गांवों को आदर्श बनाने के लिए फसल पैटर्न को बदलने की आवश्यकता: गडकरी

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[email protected] । Mar 9 2019 6:50PM

वह यहां नवराष्ट्र सरपंच सम्राट और एग्रोटेक अवार्ड समारोह में भाषण करते हुए गडकरी ने कहा कि पंचायत प्रमुख जमीनी स्तर पर किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं और इसलिए उन्हें गांवों की प्रगति में उत्प्रेरक बनना चाहिए।

नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि गांवों कोआदर्श गांव बनाने के लिए वहां खेती में अपनाए जाने वाली फसल पद्धतियों के साथ प्रयोग करने की जरूरत है। उन्होंने ग्रामों के मुखिया लोगों को फसलों की खेती के रूप बदलाव की अगुवाई करने का आह्वान किया। वह यहां  नवराष्ट्र सरपंच सम्राट और एग्रोटेक अवार्ड  समारोह में भाषण करते हुए गडकरी ने कहा कि पंचायत प्रमुख जमीनी स्तर पर किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं और इसलिए उन्हें गांवों की प्रगति में उत्प्रेरक बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक सरपंच अपने गाँव को आदर्श गांव बनाने का संकल्प ले तो पूरा देश आदर्श के रूप में स्थापित होगा।

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फसल पैटर्न में बदलाव पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि देश में चीनी, गेहूं और दालों का अधिशेष उत्पादन हो रहा है। हमें अपने फसल पैटर्न को बदलने और बाजार की मांग के अनुरूप वैकल्पिक फसलों की ओर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। इस दिशा में तथा उत्पादन लागत को कम करने के लिए गांव के स्तर पर गांव के सरपंच को नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे स्कूलों, अस्पतालों, काम तथा कृषि उपज के लिए उचित मूल्य नहीं मिलने जैसी समस्याओं के कारण ग्रांव के लोग शहरों का रुख करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रवास के लिए इस चक्र को तोड़ने के लिए चौतरफा प्रयास करने की आवश्यकता है।

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उन्होंने कहा कि मुझे स्मरण है कि वर्ष 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी याद ने मुझे दिल्ली बुलाया और देश के हर गांव को सड़कों से जोड़ने का एक मसौदा तैयार करने को कहा था। मेरी अध्यक्षता वाली समिति ने एक रिपोर्ट जमा कराई और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत की गई। उन्होंने कहा कि एक विशेषज्ञ ने उनसे कहा था कि सभी गांव को सड़कों से जोड़ने से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कम से कम 1.9 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी।

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