केंद्र ने राज्यों से कहा, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में ई-वाणिज्य कंपनियों की दिक्कतें दूर करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाने के लिये मंगलवार की आधी रात से अगले 21 दिन के लिये राष्ट्रव्यापी बंदी की घोषणा की है। ई-वाणिज्य तथा होम डिलिवरी को आवश्यक सेवाएं माना जाता है, अत: इन्हें बंदी से छूट प्राप्त है।
उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन अग्रवाल ने कहा, ‘‘हालांकि ई-वाणिज्य कंपनियों को दिक्कतें आने की खबरें मिल रही हैं। हमने यह मुद्दा राज्य सरकारों तथा स्थानीय प्रशासनों के साथ उठाया है। चीजें ठीक हो जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि बिग बास्केट जैसी ई-वाणिज्य कंपनियों ने विशिष्ट दिक्कतों की जानकारी दी है, राज्य सरकारों को उन्हें तत्काल दूर करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में सरकार का जोर होम डिलिवरी पर है। सचिव ने कहा कि सरकार बंदी की अवधि में आवश्यक आपूर्ति की आवाजाही में आ रही किसी भी प्रकार की दिक्कतों की निगरानी कर रही है।सरकार कोरोना #Covid19India के खतरे से उत्पन्न स्थिति में तमाम आवश्यक वस्तुओं की बाजार में उपलब्धता पर लगातार नजर बनाए हुए है और सभी राज्य सरकारों के संपर्क में है ताकि कहीं भी किसी चीज की किल्लत न हो। सभी उत्पादकों और व्यापारियों से भी अपील है कि इस घड़ी में मुनाफाखोरी से बचें।
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) March 25, 2020
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उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने निगरानी के लिये एक नियंत्रण कक्ष बनाया है, जिसमें उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद हैं। फ्लिपकार्ट, अमेजॉन, ग्रोफर्स और बिग बास्केट जैसी कंपनियों के माध्यम से आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति में पुलिस द्वारा कई हिस्सों में लॉकडाउन के दौरान आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाने जाने से इसमें अवरोध आ रहे हैं। खाद्य पदार्थों की डिलिवरी करने वाली कंपनियों को भी ऐसी दिक्कतें हो रही हैं।
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