चालू वित्त वर्ष का विनिवेश लक्ष्य घटाया गया, 2023-24 में 51,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य

Disinvestment target
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वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही सरकार ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में विनिवेश से 51,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए विनिवेश लक्ष्य को 65,000 करोड़ रुपये से घटाकर 50,000 करोड़ रुपये कर दिया है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही सरकार ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में विनिवेश से 51,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है। चालू वित्त वर्ष और साथ ही अगले वित्त वर्ष में सरकारी संपत्तियों के मौद्रीकरण से लगभग 10,000 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।

पूंजीगत प्राप्तियों के बजट में विनिवेश से मिली रकम को विविध प्राप्तियों के तहत रखा जाता है। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट दस्तावेज़ के अनुसार चालू वित्त वर्ष में विविध पूंजीगत प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 60,000 करोड़ रुपये है। अधिकारी ने कहा कि इस 60,000 करोड़ रुपये में 50,000 करोड़ रुपये विनिवेश से और 10,000 करोड़ रुपये संपत्ति के मौद्रीकरण से मिले हैं। अगले वित्त वर्ष में विनिवेश से 51,000 करोड़ रुपये सहित विविध पूंजीगत प्राप्तियां 61,000 करोड़ रुपये आंकी गई हैं।

निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की वेबसाइट के अनुसार, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अबतक सीपीएसई में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर 31,100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है, जबकि पूरे साल के बजट में इसके लिए 65,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। सरकार अगले वित्त वर्ष में आईडीबीआई बैंक के अलावा शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, एनएमडीसी स्टील लिमिटेड, बीईएमएल, एचएलएल लाइफकेयर, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और विजाग स्टील जैसी कंपनियां का निजीकरण करना चाहती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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