मप्र के आबकारी चालान घोटाले के प्रमुख्र आरोपी की 35 करोड़ की संपत्ति के सुराग
मध्यप्रदेश के आबकारी विभाग में 41.40 करोड़ रुपये के चालान घोटाले के प्रमुख आरोपी के बारे में पुलिस को सुराग मिले हैं कि वह करीब 35 करोड़ रुपये की सम्पत्ति का मालिक है।
इंदौर। मध्यप्रदेश के आबकारी विभाग में 41.40 करोड़ रुपये के चालान घोटाले के प्रमुख आरोपी के बारे में पुलिस को सुराग मिले हैं कि वह करीब 35 करोड़ रुपये की सम्पत्ति का मालिक है। पुलिस की पूछताछ का सामना कर रहा यह शख्स तीन साल पहले एक शराब ठेके पर सेल्समैन की नौकरी करता था। घोटाले की छानबीन के लिये गठित विशेष जांच दल के प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सम्पत उपाध्याय ने बताया कि मामले के प्रमुख आरोपी राजू दशवंत की मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में करीब 35 करोड़ रुपये की सम्पत्ति होने के बारे में जानकारी मिली है।
इसमें इंदौर, अमरावती और अकोला में भूखंड, मकान और फ्लैट शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस दशवंत की संपत्तियों के बारे में मिले सुरागों की तसदीक कर रही है। तसदीक के बाद इन सम्पत्तियों को कुर्क किये जाने के लिये स्थानीय अदालत में अर्जी पेश की जायेगी। उपाध्याय ने बताया कि दशवंत एक शराब ठेके पर वर्ष 2014 में सेल्समैन की नौकरी कर 12,500 रुपये महीने की पगार पाता था। आबकारी चालान घोटाले के अन्य प्रमुख आरोपी अंश त्रिवेदी की मिलीभगत से उसने और कुछ अन्य ठेकेदारों ने इंदौर जिले के 16 शराब ठेकों के संबंध में बड़ी रकम के घोटाले को अंजाम दिया।
त्रिवेदी फिलहाल फरार है। एसआईटी प्रमुख ने बताया कि आरोपियों ने शराब ठेका नीलामी की राशि की किश्तों के भुगतान और मदिरा का कोटा खरीदने के लिये पिछले दो सालों के दौरान बैंकों में निश्चित रकम से कम के चालान जमा कराये। लेकिन इनकी प्रतियों में पेन से हेर-फेर कर आबकारी विभाग को गलत सूचना दी कि उन्होंने बैंकों में तय राशि जमा करायी है।
सिलसिलेवार फर्जीवाड़े से सरकारी खजाने को कुल 41.40 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा। दशवंत ने 26 नवंबर की सुबह यहां रावजी बाजार थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था। वह एक स्थानीय अदालत के आदेश के मुताबिक चार दिसंबर तक पुलिस हिरासत में है।
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