डीएएमईपीएल को भुगतान में मदद करें केंद्र, दिल्ली सरकार : डीएमआरसी

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दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने केंद्र और दिल्ली सरकार से दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) को मध्यस्थता मामले में शेष राशि का भुगतान करने के लिए धन देने को कहा है।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने केंद्र और दिल्ली सरकार से दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) को मध्यस्थता मामले में शेष राशि का भुगतान करने के लिए धन देने को कहा है। डीएमआरसी ने कहा यदि इस समय उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित किया जाता है, तो लाखों यात्रियों को बस इतना कहा जाएगा कि वे दिल्ली मेट्रो का उपयोग नहीं कर सकते। डीएएमईपीएल का दरअसल कहना है कि डीएमआरसी ने उसे 14 मार्च को केवल 166.44 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

डीएएमईपीएल ने अपनी याचिका में डीएमआरसी के बैंक खातों और सावधि जमा को कुर्क करके 4,427.41 करोड़ रुपये के भुगतान का निर्देश देने की अपील की है। डीएमआरसी ने उच्च न्यायालय में दाखिल अतिरिक्त हलफनामे में कहा, ‘‘यदि डीएएमईपीएल के किसी भी अनुरोध को इस अदालत द्वारा मंजूर की जाता है, तो इससे इस समय डीएमआरसी का संचालन पूरी तरह से ठप हो जाएगा।

यह जनहित के खिलाफ होगा। दिल्ली-एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा बनाई गई मेट्रो व्यवस्था पर रोजाना लगभग 48 लाख लोग यात्रा करते हैं।’’ दिल्ली मेट्रो ने कहा कि वह पहले ही लगभग 2,600 करोड़ रुपये की राशि दे चुका है और अपने शेयरधारकों से धन की उम्मीद कर रही है ताकि मध्यस्थ मामले में शेष राशि के भुगतान को पूरा किया जा सके।

डीएमआरसी की तरफ से पेश महा न्यायावादी आर वेंकटरमणी ने कहा कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्वामित्व वाली डीएएमईपीएल को भुगतान करना जरूरी है, लेकिन दिल्ली मेट्रो की चिंताएं भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। विधि अधिकारी ने डीएएमईपीएल को किए जाने वाले भुगतान के संबंध में तौर-तरीकों को अदालत के समक्ष पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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