सीओएआई ने कहा, दूरसंचार क्षेत्र के मुद्दों के हल को स्पष्ट रूपरेखा बने

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[email protected] । Apr 2 2019 5:58PM

सीओएआई ने कहा कि कर्ज के बोझ से दबे उद्योग की आमदनी अभी दबाव में है और ज्यादातर कंपनियों की ब्याज, कर, मूल्यह्रास आदि के बाद आमदनी ब्याज के खर्च को ही पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

नयी दिल्ली। सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली सरकार को दूरसंचार क्षेत्र के लिए स्पष्ट रूपरेखा तय करनी चाहिए ताकि क्षेत्र से शुल्कों के बोझ को कम किया जा सके। सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यू ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क में कटौती के मुद्दे पर सरकार बनने के छह से नौ महीने में विचार किया जाना चाहिए।

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सीओएआई ने कहा कि कर्ज के बोझ से दबे उद्योग की आमदनी अभी दबाव में है और ज्यादातर कंपनियों की ब्याज, कर, मूल्यह्रास आदि के बाद आमदनी ब्याज के खर्च को ही पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। 

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सीओएआई ने कहा कि लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क की गणना के लिए ब्याज, लाभांश, अचल संपत्ति की बिक्री से पूंजीगत लाभ, विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव से लाभ, किराया आय, बीमा दावा और वितरकों के मार्जिन को दूरसंचार आपरेटरों की आय में नहीं गिना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हैंडसेट और राउटर्स आदि की बिक्री से प्राप्त राशि को भी आय में नहीं शामिल किया जाना चाहिए। 

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