सीसीआई प्रमुख ने कहा, डिजिटल बाजार में प्रतिस्पर्धा के मुद्दों के हल को समयबद्ध हस्तक्षेप की जरूरत

Competition Commission of India
ANI Twitter.

सीसीआई प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियों पर नजर रखता है और डिजिटल क्षेत्र के कई मामलों को देख रहा है। इसमें सर्च इंजन, ऑनलाइन खुदरा, स्मार्ट उपकरणों की परिचालन प्रणाली, ऐप स्टोर और सोशल मीडिया समेत अन्य मामले शामिल है।

नयी दिल्ली| भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के प्रमुख अशोक कुमार गुप्ता ने डिजिटल बाजार में प्रतिस्पर्धा से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए बारीकी और सोच-विचार के साथ समयबद्ध हस्तक्षेप की जरूरत पर जोर दिया है।

सीसीआई प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियों पर नजर रखता है और डिजिटल क्षेत्र के कई मामलों को देख रहा है। इसमें सर्च इंजन, ऑनलाइन खुदरा, स्मार्ट उपकरणों की परिचालन प्रणाली, ऐप स्टोर और सोशल मीडिया समेत अन्य मामले शामिल है।

गुप्ता ने पीटीआई-के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘डिजिटल बाजारों की तेजी से बदलती प्रकृति को देखते हुए समयबद्ध हस्तक्षेप की आवश्यकता है। इस तरह का हस्तक्षेप बारीकी के साथ सोच-विचार के बाद होना चाहिए, ताकि नवाचार के लिए प्रोत्साहनों को कायम रखते हुए प्रतिस्पर्धा संबंधी चिंताओं को दूर किया जा सके।’’

भारत दुनिया में सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते डिजिटल उपभोक्ता बाजारों में से एक है। उल्लेखनीय है कि सरकार की योजना प्रतिस्पर्धा कानून में संशोधन और विभिन्न प्रावधान लाने की है। इसमें एक प्रावधान डिजिटल बाजार में विलय एवं अधिग्रहण में सौदों के मूल्य की सीमा है।

प्रतिस्पर्धा विधि समीक्षा समिति (सीएलआरसी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डिजिटल बाजार सहित कई ऐसे विलय एवं अधिग्रहण होते हैं, जो परंपरागत संपत्ति की सीमा को पूरा नहीं करते हैं, लेकिन इनसे प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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