके। वित्त वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये की कर चोरी होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा 54,000 करोड़ रुपये था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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