कोल इंडिया चार कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए करेगी समझौते

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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) चार सतह गैसीकरण परियोजनाओं की स्थापना के लिए तीन सार्वजनिक उपक्रमों- बीएचईएल, आईओसी और गेल इंडिया के साथ समझौता करेगी।

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) चार सतह गैसीकरण परियोजनाओं की स्थापना के लिए तीन सार्वजनिक उपक्रमों- बीएचईएल, आईओसी और गेल इंडिया के साथ समझौता करेगी। गैसीकरण प्रक्रिया के जरिये कोयले को एक ईंधन गैस (सिनगैस) में बदला जाता है जिसका इस्तेमाल मूल्य-वर्द्धित रसायनों के उत्पादन में किया जाता है।

सरकार अगले आठ साल में 10 करोड़ टन कोयले का गैसीकरण करना चाहती है ताकि कच्चे तेल के आयात में कटौती की जा सके। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, मंत्रालय के अधीन कार्यरत सीआईएल 27 सितंबर को तीन प्रमुख समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगी। यह समझौता ज्ञापन भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल), इंडियन ऑयल लिमिटेड (आईओएल) और गेल इंडिया लिमिटेड के साथ किया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि इन समझौता ज्ञापनों के तहत गैसीकरण परियोजनाएं लगाए जाने से विदेशी मुद्रा का प्रवाह रुकेगा और करीब 23,000 रोजगार अवसर भी पैदा होंगे। सरकार ने पहले कहा था कि वर्ष 2030 तक 10 करोड़ टन कोयला गैसीकरण के लक्ष्य को हासिल करने पर चार लाख करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। सरकार ने इस परियोजना को तीन चरणों में पूरा करने की बात कही थी।

वर्ष 2020-24 के दौरान प्रस्तावित पहले चरण पर 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से 40 लाख टन कोयले के गैसीकरण का लक्ष्य रखा गया था। वहीं दूसरे चरण में 30,000 करोड़ रुपये के निवेश से 60 लाख टन कोयले और 2022-30 के दौरान प्रस्तावित तीसरे चरण में 3.6 लाख करोड़ रुपये के निवेश से नौ करोड़ टन कोयले के गैसीकरण का लक्ष्य सरकार ने घोषित किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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