एनबीएफसी के लिये कर्ज प्रतिभूतिकरण की राहत अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ी
रिजर्व बैंक की इससे पहले नवंबर में जारी अधिसूचना के मुताबिक छह माह की अवधि तक रखने के बाद कर्ज का प्रतिभूतिकरण करने की व्यवस्था मई 2019 तक के लिये दी गई थी।
मुंबई। रिजर्व बेंक ने गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को नकदी की कमी से उबरने के लिये कुछ और राहत दी है। केन्द्रीय बैंक ने एनबीएफसी के लिये उनके कर्ज के प्रतिभूतिकरण के जरिये धन जुटाने के वास्ते न्यूनतम होल्डिंग अवधि की आवश्यकता को आगे बढ़ा दिया है। एनबीएफसी को पांच साल से अधिक परिपक्वता वाली अवधि के कर्ज को अपने खातों में छह माह तक बनाये रखने के बाद उनका प्रतिभूतिकरण करने की अनुमति दी गई है।
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इससे पहले इन कंपनियों को ऐसे कर्ज को कम से कम एक साल तक अपने खातों में रखना होता था। रिजर्व बैंक की इससे पहले नवंबर में जारी अधिसूचना के मुताबिक छह माह की अवधि तक रखने के बाद कर्ज का प्रतिभूतिकरण करने की व्यवस्था मई 2019 तक के लिये दी गई थी।
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केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि समीक्षा के बाद यह तय किया गया है कि इस व्यवसथा को 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ा दिया जाये।न्यूनतम होल्डिंग अवधि में राहत दिये जाने से एनबीएफसी को फायदा होगा।इससे ये कंपनियां पांच साल से अधिक अवधि के कर्ज का प्रतिभूतिकरण कर अधिक धन जुटा सकेंगी। उल्लेखनीय है कि आईएल एण्ड एफएस के पिछले साल अगस्त अंत में डिफाल्ट होने के बाद से एनबीएफसी और आवास वित्त कंपनियां संकट का सामना कर रही है।स्थिति यहां तक बिगड़ गई कि सरकार को इसे अपने नियंत्रण में लेना पड़ा। इससे क्षेत्र में नकदी की तंगी पैदा हो गई।
#RBI extends relaxed norms for NBFC loan securitisation till December 31 https://t.co/0ifmAIIfZN pic.twitter.com/ptAuRPLczl
— Financial Express (@FinancialXpress) May 29, 2019
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